चर्च ऑफ गॉड ने हाल ही में इंग्लैंड की रानी का स्वयंसेवा पुरस्कार प्राप्त किया है। यह पुरस्कार सिय्योन में सभी सदस्यों को दिया गया है जिन्होंने परमेश्वर की शिक्षाओं को अभ्यास में लाने के लिए पूरे मन और निष्ठा से एक साथ मिलकर मेहनत की है। चूंकि यह पुरस्कार हमारे सदस्यों को दूसरों के लिए बलिदान और सेवा करने के सम्मान में प्रदान किया गया है, इसलिए हमें यह पुरस्कार बहुत मूल्यवान लगता है।
चर्च ऑफ गॉड को अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वयंसेवा पुरस्कार और कोरियाई राष्ट्रपति का संगठन प्रशस्ति पत्र सहित अनेक पुरस्कार मिलने की खबर दुनिया के कोने-कोने से पहुंच रही है। आइए हम बाइबल के द्वारा इसके बारे में सोचने का समय लें कि क्यों परमेश्वर आज हमें ऐसे प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार लगातार प्रदान करते हैं।
परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि वह सिय्योन के लोगों को, जो उनकी शिक्षाओं पर पूरी तरह विश्वास करते हैं और उनका पालन उनकी इच्छानुसार करते हैं, पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में उनकी कीत्र्ति और प्रशंसा फैला देंगे।
हे सिय्योन, ऊंचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो! यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरा शत्रु भी दूर किया गया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिये तू फिर विपत्ति न भोगेगी। उस समय यरूशलेम से यह कहा जाएगा: “हे सिय्योन, मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएं। तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊंचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा। “जो लोग नियत पर्वों में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उनको मैं इकट्ठा करूंगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उनको बोझ जान पड़ती है। उस समय मैं उन सभों से जो तुझे दु:ख देते हैं, उचित बर्ताव करूंगा। और मैं लंगड़ों को चंगा करूंगा, और जबरन निकाले हुओं को इकट्ठा करूंगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीत्र्ति सब कहीं फैलाऊंगा। उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊंगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा और जब मैं तुम्हारे सामने तुम्हारी समृद्धि को लौटा लाऊंगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीत्र्ति और प्रशंसा फैला दूंगा,” यहोवा का यही वचन है। सपन 3:14–20
परमेश्वर ने सिय्योन के लोगों से कहा कि मत डरो और अपने हाथों को ढीला मत पड़ने दो। यह दिखाता है कि हमें किसी न किसी समय ऐसी निराशा और परेशानी भरी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब हम उदास होकर अपने हाथों को ढीला छोड़ते हैं। लेकिन परमेश्वर हमें उस समय प्रसन्न और आनन्दित रहने को कहते हैं, क्योंकि वह पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में हमारी कीत्र्ति और प्रशंसा फैला देंगे।
यह प्रतिज्ञा और भविष्यवाणी है जिसे परमेश्वर ने इन अंतिम दिनों में, यानी पवित्र आत्मा के युग में रहने वाले हम लोगों को दिया है। अभूतपूर्व रूप से हमारे चर्च को अत्यंत प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार मिलने का सिलसिला जारी रहता है और अखबार व मीडिया चर्च ऑफ गॉड की गतिविधियों और पुरस्कार जीतने की खबर प्रसारित करने में जुटे हुए हैं। इसलिए बहुत से लोग हमारे चर्च में दिलचस्पी दिखा रहे हैं और हमारी प्रशंसा कर रहे हैं। चूंकि दुनिया भर में हर एक चर्च के सदस्य परमेश्वर की इच्छानुसार ज्योति और नमक की भूमिका निभा रहे हैं और दूसरों के लिए जीवन जीने में खुश रहते हुए अपने आसपास के लोगों की आत्मिक जागृति की ओर अगुवाई कर रहे हैं, इसलिए संसार के लोगों की आंखों में भी चर्च ऑफ गॉड अच्छा–अच्छा दिख रहा है।
हम अभी अपनी आंखों से परमेश्वर के वचनों को साकार होते हुए और भविष्यवाणी को ठीक–ठीक पूरा होते हुए देख रहे हैं।
यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएं, जो मैं आज तुझे सुनाता हूं, चौकसी से पूरी करने को चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा। फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे। धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में। धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़–बकरी आदि पशुओं के बच्चे। धन्य हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती। धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय। व्य 28:1–6
परमेश्वर ने भविष्यवाणी की कि यदि हम उनकी सब आज्ञाओं के पालन में सावधान रहेंगे, तो वह हमें पृथ्वी की सब जातियों के ऊपर श्रेष्ठ करेंगे। परमेश्वर ने बार–बार जोर देकर कहा कि वह हमें पूंछ नहीं, किन्तु सिर ठहराएंगे(व्य 28:13–14)। सिर्फ वे ही जो परमेश्वर की सब आज्ञाओं का पालन करेंगे और उनके वचनों को पूरा करने को चित्त लगाएंगे, वे इस भविष्यवाणी के नायक हो सकेंगे।
अब तक हम संसार के लोगों के मार्ग से अलग मार्ग पर चले हैं। भले ही बहुत लोग परमेश्वर के वचनों का पालन नहीं करते, लेकिन अब तक हमने परमेश्वर के नियमों, व्यवस्थाओं व विधियों को सम्मान देते हुए उनकी शिक्षाओं के अनुसार जीने की कोशिश की है, और आगे भी हम उस तरह जीवन जीना जारी रखेंगे। चर्च ऑफ गॉड इसी कारण से ऐसा बड़ा ही अद्भुत कार्य कर सका है कि हमारे चर्च में वह परमेश्वर हैं जो भविष्यवाणी के अनुसार हर चीज पूरी करते हैं, और परमेश्वर के लोग भी हैं जो उनके वचनों का पालन करते हैं।
यशायाह नबी ने स्पष्ट रूप से हमें बताया कि बाइबल में लिखी सभी भविष्यवाणियां सिर्फ अक्षरों के रूप में नहीं रहतीं; परमेश्वर ने उन्हें असल में पूरा करने के मकसद से लिखा है।
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, ‘मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।’ मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करनेवाले पुरुष को बुलाता हूं। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैंने यह विचार बांधा है और उसे सफल भी करूंगा। यश 46:10–11
परमेश्वर अवश्य ही उस बात को पूरा करते हैं जिसे उन्होंने कहा है, और वह उस काम को अवश्य ही करते हैं जिसे करने की योजना उन्होंने बनाई है। इसलिए आज हमारी आंखों के सामने यह भविष्यवाणी सच हो रही है कि परमेश्वर हमें पृथ्वी की सारी जातियों में श्रेष्ठ करके सिर ठहराएंगे और हमारी कीत्र्ति और प्रशंसा फैला देंगे, और यह आगे भी लगातार पूरी होती जाएगी। परमेश्वर की योजना किसी न किसी तरीके से अवश्य पूरी हो जाएगी।
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है; और प्राण और आत्मा को, और गांठ–गांठ और गूदे–गूदे को अलग करके आर–पार छेदता है और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। सृष्टि की कोई वस्तु उससे छिपी नहीं है वरन् जिससे हमें काम है, उसकी आंखों के सामने सब वस्तुएं खुली और प्रगट हैं। इब्र 4:12–13
परमेश्वर का वचन मरा हुआ नहीं, लेकिन जीवित है, इसलिए वह ठीक रूप से पूरा होता है। परमेश्वर का वचन इतना प्रबल है कि वह हर एक के हृदय को बदलता है और सिय्योन के लोगों को कीत्र्ति और प्रशंसा दिलाता है। इसलिए यदि हम सदा सावधान रहकर परमेश्वर के वचनों में ध्यान लगाएंगे और उनका पालन करेंगे, तो हम अपनी आंखों से परमेश्वर के जीवित वचनों को ठीक रूप से पूरा होते हुए देखेंगे और परमेश्वर के शानदार कार्य के गवाह होंगे।
बाइबल बार–बार इस बात पर जोर देती है कि परमेश्वर का हर एक वचन बिना चूके पूरा होगा।
सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, “नि:सन्देह जैसा मैं ने ठान लिया है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी… यही युक्ति सारी पृथ्वी के लिये ठहराई गई है; और यह वही हाथ है जो सब जातियों पर बढ़ा हुआ है। क्योंकि सेनाओं के यहोवा ने युक्ति की है और कौन उसको टाल सकता है? उसका हाथ बढ़ाया गया है, उसे कौन रोक सकता है? यश 14:24–27
सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने जो युक्ति की है, उसे कौन टाल सकता है? परमेश्वर ने जो ठान लिया है, उसे कौन रोक सकता है? परमेश्वर ने जो करने की ठान ली, उसे कोई भी व्यक्ति रोक नहीं सकता। भले ही कोई परमेश्वर के कार्य में बाधा या रुकावट डाले, फिर भी परमेश्वर का वचन बिना चूके पूरा होगा।
परमेश्वर ने कहा, “जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी।” यह वचन सिर्फ सिय्योन के लोगों के लिए लागू होता है जो परमेश्वर की शिक्षाओं का पालन करते हैं। उसके परिणामस्वरूप, बाइबल की सभी भविष्यवाणियां सिय्योन में अनोखे ढंग से एक के बाद एक सच हो रही हैं। चूंकि बाइबल में जगह–जगह परमेश्वर ने कहा कि वह भविष्यवाणियों को अवश्य ही पूरा करेंगे, इसलिए आइए हम अन्त तक परमेश्वर के वचन पर विश्वास करें और हर दिन यह देखने की उत्सुकता और उम्मीद के साथ जीवन जीएं कि परमेश्वर कैसे हमारी कीत्र्ति और प्रशंसा फैलाएंगे।
मैंने पहले सोचा था कि यूरोपीय समाजों पर ईसाई धर्म का गहरा रंग चढ़ा होगा। लेकिन जब मैंने हाल ही में इंग्लैंड का दौरा किया, तब मैंने यह आश्चर्य की बात जान ली कि वहां ईश्वर को न मानने वाली नास्तिकता का बहुत अधिक फैलाव हुआ है। यूरोप में बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते और चर्च के प्रति धीरे–धीरे अविश्वासी बनते जा रहे हैं। उस कारण से ईसाइयों की संख्या काफी समय से कम हो रही है और चर्च की कई इमारतों का उपयोग दूसरी चीजों के लिए किया जा रहा है।
इसे देखकर मैं जल्दी से सत्य की ज्योति फैलाने और उसे अंधेरे संसार में उज्ज्वलता से चमकाने की कर्तव्य–भावना से भर उठा। सुसमाचार का प्रचार करना, कुछ ऐसी बात नहीं है जिसे हम खुद ही अपनी इच्छाशक्ति से कर सकते हैं, इसलिए हमें उसे करने के लिए पूरी तरह परमेश्वर की सहायता की जरूरत है।
यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा। भज 127:1
सिर्फ परमेश्वर ही हर चीज का प्रबंधन और संचालन करते हैं। इसलिए हमें सिर्फ परमेश्वर के वचनों पर विश्वास करना और उनका पालन करना है और वह कार्य करना है जिसे करने की आज्ञा परमेश्वर ने हमें दी है।
चर्च ऑड गॉड का दौरा करने वाला हर कोई यह प्रश्न पूछता है, “केवल पूरे यूरोप में नहीं, बल्कि दुनिया भर में ईसाई धर्म का पतन हो रहा है, लेकिन कैसे दिनों–दिन चर्च ऑफ गॉड का व्यापक रूप से प्रसार और विकास हो रहा है? ऐसा विकास होने के पीछे क्या रहस्य है?” यह सब परमेश्वर की सहायता से ही संभव हुआ है न?
मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी? मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है। भज 121:1–2
बाइबल कहती है कि हमें सहायता परमेश्वर की ओर से मिलती है। जब परमेश्वर हमारी सहायता करें, तभी हम सात अरब लोगों को सुसमाचार प्रचार करने के आंदोलन को अनुग्रहपूर्वक पूरा कर सकते हैं। मनुष्य के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो सभी 7 अरब लोगों को प्रचार करने का लक्ष्य दूर की कौड़ी लग रहा है। लेकिन भले ही हमारी शुरुआत छोटी हो, लेकिन अंत में परमेश्वर हमारे भविष्य को बहुत समृद्ध बनाएंगे।
चर्च ऑफ गॉड ने पूरी दुनिया में स्थापित किए जाने से पहले अपनी छोटी शुरुआत की थी, लेकिन अब संसार के पांच महासागरों और छह महाद्वीपों में परमेश्वर का राज्य स्थापित हुआ है, और बहुत देशों से लोग सत्य के वचनों के अनुसार सिय्योन में धारा के समान उमड़ आ रहे हैं। यह सब परमेश्वर की सहायता से संभव हुआ है। मैं चाहता हूं कि हम सभी इस बात को महसूस करें कि पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर स्वयं सभी कार्यों का संचालन करते हैं, और इस बात पर पूरा यकीन करें कि हमें सहायता एलोहीम परमेश्वर की ओर से मिलती है जिन्होंने आकाश और पृथ्वी और सारी वस्तुओं को रचा, और भविष्यवाणियों के साथ कदम से कदम मिलाते हुए आगे बढ़ें।
हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने ही नाम की महिमा, अपनी करुणा और सच्चाई के निमित्त कर। भज 115:1
दरअसल, हमने कुछ नहीं किया है, फिर भी अब तक परमेश्वर ने हमें सब नतीजों का सारा श्रेय और महिमा दी है। अब से सारी महिमा परमेश्वर के नाम को लौटनी चाहिए, है न? सबसे पहले हमें परमेश्वर को महिमा देनी चाहिए, और फिर हमें परमेश्वर की महिमा प्रकट करने के लिए अपना पूरा मन और शक्ति लगानी चाहिए, ताकि संसार के सभी लोग और अंतरिक्ष के सभी वासी सदा तक परमेश्वर की प्रशंसा कर सकें।
सिय्योन में हमारे भाइयों और बहनों को जरूरतमंद पड़ोसियों की मदद करने के लिए समर्पित भाव से सेवा करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। आत्मिक रूप से भी ऐसा ही है। परमेश्वर ने कहा कि वह स्वर्ग में हर एक को उसके कामों के अनुसार पुरस्कार देंगे(प्रक 22:12)। तब हमें परमेश्वर से पुरस्कार पाने के लिए अपने जीवन में किन उपलब्धियों को पीछे छोड़ना चाहिए?
यीशु ने उत्तर दिया, “एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिए, और मार पीटकर उसे अधमरा छोड़कर चले गए। और ऐसा हुआ कि उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था, परन्तु उसे देख के कतराकर चला गया। इसी रीति से एक लेवी उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतराकर चला गया। परन्तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। उसने उसके पास आकर उसके घावों पर तेल और दाखरस ढालकर पट्टियां बांधीं, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उसकी सेवा टहल की। दूसरे दिन उसने दो दिनार निकालकर सराय के मालिक को दिए, और कहा, ‘इसकी सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा।’ अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा?” उसने कहा, “वही जिस ने उस पर दया की।” यीशु ने उससे कहा, “जा, तू भी ऐसा ही कर।” लूक 10:30–37
यीशु के द्वारा ऊपर दिए गए दृष्टांत में, जब एक याजक और लेवी ने उस मनुष्य को देखा जो डाकुओं के हाथों में पड़ गया था और अधमरा छोड़ दिया गया था, तब वे कतराकर चले गए, क्योंकि उन्होंने सोचा कि यदि वे कुछ जटिल मामले में हाथ डालेंगे तो वे भी दिक्कत में फंस जाएंगे। लेकिन जब एक सामरी व्यक्ति ने उस मनुष्य को देखा, तब उसे उस पर बहुत तरस आया, और ‘मैं उसका जीवन बचाने के लिए क्या कर सकता हूं?’ सिर्फ यह सोचते हुए उसने वह सब कुछ किया जो वह उसके लिए कर सकता था। यीशु ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सामरी व्यक्ति ही डाकुओं के हाथों में पड़े हुए मनुष्य का सच्चा पड़ोसी है, और कहा, “जा, तू भी ऐसा ही कर।”
डाकुओं के हाथों पीटे गए मनुष्य के समान संसार के सभी लोग अधमरा छोड़ दिए गए हैं। जब तक हम स्वर्ग में उनकी अगुवाई नहीं करते, तब तक उनकी आखिरी मंजिल नरक होगी। अपने स्वर्ग में किए गए पापों के कारण वे युगानुयुग नरक की पीड़ा में तड़पते रहेंगे।
हर दिन अनगिनत लोग हमारे पास से गुजरते हैं। हमें उन्हें संकट में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए, लेकिन उन पर दया करनी चाहिए और सोचना चाहिए कि हम कैसे उनके कदमों को वापस स्वर्ग की ओर मोड़ सकते हैं। आइए हम दयालु सामरी के समान मानसिकता रखें और 7 अरब लोगों को बचाने का आंदोलन पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें।
याजक, लेवी और सामरी, इन तीनों लोगों में से परमेश्वर किसे पुरस्कार देंगे? जरूर क्या वह दयालु सामरी को पुरस्कार नहीं देंगे? जो धार्मिकता की ओर बहुत सी आत्माओं की अगुवाई करके उन्हें बचाते हैं, वे स्वर्ग में सर्वोच्च पुरस्कार पाएंगे(दान 12:1–3)।
“दयालु सामरी के जैसा करो,” परमेश्वर के इस वचन को मन में रखते हुए, हमें सभी मनुष्यों को बचाने में आगे रहना चाहिए। मैं आग्रहपूर्वक आपसे निवेदन करता हूं कि अपने नजदीक में रहने वाले परिवारजनों, दोस्तों और पड़ोसियों से शुरू होकर दुनिया भर के सभी लोगों को जीवन और आशीष के वचनों का प्रचार करें, ताकि आप सभी स्वर्ग में महिमा के दिन पुरस्कार प्राप्त कर सकें।