
कारपेंटर मधुमक्खियां सवेरे–सवेरे शहद इकट्ठा करने के लिए एक फूल से दूसरे फूल पर उड़ती हैं। उनका धड़ साधारण मधुमक्खियों की तुलना में बड़ा और मोटा होता है, लेकिन उनका धड़ बड़ा होने के बावजूद उनके पंख छोटे होते हैं। हवा के गतिविज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो उनका बाहरी ढांचा उड़ान के लिए उपयुक्त नहीं है।
तब कैसे कारपेंटर मधुमक्खियां ऐसे छोटे पंखों के साथ उड़ सकती हैं जो उड़ने के लिए उचित नहीं हैं? उसका रहस्य उनके पंखों की तेज फड़फड़ाहट में निहित है। दूसरी मधुमक्खियां जितना फड़फड़ाती हैं, यदि उतना ही कारपेंटर मधुमक्खियां अपने पंखों को फड़फड़ाएंगे, तो वे कभी उड़ नहीं सकतीं, इसलिए वे दूसरी मधुमक्खियों से अधिक जी–तोड़ मेहनत करके अपने पंखों को फड़फड़ाती हैं। वे एक सेकंड में 200 से अधिक बार अपने पंखों को फड़फड़ाती हैं। उसके परिणामस्वरूप, उनके पंखों के बगल की मांसपेशियां विकसित होती हैं और इसलिए भले ही उनका बाहरी ढांचा हवा में तैरने के लिए भी कठिन है, लेकिन एक दिन में वे 200 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक उड़ सकती हैं।
क्या आप भी यह सोचते हुए कोशिश नहीं कर रहे हैं कि परमेश्वर के द्वारा सौंपा गया सुसमाचार का मिशन पूरा करने के लिए आप में क्षमता की कमी है? वह क्षमता का पंख जो आपके पास है, शायद छोटा हो सकता है, लेकिन यह तो कोई बुरी बात नहीं है। जैसे कारपेंटर मधुमक्खियां शहद को इकट्ठा करने के लिए जी–तोड़ मेहनत करते हुए अपने पंखों को फड़फड़ाती हैं, वैसे ही यदि आप हार माने बिना लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोशिश करते रहेंगे, तो ऐसा कुछ नहीं होगा जो आप पूरा नहीं कर सकेंगे। यदि आप सुसमाचार का एक स्पष्ट लक्ष्य बनाएंगे और उसे पूरा करने के लिए कोशिश करते रहेंगे, तब आप परमेश्वर में सब कुछ कर सकेंगे।
जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूं। फिलि 4:13