अपने सपने को पूरा करने के लिए

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एक आदमी था जिसका सपना अभिनेता बनने का था। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए अधिक बार ऑडिशन देता था। लेकिन वह हर बार इस कारण से फेल हो जाता था कि उसके व्यक्तित्व और चेहरे में कुछ भी खास नहीं है। उसने 10 सालों तक 800 से भी अधिक बार ऑडिशन दिया। इस बीच उसे बहुत सारा काम करना पड़ा जैसे कि बारटेंडर, चौकीदार, पेंटर इत्यादि का काम। लेकिन उसने अभिनेता बनने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा।

एक दिन उसने एक नाटक में अपनी पूरी ऊर्जा के साथ अभिनय किया। उसके अभिनय को देखकर आलोचकों ने उसकी बहुत प्रशंसा की। उसका भविष्य उज्जवल और आशाजनक लग रहा था, लेकिन उसको अचानक एक ऐसी बुरी खबर मिली जो साफ आसमान में कड़कती हुई बिजली के समान थी। उसे ब्रेन ट्यूमर हो गया। दस घंटे के बड़े ऑपरेशन से उसका ट्यूमर निकाल दिया गया था, लेकिन उसका बायां कान बहरा हो गया, और उसके चेहरे को आंशिक लकवा हो गया। एक अभिनेता के लिए, जिसे चेहरे के हाव–भावों के जरिए दर्शकों के साथ अपनी भावनाओं का आदान–प्रदान करना चाहिए, चेहरे का लकवा एक भयानक रोग था।

लेकिन उसने अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। लगातार रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग करने से उसके चेहरे का लकवा पूरी तरह से ठीक हो गया, और आखिर उसने अपने सपने को पूरा किया। यह अभिनेता “मार्क रफ्फालो” की कहानी है जो फिल्म श्रृंखला एवेंजर्स में हल्क की भूमिका निभाने के बाद प्रसिद्ध हो गया है।