अपने भाई से अपने समान प्रेम रखो
गिम्छन, कोरिया से पार्क जंग आ

मेरा घर हमेशा शोर से भरा रहता है। जो शोर मचाते हैं, वे मेरा बेटा और बेटी हैं जिनके बीच एक साल का अंतर है। वे दोनों हमेशा एक साथ खेलते हैं लेकिन ज्यादातर एक लड़ाई में उनका खेल समाप्त होता है। कभी–कभी मैं उन्हें एक दूसरे से एक मीटर दूर बैठने का आदेश भी देती हूं। हालांकि जब मैं खाने की तैयारी या सफाई करती हूं, वे फिर से एक साथ होकर खेलने लगते हैं।
मेरे बच्चों को देखकर, मेरे आसपास के लोग मुझसे ईर्ष्या करते और कहते हैं, “यह देखना बहुत अच्छा लगता है कि वे वापस में मिलजुलकर रहते और एक दूसरे की अच्छी देखभाल करते हैं।” भले ही यह सुनकर मैं खुश होती हूं, लेकिन जब भी वे घर में छोटी–छोटी बातों पर झगड़ा करते हैं, तो मैं परेशान हो जाती हूं।
एक दिन, चर्च में आयोजित ‘परिवार के आमंत्रण समारोह’ की तैयारी के लिए मेरे परिवार को पारिवारिक समाचार पत्र बनाने और एक दूसरे को पोस्टकार्ड लिखने का मिशन दिया गया। पारिवारिक समाचार पत्र बनाने के लिए सबसे पहले हमें तस्वीरें ढूंढ़नी पड़ीं। इसलिए मैं ससुराल गई और एक एल्बम लेकर आई जिसमें मेरे बच्चों की तसवीरें थीं। मैंने कुछ उपयुक्त तस्वीरों का चयन किया और उन्हें समाचार पत्र पर चिपकाने वाली थी। मैं अपनी बेटी के कमरे में जाकर गोंद खोज रही थी। तब मैंने किसी को सिसकते हुए सुना। वह मेरी बेटी थी। बिस्तर पर एल्बम को देखकर वह रो रही थी।
“येजीन, तुम क्यों रो रही हो?”
“मां, मुझे नहीं पता था कि मेरा भाई मुझे इतना पसंद करता है।”
वह उस समय ली गई तस्वीरों को देख रही थी जब वह नवजात शिशु थी और उसका भाई एक वर्ष का था। तस्वीरों में भाई उसके गाल पर चुंबन दे रहा था और उसके मुंह में दूध की बोतल रखकर उसे अपनी बांहों में सुला रहा था। वह यह कहते हुए फूट फूट कर रोने लगी कि उसे लगा कि उसका भाई उससे नफरत करता है। मैंने उसे उन तस्वीरों के बारे में विस्तार से समझाया और अब से अपने भाई के साथ अच्छी तरह से मेल मिलाप रखने के लिए कहा।
उसके बाद वह थोड़ा–थोड़ा बदलने लगी और मैंने उसे देखकर परमेश्वर को धन्यवाद दिया। “अपने भाई से अपने समान प्रेम रखो,” मुझे अपने बच्चों के द्वारा परमेश्वर की इच्छा का एहसास होता है। क्योंकि जब भाई और बहन भाईचारे के साथ एकजुट रहते हैं, तो माता–पिता वास्तव में खुश होते हैं।