
जब आप बिना शर्तों के दूसरों की मदद करते हैं, एंडोर्फिन का स्राव अधिक मात्रा में होता है और यह आपको खुशी का एहसास करवाता है और साथ ही यह आपके शरीर में अच्छा परिवर्तन लाता है। यह मनोरोग चिकित्सा की भाषा में हेल्पर’स हाई (Helper’s High) कहलाता है।
अक्षरश: इसका मतलब सबसे उच्च मानसिक तृप्ति है जिसे सहायता देने वाला व्यक्ति महसूस करता है। दरअसल, उन 3,000 स्वयंसेवकों पर एक प्रयोग किया गया जिन्होंने एक सप्ताह में आठ घंटे से अधिक दूसरों की सहायता की, और यह परिणाम प्राप्त किया गया कि उनमें से 95 प्रतिशत ने हेल्पर’स हाई का अनुभव किया।
जोर जबरदस्ती से की गई सेवा भी कुछ अलग नहीं है। विशेष रूप से अपराधियों से संबंधित मामलों के लिए कानूनी कार्य करने वाले लोग कहते हैं कि अपराधी जिन्हें परख अवधि में रहने और समाज सेवा करने का आदेश दिया गया है, उनमें से बहुत शुरुआत में दबाव में आकर सेवा करते हैं, लेकिन बाद में वे धीरे–धीरे सच्चे दिल से सेवा करने लगते हैं। इससे साफ जाहिर है कि हम दूसरों की सेवा करने से न केवल दूसरों की सहायता करते हैं, बल्कि अपने–आपमें भी बदलाव लाते हैं।
जब स्वयंसेवा की बात आती है, हम उसमें सिय्योन के सदस्यों की स्वयंसेवाओं को नहीं छोड़ सकते। परमेश्वर ने हमसे संसार में नमक और ज्योति बनने के लिए कहा है। परमेश्वर के इस वचन का आदर करते हुए जब सिय्योन के सदस्य मुसीबत में पड़े पड़ोसियों को मददगार हाथ देते हैं और प्रोत्साहन देते हैं, तब वे बहुत बार हेल्पर’स हाई का अनुभव करते हैं। इसी कारण उनके चेहरों पर हमेशा भरपूर मुस्कान और खुशी रहती है। हालांकि कोई भी उनको मान्यता नहीं देता, लेकिन उनका अच्छा कार्य आज भी और कल भी जारी रहेगा।