मां एक चीयरलीडर है
न्यू विंडसर, अमेरीका से कोरी डैनियल मैकक्लेलन
जब मैं छोटी थी, मैं एक तैराक थी। दूसरे तैराकों की तुलना में मैंने देर से तैरना शुरू किया, इसलिए मुझमें बहुत सी कमियां थीं। मैं क्षेत्रीय टीम में सबसे पीछेवाली थी और मुझे लगता था कि मैं कभी भी दूसरों की बराबरी नहीं कर पाऊंगी। हर रात, मैं रोते हुए घर जाती थी और अनगिनत बार अपनी मां से कहती थी कि मैं तैराकी छोड़ना चाहती हूं। तब मेरी मां हमेशा यह कहते हुए मुझे प्रोत्साहित करती थी कि यदि मैं हार न मानकर कड़ी मेहनत करूं, तो अच्छी तरह तैर सकूंगी।
मां की बात सही थी। जितना हो सके मैं हर दिन बड़े यत्न से अभ्यास किया, और मेरी तैराकी की गति तेज और तेज होने लगी, और मैं लगातार अपने नए रिकॉर्ड को तोड़ने लगी। आखिरकार, मैं टीम में तेज तैरने वालों में से एक बन गई, यहां तक कि मैं दूसरों को सिखाने लगी कि वे कैसे बेहतर हो सकते हैं। मेरी मां को मुझ पर बहुत गर्व महसूस था। और मैं हमेशा उसे डींग मारते हुए सुनती रहती थी कि कैसे मैं इतने कम समय में अद्भुत रूप से विकसित हो सकी।

मां मेरी हर एक प्रतियोगिता में आती थी और सब कुछ करती थी जिससे मेरी मदद हो सके। उसने तैराकी खेल के अधिकारी बनने के लिए शिक्षण में भी भाग लिया, और अधिकारियों के साथ काम करने में भी स्वेच्छा से भाग लिया। मेरी टीम के सदस्यों को एकजुट बनाए रखने के लिए मेरी मां ने प्रत्येक सदस्य के लिए कंबल भी बनाए। आर्थिक रूप से हमारी टीम को समर्थन देने के लिए प्रतियोगिताओं के दिनों में वह अस्थायी दुकान खोलकर नाश्ते बेचती थी।
लेकिन मैं मां पर शर्मिंदा होती थी। खासकर जब वह गला फाड़कर चिल्लाते हुए, मुझे प्रोत्साहन देती थी, मुझे इतनी शर्म आती थी कि जैसे ही मैं प्रतियोगिता के बाद पूल से बाहर आती थी, मैं कभी भी उसकी ओर पलटकर नहीं देखती थी और जल्दी से वहां से भाग जाती थी। मुझे यह बात भी पसंद नहीं थी कि वह “चीयरलीडर मम्मी” के नाम से जानी जाती है। फिर भी मां ने मुझसे निराश हुए बिना कई सालों तक मुझे लगातार प्रोत्साहन देती थी।
मेरे तैराकी कैरियर में एक ऐसा समय आया था जब मुझे अपने निश्चित रिकॉर्ड को तोड़ना पड़ा। मेरा मुख्य खेल 50 यार्ड की फ्री-स्टाइल स्प्रिंट थी और मैंने डेढ़ साल के अपने अभ्यास काल में कभी भी 30 सेकंड के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ा था। वह आखिरी मौका था कि मैं उस अवधि में मेरे रिकॉर्ड को तोड़ सकी।
उस दिन, मैं प्रारंभिक दौर में सबसे तेज थी, लेकिन अंतिम दौर में मुझे सबसे बाहरी लेन में रखी गई। इसका मतलब था कि मैं प्रतिकूल परिस्थिति में थी; क्योंकि जितना अधिक मैं बाहरी लेन की ओर जाती हूं, उतना मुश्किल से मुझे दूसरे तैराकों के द्वारा बनाई गईं धाराओं के विपरीत तैरना पड़ता है। मैं अपने मन में पहले से ही हार गई थी।
जब मैं अपने तैराकी चश्मे पहनकर प्रारंभ-स्थल पर खड़ी, तब मैंने दूसरे दिनों की तरह मां को जोर से मुझे प्रोत्साहित करते हुए सुना। पहले ऐसा होता तो शर्मिंदा होकर मैंने अपने कान बंद कर दिए होते, पर न जाने क्यों, उस दिन मैंने उसकी बात ध्यान से सुनी। “तुम कर सकती हो! चिंता मत करो! कल्पना करो कि तुम बीच की लेन में हो! आज तुम 30 सेकंड का रिकॉर्ड तोड़ दोगी! मेरी बेटी 30 सेकंड का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है!”
उस दिन मुझे मां की आवाज और अधिक जोर से सुनाई दे रही थी। जैसे ही मैंने पानी में गोता लगाया, मैंने केवल उसकी आवाज पर ध्यान केंद्रित किया। उसकी पुकार के द्वारा मैं अपने चारों ओर चल रही बातों को जान सकी – सभी बातें जो मैं देख नहीं सकी कि कौन सबसे आगे है, कितनी लंबाई मैंने छोड़ी है, और सब कुछ। जब मैं आखिरी क्षण तक ताकत लगाकर लेन के अंत में पहुंची, तब मैंने मां को चिल्लाते हुए सुना।
वह बार-बार चिल्लाकर कह रही थी। मैंने मेरा रिकॉर्ड जानने के लिए घड़ी की ओर भी नहीं देखा लेकिन स्टैंड की ओर देखकर जल्दबाजी में मां को ढूंढ़ती रही। जैसे ही मैंने मां को देखा, मैंने भी विजय पर ऊंची आवाज से चिल्लाया। मैं सीधे उसकी ओर दौड़ी और हम एक दूसरे को गले लगाकर उछलने लगे।
“मैं जानती थी तुम कर सकती हो!”
उसकी आंखों में आंसू उमड़ आए। यह सब केवल मेरी मां के कारण था कि मैं अपने 30 सेकंड का रिकॉर्ड को तोड़ सकी। उसकी आवाज ने मेरे भय, चिंता और अहंकार को तोड़ दिया। जब मैं तैरने में धीमी थी और टीम में मुझ पर ध्यान नहीं दिया गया था, तभी उसे कभी भी मुझ पर शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई। मैंने उसके साथ क्यों इतना रुखा व्यवहार किया था? मुझे खुद पर इतनी शर्म महसूस हुई कि मैं उसे पकड़कर बस रोती रही।
उस दिन से, मैं अपनी प्रतियोगिता खत्म होने के बाद तुरन्त मां की ओर दौड़ती। और मैं भी मां की तरह जोर–जोर से दूसरों को प्रोत्साहित करती। उस कारण से हम दोनों ‘चीयरलीडर्स’ के रूप में कहलाने लगीं।
भले ही मैं अब और उसे पूल में प्रोत्साहित करते हुए नहीं देख सकती, लेकिन मेरी मां अभी भी मेरे लिए एक चीयरलीडर है। वह हमेशा के लिए मेरी चीयरलीडर है, जो बिना झिझक के मेरे जीवन को प्रोत्साहित करती है।