अजीब गणना

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एक आदमी था जो किसी जर्जर गली में वफ़ल बेचता था। वफ़ल की कीमत ऐसी थी: एक वफ़ल 30 रुपये में और तीन वफ़ल 100 रुपये में। लेकिन उसकी गणना थोड़ी अजीब थी। यदि एक वफ़ल 30 रुपये का है, तो तीन वफ़ल 90 रुपये के होने चाहिए।

लेकिन कीमत सूची पर लिखा था, “100 रुपये में 3।” उसके ग्राहकों ने आश्चर्य होकर उससे पूछा, “चाचा, क्यों आप उन लोगों को सस्ते दाम पर नहीं बेचते जो ज्यादा खरीदते हैं?”

उसने उत्तर दिया, “वह जो एक खरीदता है उस व्यक्ति से ज्यादा गरीब है जो तीन खरीदता है। इसलिए यह सस्ता होना चाहिए।”

उसने यह भी कहा कि एक ऐसा छात्र था जिसने अपने दोस्त के साथ एक वफ़ल बांटकर खाया, और कभी-कभी ऐसी बुजुर्ग महिला भी थी जिसने रद्दी कागज इकट्ठा करके प्राप्त किए पैसों से एक वफ़ल खरीदा।

उसकी गणना गणितीय सूत्र के अनुसार सही नहीं थी, लेकिन वह अभी अभी बेक किए हुए वफ़ल से भी ज्यादा स्नेहपूर्ण था।