परिवार संयोग से नहीं होता, लेकिन अनिवार्य से होता है
परिवार एक दूसरे की देखभाल करने के लिए होता है। परिवार के मायने, प्रेम और पारिवारिक संबंध को बनाए रखा जाना चाहिए।
परिवार एक ऐसे लोगों का समूह है जो जैविक रूप से जीन साझा करते हैं और जिनके पास एक समान या संबंधित रक्त प्रकार है। चूंकि शरीर की सभी कोशिकाओं को रक्त के माध्यम से ही पोषण और ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है, इसलिए रक्त जीवन का आधार है। परिवार उसी रक्त का साझा करता है।
परिवार का संबंध किसी भी अन्य संबंध से बढ़कर मजबूत होता है। परिवार की एकजुटता के लिए एक कहावत है: “लहू पानी से अधिक गाढ़ा होता है।” परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम को कभी रोका नहीं जाता। अपनी मर्जी से परिवार को छोड़ देनेवालों के सिवाय, लोग जो अपने परिवार से अलग हो गए हैं उनके लिए अपने परिवार को खोजना स्वाभाविक है।
लोग कहते हैं कि माता-पिता और संतानों के बीच का संबंध स्वर्ग से तय होता है। जीवन में बहुत बार आपको चुनाव करने का मौका होता है, लेकिन माता-पिता, भाई-बहन, और संतान चुनाव का मामला नहीं है। चाहे माता-पिता अमीर हैं या गरीब, चाहे भाई-बहन का व्यक्तित्व एक समान है या नहीं, और चाहे संतान आज्ञाकारी हैं या नहीं, हमें केवल उन्हें स्वीकार करना है और प्रेम करना है। लोग तो यहां तक कहते हैं कि एक दूसरे के बगल से गुजरने वाले लोग भी मिलने के लिए नियुक्त थे। इसलिए, पति और पत्नी जो एक साथ रहते हैं और परिवार के एक नए सदस्य को जन्म देते हैं, वे लहू के संबंध के समान ही सबसे बड़ा संबंध है।
मित्र या सहकर्मी ऐसे लोग हैं जिन्हें हम चुन सकते हैं या अपना मन बदलने पर उनसे संबंध तोड़ सकते हैं, लेकिन परिवार ऐसा नहीं है। घर एक ऐसी जगह है जहां हम बहुत सी संघर्षों का सामना करते हैं क्योंकि अलग-अलग पीढ़ी के लोग जिनके पास अलग-अलग व्यक्तित्व होता है, प्रतिदिन एक छत के नीचे रहते हैं। एक जापानी फिल्म निर्देशक ने तो यहां तक कहा है, “परिवार एक ऐसी चीज है जिसे आप दूर फेंक देना चाहते हैं जब कोई न देख रहा हो।”
कभीकभी, लोगों को अपने परिवार के द्वारा चोट पहुंचाई जाती है या निरुत्साहित हो जाते हैं, कुछ लोगों के लिए, उनके परिवार सरदर्द के समान होते हैं और यहां तक कि वे उनसे संबंध भी तोड़ना चाहते हैं। अत्यधिक हस्तक्षेप के कारण, कभी-कभी लोग उस परिवार नामक नकेल से बाहर निकलना चाहते हैं। हालांकि, जितना हम परिवार से दूर जाते हैं, उतना ही अधिक हम उन्हें याद करते हैं। क्योंकि परिवार के द्वारा हम चंगे भी हो सकते हैं।
क्या परिवार टूट रहे हैं या उनमें विभिन्नता बढ़ रही है?
पारंपरिक परिवार का ढांचा, जो शादी और रक्त संबंध पर केन्द्रित होता है, वह आज बहुत तेज़ी से बदल रहा है। एकल माता-पिता परिवार, सौतेला परिवार, दत्तक परिवार, और विभक्त परिवार जैसे विभिन्न परिवार के प्रकार हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक परिवार का मानक अस्पष्ट हो गया है।
लोग जिसे परिवार समझते हैं वह दायरा अब सीमित हो गया है। कुछ साल पहले, कोरियाई जातीय समानता और परिवार मंत्रालय के द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, दस में से चार व्यक्ति अपने भाई-बहनों को परिवार नहीं समझते, और यहां तक कि हर पांच में से एक व्यक्ति अपने माता-पिता को भी परिवार के सदस्य नहीं समझता। सर्वेक्षण में हिस्सा लेनेवालों में से आधे लोगों ने अपने पति या पत्नी के माता-पिता को परिवार समझने से इनकार किया था।
अब, अधिक से अधिक लोग विभिन्न कारणों से अकेले रहते हैं। इस कारण से, एक व्यक्ति के लिए उत्पाद ज्यादा बनाए जाते हैं, और ऐसे रेस्तरां भी हैं जहां लोग अकेले खाना खा सकते हैं। कुछ मामलों में, लोग अकेले मर जाते हैं और उनके परिवार को उसके बारे में बहुत देर के बाद पता चलता है। इस कारण से आज ऐसी संस्थाएं भी पैदा हुई हैं जो अकेले मर गए लोगों के द्वारा छोड़ी गई चीजों को साफ करते हैं।
इस तथ्य के लिए, कुछ लोग कहते हैं कि परिवार टूट रहे हैं, और कुछ कहते हैं कि हमें पीढ़ी के अनुसार बदल रहे परिवार के ढांचे की विभिन्नता को स्वीकार करना चाहिए। परिवार ढांचा तो बदल सकता है, लेकिन हर किसी के लिए परिवार को कुछ न कुछ अर्थ होता है। और, घर एक ऐसी अति महत्वपूर्ण जगह है जहां हम अपने पूरे जीवन के लिए शक्ति पाते हैं और आनन्द लेते हैं। हमें इस तथ्य को कभी नहीं भूलना चाहिए कि चाहे लोग किसी भी प्रकार के परिवार के ढांचे में रहते हो, एक परिवार को एक दूसरे के साथ एक गहरे संबंध और भरोसे के द्वारा आपस में जुड़ा होना चाहिए।
परिवार को एक दूसरे की देखभाल करने की आवश्यकता है
ऐसा कोई नहीं है जो जन्म के समय से किसी दूसरे की देखभाल के बिना अकेले जीवित रह सकता है। उसका परिवार उसे खिलाता है, कपड़े पहनाता है, शिक्षण देता है और उसकी सुरक्षा करता है; वह एक परिवार नामक बाड़ में बढ़ता है। परिवार के द्वारा देखभाल पाते हुए, वह यह सीखता है कि दूसरों की देखभाल कैसे करना है, और बाद में वह भी किसी दूसरे की देखभाल करनेवाला बन जाता है।
किसी व्यक्ति के पास एक परिवार होना एक महान वरदान है जहां उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है। एक बच्चे के लिए, परिवार सबकुछ होता है, और परिवार के हार्दिक प्रेम और देखभाल का उसके शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। जो व्यक्ति आत्मनिर्भर होने तक अपने परिवार से पर्याप्त देखभाल प्राप्त करता है, उसके पास अच्छा स्वाभिमान और मानसिक स्थिरता होती है।
परिवार की देखभाल का अर्थ केवल मातापिता का बच्चों को बड़ा करना नहीं होता, लेकिन उसमें उन सभी बातें शामिल हैं जो घर पर और कार्यस्थल पर होती है। जब माता-पिता बूढ़े और बीमार हो जाते हैं, तो बच्चे उनकी देखभाल करते हैं; चूंकि बच्चे अपने परिवार के द्वारा देखभाल पाकर बड़े हुए हैं, वे एक परिवार के सदस्य के रूप में उनके लिए जिम्मेदार हैं। जब कोई किसी परेशानी का सामना करता है, तो उसका परिवार उसकी रक्षा करता है; और जब वह मर जाता है, तो उसका परिवार उसका अंतिम संस्कार करता है। इस प्रकार से एक मनुष्य अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक निरंतर बिना किसी दाम के अपने परिवार से देखभाल पाता है और उनकी देखभाल करता है।
कुछ लोग कहते हैं, “परिवार एक ऐसी सामाजिक प्रणाली है जिसमें लोग हमेशा जानते हैं कि उसके अन्य सदस्य इस समय कहां है।” परिवार एक दूसरे को बिना किसी संकोच के यह सवाल कर सकते हैं कि वे इस समय कहां हैं। चाहे वे शारीरिक रूप से एक दूसरे से बहुत दूर हैं, वे हमेशा यह जानना चाहते हैं कि वे इस समय कहां हैं और क्या कर रहे हैं। वे हमेशा एक दूसरे की सुरक्षा की चिंता करते रहते हैं, और जब कभी उनके परिवार के सदस्य किसी संकट में होते हैं तो वे तुरंत ही वहां आ जाते हैं। एक दूसरे की देखभाल करते हुए, परिवार एक बनता है।
जब परिवार एक बनता है, जीवित रह सकता है
नवंबर, 1846 में, एक अमेरिकी खोजकर्ताओं का समूह, जो नए जीवन की खोज में चले थे, सिएरा नेवादा में फंस गए थे। दल के लगभग 80 सदस्यों में से 15 पुरुष अकेले थे जिनका परिवार साथ में नहीं था, और बाकी के साथ अपना परिवार था। उन्होंने कई महीनों तक ठंड और भूख को सहन किया, और अगले वर्ष के मार्च महीने में बचाव दल के द्वारा बचाए गए। जब बचाव दल आया, तो केवल 40 लोग जीवित थे। उन 15 पुरुषों में से जिनके साथ अपना परिवार नहीं था और जो सेहतमंद और स्वतंत्र थे, केवल 3 ही जीवित बच सके, और जिनके साथ अपने परिवार थे उनमें से आधे से भी ज्यादा लोग जीवित बचे थे। बचे हुओं में से कुछ तो छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी थे।
उनकी शारीरिक शक्ति ने नहीं, परन्तु परिवार के प्रेम ने उन्हें उस कठोर दर्द को जीतने में सक्षम बनाया था। बचे हुओं में से एक जिनकी उम्र 65 साल थी, उसके हाथ में एक गहरा जख्म था, लेकिन वह अपनी पत्नी की देखभाल के कारण बचाव दल के आने तक जीवित रह सका। मानवविज्ञानी डोनाल्ड ग्रेसन जिसने उस घटना का अध्ययन किया, ने कहा, “परिवार जीवित बचे रहने की प्रमाणित चेक है।”
1995 की गर्मियों में, अमेरिका के शिकागो में तेज गर्मी की लहर आ पड़ी थी। चूंकि 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म दिन जारी रहे, तो एक महीने के भीतर लगभग 700 लोग उस गर्म विपत्ति के कारण मर गए। एक क्षेत्र में, 65 पुरुष जो अकेले रहते थे, मर गए और उनमें से अधिकांश लोग बाहरी दुनिया से अलग होकर, केवल अपने घर में रहते थे। हालांकि, साउथ लॉनडेल में बहुत कम लोग उसके शिकार हुए थे, जो शिकागो का सबसे गरीब इलाका है। यह पता चला कि वहां के लोग अपने परिवार के साथ रहते थे।
ऑस्ट्रेलिया में, एक मरा हुआ अपरिपक्व शिशु तब वापस जीवित हो गया जब उसकी मां ने उसे अपनी छाती से लगाया। अमेरिका में, जब अपरिपक्व दो जुड़वा बहनों को एक ही इन्क्यूबेटर में रखा गया था, तो बड़ी बहन ने छोटी बहन के ऊपर अपना हाथ रखकर उसे गले से लगाया, और छोटी बहन जिसकी हालत नाजूक थी, ठीक हो गई। उन शिशुओं को जो अभी-अभी परिवार के सदस्य बने हैं, आधुनिक चिकित्सा उपकरण या तकनीक ने नहीं बचाया था, लेकिन परिवार के प्रेम ने बचाया था।
परिवार के एकजुट होने पर कुछ भी असंभव नहीं है। कुछ लोग कहते हैं, “यदि आप इस पृथ्वी पर जीवित रहना चाहते हैं तो एक परिवार बनाओ।” परिवार का प्रेम और बंधन कठोर पर्यावरण में भी जीने की एक इच्छा पैदा करता है और निराशा में भी आशा की किरण दिखाता है।
जब 11 सितंबर के आतंकी हमले और डायगू मेट्रो आगजनी की दुर्घटना जैसी विपत्तियां आती हैं, तब लोग जो उनमें से बाहर नहीं निकल सके, वे अपने परिवार के लिए अपना अंतिम संदेश छोड़ते हैं। जब उन पर मृत्यु का साया मंडराया, तब किसी ने भी धन या सफलता के बारे में बात नहीं की। उन्होंने अपने परिवार के लिए संदेश छोड़े कि वे उनसे प्रेम करते हैं, या पीछे छूट गए परिवारजनों के लिए चिंता व्यक्त की। स्टीव जॉब्स जो एक वैश्विक कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी था, उसने अपने जीवन के अंतिम क्षण में अपनी कंपनी की चिंता नहीं की, लेकिन परिवार के महत्व के बारे में बात की थी। मेरी क्यूरी, जिसने दो बार नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था और इस संसार में महान उपलब्धि हासिल की थी, उसने भी कहा था कि, इस संसार में एकमात्र खुशी यह है कि परिवार एक दूसरे के साथ संबंधित है और एक बनता है।
परिवार ऐसे लोगों का समूह है जो चाहे एक दूसरे को पसंद करते हैं या न करते एक साथ रहते हैं। जब कुछ अच्छी चीज होती है, तो वे सब एक साथ खुशी मनाते हैं, और जब उनके पास कठिन समय होता है, तो वे एक दूसरे को ढाढ़स और हौसला देते हैं। जिस प्रकार एक गीत के शुरुआती शब्द कहते हैं, “हम संयोग से नहीं मिले हैं,” परिवार का आपस में मिलना कभी भी संयोग नहीं होता। शायद परिवार एक ऐसा अनिवार्य संबंध है जो परमेश्वर की योजना के अनुसार बनाया गया है जिसे मनुष्य थाह नहीं ले सकता।