जब कभी पिनोकिओ ने झूठ बोलता है, क्यों उसकी नाक लंबी हो जाती है? क्या उस पर पोलीग्राफह्यझूठ का पता लगाने वाला यंत्रहृ था?
यह एक निराधार कहानी नहीं है। अमेरिका में शिकागो के गंध और स्वाद के उपचार और अनुसंधान संस्थान के मुख्य प्रबंधक डॉ। एलन हिर्श ने खोजा कि जब कोई व्यक्ति झूठ बोलता है, तब उसकी नाक वास्तव में बढ़ती है क्योंकि ‘कटेकोलामीन’ नामक रसायन स्रावित होता है और अस्थायी रूप से नाक की रक्त वाहिकाओं को फुलाते हैं। चूंकि नाक के अंत के फुला हुआ तंत्रिका ऊतक नाक को गुदगुदाता है, तो झूठा अनजाने में अपनी नाक को रगड़ता या छूता है। इसे ‘पिनोकिओ प्रभाव’ कहा जाता है।
वास्तव में, जब एक व्यक्ति झूठ बोलता है, तब सिर्फ नाक ही प्रतिक्रिया नहीं करती। लेकिन ‘क्या करूं यदि लोगों को सत्य पता चले?’ सोचकर तनाव और डर में होते हुए उसकी स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली बदलती है; उसका रक्तचाप बढ़ जाता है, उसका मुंह सूख जाता है, उसका चेहरा लाल हो जाता है या उसे ठंडा पसीना आता है। इस तरह, उसका शरीर तुरन्त चेतावनी दिखाता है।
हालांकि, कभी–कभी शरीर झूठ पर प्रतिक्रिया नहीं करता। यह तब होता है जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रसन्न करने के लिए ‘सफेद झूठ’ बोलता है। चूंकि उसका इरादा किसी को चोट पहुंचाना या धोखा देना नहीं होता, तो उसे तनाव होने की जरूरत नहीं होती। फिर भी, यदि आप दूसरों को प्रसन्न करना चाहते हों, तो यह अधिक प्रभावशाली होगा कि आप सफेद झूठ के बजाय अपनी ईमानदारी से कहें, है न?