दो प्रकार के तापमान हैं: एक वास्तविक तापमान है जो थर्मामीटर के द्वारा मापा जाता है, और दूसरा पवन ठिठुरन तापमान है जो शरीर के द्वारा महसूस किया जाता है।
पवन ठिठुरन तापमान पवन के तापमान सहित पवनों की गति, नमी, सौर ऊष्मा इत्यादि के आधार पर मापा जाता है। इनके अलावा, गर्मी और ठंड के प्रति होनेवाली लोगों की शारीरिक प्रतिक्रियाओं के बीच अंतर होने की वजह से भी वह तापमान अलग–अलग महसूस किया जा सकता है। जो लो ग ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, वे गर्म मौसम में भी ठिठुर सकते हैं। और ठंड के कारण भले ही लोग गर्म कपड़ों में लिपटे रहते हैं, जिन लोगों के शरीर अधिक गर्म रहते हैं, वे ठंड ज्यादा महसूस नहीं करते।
हृदय से महसूस किया जाने वाला एक पवन ठिठुरन तापमान भी है। एक ही स्थिति के बावजूद, लोग उसे अलग अलग महसूस करते हैं। मेरे लिए वसंत का गर्म और सुखद मौसम किसी के लिए एक सर्दी हो सकती है। मेरे लिए एक ताजी हवा दूसरों के लिए एक भारी तूफान हो सकता है। इसलिए हम किसी से लापरवाही से ऐसा नहीं कह सकते कि वह छोटी–छोटी बातों से व्यर्थ परेशान होता है। इन वसंत के दिनों में जब तापमान और धूप सुहानी हो जाती है, आइए हम उन लोगों का, जो अपने हृदयों से अब भी नए मौसम का स्वागत न कर पाते हुए सिकुड़ रहे हैं, माता के प्रेम से आलिंगन करें।