
संसार में ऐसा कोई नहीं है जो कुछ काम किए बिना अपने दिनों को बेकार गंवाता है। जबसे एक मनुष्य का जन्म होता है, तबसे लेकर पृथ्वी पर आखिरी सांस लेने तक उसे काम करना पड़ता है। वे लोग भी जो दिखने में कुछ भी न करने वाले जैसे लगते हैं, वे खाते हैं, सोते हैं और सोचते हैं।
सभी लोग काम कर रहे हैं, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। लेकिन कुछ लोग ऐसा महान कार्य कर पाते हैं जिसे कोई दूसरा नहीं कर सकता। वे वो लोग हैं जिन्हें पहले से ही यह मालूम पड़ा है कि जीवन जीने के लिए मनुष्य को जो समय दिया गया है, वह बहुत छोटा और बहुमूल्य है कि वे हर दिन एक जैसा काम दोहराते हुए उसे समाप्त नहीं कर सकते।
उनके जीवन में स्पष्ट लक्ष्य होते हैं। इसलिए वे एक दिन को भी व्यर्थ नहीं गंवाते। काम जो अपनी दिनचर्या में करना चाहिए, काम जो अवश्य ही करना चाहिए, काम जो करने से लाभ होता है, काम जो करने से लाभ नहीं होता है, काम जिससे हानि हो सकती है, इत्यादि बहुत कामों के बीच फर्क करते हुए वे अर्थपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करते हैं। जब वे अपरिहार्य परिस्थितियों में कुछ समय के लिए कठिनाई झेलने को मजबूर होते हैं, तब भी वे अपने जीवन के लक्ष्यों के लिए एक और अधिक अर्थपूर्ण विचार और अर्थपूर्ण काम कर लेते हैं।
“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिए प्रतिफल मेरे पास है।” प्रक 22:12
स्वर्ग के राज्य में जाना आपका लक्ष्य है। आज आपने क्या किया है?