सुरक्षित बेस स्टेशन

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बर्फ का महाद्वीप अर्थात् दक्षिणी ध्रुव आकार में कोरियाई प्रायद्वीप से साठ गुना बड़ा है। यह विशाल शुद्ध महाद्वीप उत्तरी ध्रुव के साथ-साथ पृथ्वी की प्रणाली में आवश्यक भूमिका निभाता है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील रूप से प्रतिक्रिया करता है, जिससे हम जलवायु परिवर्तन को समझ सकते हैं और दुनिया भर में इसके प्रभावों का पूर्वानुमान कर सकते हैं। दक्षिणी ध्रुव में कई सरकारों के अपने बेस स्टेशन हैं, और वे विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देते हैं जैसे दक्षिणी ध्रुव की हिमानी में छेद करना, उल्कापिंड इकट्ठा करना, उप-हिमनदी झीलों की छानबीन करना और भूवैज्ञानिक विशेषताओं, ज्वालामुखियों, खगोल विज्ञान और सूक्ष्मजीवों पर शोध करना।

हर गतिविधि प्रत्येक देश द्वारा स्थापित प्रत्येक बेस स्टेशन पर केंद्रित है। बेस स्टेशन का निर्माण करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक सुरक्षा है। बेस स्टेशन 250 किमी/घंटे तेज हवा और -34 डिग्री सेल्सियस भीषण ठंड में मानव जीवन को बचाने की सुविधा के लिए रचा जाता है। तेजी से बदलते जलवायु का पूर्वानुमान करने के लिए उच्च तकनीक के अवलोकन उपकरण और संचार उपकरण, भंडारण जहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति न होने की स्थिति के लिए लंबे समय तक भोजन और सामानों को रख सकते हैं, बिजली और पानी प्रदान कर सकने वाली बिजली उत्पादन सुविधाएं, ये सब बेस स्टेशन में आवश्यक हैं। बेस स्टेशन, जो विशाल बर्फीली भूमि पर स्थापित हुआ है, सबसे सुरक्षित किला और विश्राम स्थल है, जहां दल के सदस्य अन्वेषण की यात्रा के लिए अपने शरीर और मन को तरोताजा कर सकते हैं।

हमारे पास भी सुरक्षित बेस स्टेशन है। वह परमेश्वर हैं(भज 18:2)। परमेश्वर हमें अपनी आंखों के तारे के समान सुरक्षित रखते हैं, इसलिए जीवन के आंधी-तूफान आने पर भी हम स्वर्ग की आशा खोए बिना फिर से खड़े हो सकते हैं। जब तक हम अपने सुसमाचार का मिशन पूरा करके स्वर्ग नहीं लौट जाएं, तब तक हम हमेशा परमेश्वर की सुरक्षित और प्रेममय गोद में पवित्र आत्मा की शक्ति और साहस प्राप्त करेंगे। हमारे प्रेम के सुरक्षित बेस स्टेशन अर्थात् परमेश्वर में, हम सब बातें सहन कर सकते हैं, विश्वास रख सकते हैं और सब कुछ कर सकते हैं।