परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्यों पर शासन करते हैं

दानिय्येल का चौथा अध्याय

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दानिय्येल राजा नबूकदनेस्सर की आज्ञानुसार उसके सामने आ खड़ा हुआ। वह राजा के सपने का अर्थ बताने के लिए बुलाया गया था।

“हे बेलतशस्सर1, मैं जानता हूं कि किसी भी रहस्य को समझना तेरे लिए कठिन नहीं है। मैंने जो सपना देखा था, उसका अर्थ समझाओ जैसा पहले तू ने किया था। मेरे सामने धरती के बीचों–बीच एक वृक्ष खड़ा था। वह वृक्ष बड़ा होता हुआ एक विशाल मजबूत वृक्ष बन गया। वृक्ष की चोटी आकाश छूने लगी। वृक्ष की पत्तियां सुन्दर थीं। वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ियों का बसेरा था, और हर किसी ने वृक्ष पर लगे भरपूर फलों को खाया। तभी एक पवित्र पहरुआ स्वर्ग से उतर आया। जब उसने ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा, ‘वृक्ष को काट डालो, इसकी टहनियों को काट डालो। इस वृक्ष के नीचे आसरा पाए हुए पशु कहीं दूर भाग जाएंगे। किन्तु इसके तने और इसकी जड़ों को धरती में रहने दो। उसका मन पशु के मन जैसा हो जाएगा; उसके ऐसा ही रहते हुए सात काल बीत जाएंगे।’ अब मुझे बताओ कि इस सपने का अर्थ क्या है?”

1. बेलतशस्सर: बेबीलोन में दानिय्येल का दूसरा नाम

तब दानिय्येल राजा का सपना सुनकर चकित हुआ और सोचते–सोचते व्याकुल हो गया और थोड़ी देर के लिए एकदम चुप हो गया।

“इस सपने से तू व्याकुल मत हो। जल्दी मुझे इसका अर्थ बताओ।”

दानिय्येल ने दुखित होकर राजा के सपने का अर्थ बताया।

“हे राजा, वह वृक्ष आप ही है। आप महान और शक्तिशाली बन चुके हैं। आपकी शक्ति बढ़ी और स्वर्ग तक पहुंच गई, और आपकी प्रभुता पृथ्वी की छोर तक फैली है। लेकिन आपका मन मैदान के पशु के मन जैसा बन जाएगा, और आप बैलों के समान घास से पेट भरेंगे, और सात वर्ष आप पर बीतेंगे। आपका साम्राज्य आपको वापस मिल जाएगा। किन्तु यह उसी समय होगा जब आप यह जान जाएंगे कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के साम्राज्यों पर शासन करते हैं और वह जिसे भी चाहते हैं, उसको राज्य दे देते हैं। इसलिए हे राजा, आप कृपा करके मेरी सलाह मानें। मैं आपको यह सलाह देता हूं कि आप पाप करना छोड़ दें और जो उचित है, वही करें। कुकर्मों का त्याग कर दें। गरीबों पर दयालु हों। तभी आप सफल बने रह सकेंगे।”

एक साल के बाद राजा के सपने की तरह घटित हुआ।

जब राजा नबूकदनेस्सर बेबीलोन के राजभवन की छत पर टहल रहा था, तब छत पर खड़े–खड़े ही वह कहने लगा, “बाबुल को देखो! इस महान नगर का निर्माण मैंने किया है। यह महल मेरा है! मैंने अपनी शक्ति से इस विशाल नगर का निर्माण किया है। इस स्थान का निर्माण मैंने यह दिखाने के लिए किया है कि मैं कितना बड़ा हूं।” उसी वक्त आकाशवाणी हुई।

“हे राजा नबूकदनेस्सर, तेरे साथ ये बातें घटेंगी। तुझसे राजा के रूप में तेरी शक्ति छीन ली गई है। तुझे प्रजा से दूर जाना होगा। जंगली पशुओं के साथ तेरा निवास होगा। तू बैलों के समान घास खाएगा। इससे पहले कि तू सबक सीखे, सात काल बीत जाएंगे। तब तू यह समझेगा कि मनुष्य के राज्यों पर परमप्रधान परमेश्वर शासन करते हैं और परमप्रधान परमेश्वर जिसे चाहते हैं, उसे राज्य दे देते हैं।”

फिर तत्काल ही ये सभी बातें राजा नबूकदनेस्सर के साथ घटीं।

भविष्यवाणी के अनुसार सात वर्ष बीतने के बाद, नबूकदनेस्सर ने अपनी आंखें स्वर्ग की ओर उठाकर परमेश्वर की महिमा की। तब उसे एक राजा के रूप में उसकी बुद्धि, सम्मान और शक्ति वापस लौटा दी गई। और वह फिर से राजा बन गया। वह पहले से भी अधिक महान और शक्तिशाली हो गया। तब नबूकदनेस्सर ने परमेश्वर की स्तुति की।

“उनके सब काम सच्चे, और उनके सब व्यवहार न्यायसंगत हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकते हैं।”

हर किसी के पास संसार से सम्मान पाने का मन होता है चाहे वह ज्यादा हो या कम। यदि कोई अपने मन को नियंत्रित न कर पाकर अपनी प्रशासनिक उपलब्धियों और सफलताओं पर गर्व करे और उन्हें लोगों को दिखाए, तो सच्चे और न्यायपूर्ण परमेश्वर निश्चय ही उसे नीचा करेंगे।

इस दुनिया पर शासन करने वाले परमेश्वर हैं। परमेश्वर किसी को भी अपनी इच्छा के अनुसार धन, सम्मान, शक्ति और अधिकार दे सकते हैं। जब आप इसे भूल जाएंगे, तब घमण्ड आपके मन में तुरन्त अंकुरित होगा, ताकि वह अब तक कठिन परिश्रम से इकट्ठी की गई आपकी स्वर्ग की आशीषों को एकदम गिरा सके।