“हम परिवार हैं न, इसलिए चलेगा?”

आइए हम परिवार के प्रति अपने गलत दृष्टिकोणों को बदलें!

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परिवार एक ऐसा सबसे पहला समुह है जिसमें जन्म लेने के बाद कोई व्यक्ति शामिल होता है; जिसमें सभी सदस्यों का लिंग और उम्र अलग–अलग होती है। यदि सदस्य निष्कपटता से एक दूसरे की देखभाल करने का प्रयास न करें, तो उनके संबंध में परेशानियां आती हैं। बहुत से लोग गलती से ऐसा सोचते हैं कि चाहे वे कुछ खास प्रयास न करें, फिर भी वे अपने परिवार के संबंध को बनाए रख सकते हैं। वे मानते हैं कि चूंकि वे एक परिवार के हैं, इसलिए उन्हें परिवार के दूसरे सदस्यों के सामने अच्छा बनना या फिर एक दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार करना जरूरी नहीं है। लेकिन हम देख सकते हैं कि परिवारों को अलग करनेवाले छोटे या बड़े झगड़े एक दूसरे के प्रति अविचारशील और अति लापरवाह बनने के कारण ही होते हैं।

इस महीने, आइए हम परिवार के बारे में कुछ ऐसे गलत दृष्टिकोणों के बारे में सोचें जो हमारे पास भी हो सकते हैं, और हमारे परिवार संबंध को और मजबूत बनाएं। परिवार के सदस्य बहुत ही बहुमूल्य लोग हैं जिनका हमारे जीवन पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी कारण से, परिवार के प्रत्येक सदस्य को सहज और कोमल संबंध बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

गलत दृष्टिकोण 1- ‘चूंकि हम एक ही परिवार के सदस्य हैं, मुझे उन्हें सब कुछ बताने की जरूरत नहीं है।’

ऐसे परिवार होते हैं जो परिवार के सदस्यों के प्रेम और बलिदान का सही मूल्य न समझकर हमेशा खामोश रहते हैं, और ऐसे भी परिवार होते हैं जो हमेशा “मैं आपसे प्रेम करता हूं,” “आपका धन्यवाद,” “मुझे क्षमा कीजिए,” “कोई बात नहीं,” “अच्छा काम किया,” इत्यादि जैसे शब्दों के द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं। उन दोनों परिवारों के माहौल में बड़ा अंतर होगा। लोग अपने परिवार के सदस्यों से सकारात्मक बातों के बदले नकारात्मक बातें बहुत जल्दी बोलते हैं। लेकिन, सभी को सकारात्मक बातें सुनना पसंद होता है। यदि आप यह सोचें कि ‘उससे अपने मन की बात कहने के बाद ही क्या वह मुझे समझेगा?’ तो आप वे बातें भी नहीं कह पाएंगे जिन्हें आपको कहना चाहिए। इसलिए सबसे पहले, चाहे आपको यह असहज न लगे, अपने मन की बात कहने की कोशिश करें।

अपने मन की बात अपने परिवार के सदस्यों को बताए बिना ही, जितना ज्यादा आप चाहेंगे कि वे आपको समझें, उनके आपकी इच्छा के अनुसार न करने पर आप उतने ही ज्यादा निराश होंगे।

“यदि तुम्हें पता ही नहीं है कि मैं क्या चाहती हूं, तब तुम कैसे अपने आपको मेरा पति कह सकते हो?”

“मुझे लगता था कि मां जानती होगी कि मुझे कैसा लगता है।”

“मेरे कहने के बाद ही क्या तुम्हें समझ में आता है?”

ये आरोप दूसरों के प्रति अत्याधिक अपेक्षाओं से पैदा होते हैं। यह स्वाभाविक है कि आप अपने किसी निकट के व्यक्ति सेअपेक्षाएं रखते हैं। लेकिन, जीवन गुजारने के दौरान आपके परिवार के सदस्यों के पास भी कुछ अपरिहार्य परिस्थितियां होंगी।जब आपस में कोई अनपेक्षित संघर्ष होता है, तो आपको अपनी अपेक्षाओं को बदलने और बातचीत के द्वारा समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए लचीला होना चाहिए। लोग कहते हैं कि परिवार के सदस्य एक दूसरे की आंखें देखकर उनके मन को पढ़ सकते हैं, लेकिन जितना ज्यादा आप उनसे बातचीत करेंगे, आपकी खुशी उतनी ही बड़ी होती जाएगी।

गलत दृष्टिकोण 2- ‘चूंकि वे मेरे परिवार के सदस्य हैं, वे मुझे समझेंगे।’

यदि आप सोचते हैं कि आपके परिवार के सदस्यों को हमेशा आपकी शिकायतों को समझना चाहिए, तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं।

हाल ही में, कोरियाई प्रसारण विज्ञापन प्राधिकरण ने एक विज्ञापन बनाया, जिसका शीर्षक था, “एक परिवार जो अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और है।” विज्ञापन में एक पति है जो अपने सहकर्मियों के प्रति अति विचारशील है, लेकिन अपनी पत्नी के प्रति बिल्कुल ऐसा नहीं है; एक माता है जो अपने ग्राहकों के प्रति नम्र है, लेकिन अपने बेटे के लिए कठोर है; एक बेटा है जो अपने दोस्तों के साथ खुशमिजाज है, लेकिन अपने पिता के साथ चिड़चिड़ा है; एक बेटी है जो नौकरी पर अच्छी है, लेकिन घर पर नहीं। यह विज्ञापन ऐसे परिवार के सदस्यों को चित्रित करता है जो दोहरा व्यक्तित्व रखते हैं, और फिर विज्ञापन के देखनेवालों से पूछते हैं कि, “क्या आप अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और हैं?”

आपको क्या लगता है कि कितने लोग निस्संदेह रूप से इस सवाल के जवाब में “नहीं” कहेंगे? इसलिए लोग कहते हैं, “जितना आप दूसरों के लिए करते हैं, उससे कम से कम आधा अपने परिवार के लिए भी कीजिए।” कभी–कभी हम परिवार के सदस्यों को दुख पहुंचाते हैं और उनके साथ सख्ती से पेश आते हैं, जबकि अपने मित्रों और सहकर्मि यों के प्रति दयालु बनते हैं। यह गलती दूसरों का ध्यान न रखने के कारण और बेपरवाह रवैये के कारण होती है; हम सोचते हैं कि, ‘चूंकि हम करीबी हैं, मेरे परिवार के सदस्य मुझे समझेंगे।’ यदि आपके परिवार के सदस्यों में से कोई भी उस तरह के गलत विचार से आपको परेशानी दे, तो क्या आप बड़े मन के साथ बिना किसी शर्त के उसे स्वीकार कर सकेंगे?

परिवार का संबंध विश्वास पर स्थापित होता है, लेकिन सदस्यों को उस संबंध को कायम रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। ऊपर बताया गया कि विज्ञापन उन परिवारों से जो अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और हैं, कहता है,

“जो दयालुता आप दूसरों को दिखाते हैं, कृपया वह अपने परिवार के सदस्यों को भी दिखाइए।”

गलत दृष्टिकोण 3- ‘चूंकि वे परिवार के सदस्य हैं, मैं उनसे कुछ भी कह सकता हूं।’

“कृपया कुछ वजन कम करो!”

“अरे, तुम्हें इतना भी मालूम नहीं है?”

“जाने दो! तुम बेहुदा हो!”

“तुमने सब कुछ बिगाड़ दिया।”

आपके प्रिय परिवार के सदस्यों ने जो बिना सोचे समझे बोल दिया था, वह आपके जीवन में सुनी सबसे बुरी बात भी हो सकती है। परिवार के सदस्य एक दूसरे से सबसे ज्यादा प्रेम करते हैं, लेकिन एक दूसरे को ठेस भी सबसे ज्यादा लगाते हैं।

जब आप दूसरों से बात करते हैं, आप सोचते हैं कि, ‘क्या होगा यदि मेरी इस बात से उसे ठेस पहुंचेगी तो?’ लेकिन जब आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ बात करते हैं, आप यह सोचते हुए कि आपका हर एक शब्द स्वीकार किया जाएगा, अक्सर लापरवाही से बातें बोलते हैं। कभी–कभी आप कुछ अनुचित बातें बोलकर उन्हें ठेस पहुंचाते हैं, लेकिन “मैं तो केवल मजाक कर रहा था,” कहकर अपनी अशिष्टता को तर्कसंगत या उचित ठहराते हैं, या फिर यह कहते हुए उन पर दोष लगाते हैं कि, “तुम्हारा मन कितना छोटा है!”

ऐसा क्यों है कि जब हम दूसरों की तुलना में अपने खुद के परिवार के सदस्यों से कुछ कठोर बात सुनते हैं तो हमें ज्यादा ठेस लगती है? इसका कारण है कि हम अपने परिवारों पर विश्वास करते हैं और उनसे प्रेम करते हैं। इसी कारण से, जब कभी हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ बातें करें, तो हमें उनकी भावनाओं, परिस्थितियों और उनके व्यक्तित्व के बारे में सोचना चाहिए। जिस प्रकार कहा जाता है कि किसी मित्र को क्षमा करने से दुश्मन को क्षमा करना बहुत आसान है, उसी तरह से उन भावनाओं का घाव भरना बहुत मुश्किल है जिन्हें किसी करीबी व्यक्ति के द्वारा चोट पहुंचाई गई है।

जैसे ही लोग घर पहुंचते हैं, वे तुरंत ही आरामदायक कपड़े पहनते हैं। इसका मतलब है कि वे घर में आराम और शांति महसूस करना चाहते हैं। इसलिए, जब आपके परिवार के सदस्य उस तरह की रक्षाहीन स्थिति में हैं, यदि आप यह सोचते हुए कि, ‘अपने परिवार के सदस्यों के साथ बात करते समय मुझे सोच–समझकर बोलने की आवश्यकता नहीं,’ बिना रोके अपनी भावनाओं को प्रकट करें या अपना गुस्सा दिखाएं, तो उससे उन्हें गंभीर रूप से ठेस पहुंचेगी। यदि ऐसी कोई बात है जिसे आप दूसरों से कहने से पहले हिचकते हैं, तो आपके परिवार के सदस्यों के साथ वह बात करते समय भी सावधान रहना चाहिए।

गलत दृष्टिकोण 4- ‘परिवार के प्रति भला शिष्टता की क्या आवश्यकता है?’

यदि आप अपने व्यापार के लिए किसी से मिलते हैं, तो आप उनसे मिलने से पहले मिलने का निश्चित समय पक्का करते हैं, और यदि आप उस समय पर नहीं पहुंच सकते, तो आप पहले से उन्हें कॉल या ईमेल करके बताते हैं। इस तरह से, आप अपने ग्राहकों को प्रभावित करना चाहते हैं। लेकिन, आपके परिवार के बारे में क्या? जब आप अपना किसी निश्चित समय का वादा नहीं निभा पाते, तो क्या आप यह सोचते हुए उसे सहजता से नहीं लेते कि, ‘अरे, इसमें मैं क्या कर सकता हूं? वे समझ जाएंगे।’

वास्तव में, परिवार के मुखिया अपने परिवार के प्रेमी सदस्यों के कारण ही अपने कामों को ज्यादा प्राथमिकता देता है, लेकिन जब उसी के कारण उन पर दोष लगाए जाते हैं, तो वे सोचते हैं कि यह अन्याय है। लेकिन, यदि आपको अपने परिवार के सदस्यों के साथ किया गया वादा न चाहने पर भी तोड़ना पड़े, तो आपको उन्हें पूरी परिस्थिति के बारे में समझाकर उनसे सहमति मांगनी चाहिए, ताकि आप उनका भरोसा न खो दें।

घर सहजीवन की एक ऐसी जगह है जहां सदस्य साथ में रहते हैं और प्रेम से एक दूसरे की मदद करते हैं। वह ऐसी जगह भी है जहां वे जीवन के बुनियादी शिष्टाचार सीखते हैं और अपने चरित्र का निर्माण करते हैं। इसलिए, जब परिवार के सदस्य एक दूसरे का आदर करते हैं और बुनियादी शिष्टाचार का पालन करते हैं, तब उससे एक सामंजस्यपूर्ण परिवार बन सकता है, और वे प्रफुल्लित और सक्रिय सामाजिक जीवन जी सकते हैं।

एक दूसरे के साथ मन खोलना अच्छा है, लेकिन यदि आप बेहद मर्यादाहीन व्यवहार करें, तो उससे झगड़े या मतभेद पैदा होंगे। एक कहावत भी है कि, “आप किसी से जितना निकट जाते हैं, आप को उस व्यक्ति के लिए उतना ही विचारशील होना चाहिए,” और एक कहावत कहती है, “घनिष्ठता से अशिष्टता को बढ़ावा मिलता है।” कन्फूशियस ने भी कहा है, “अपने परिवार के प्रति विनम्र बनो। यह मानवता की बुनियाद है।”

लोगों का सभी स्वभाव घर पर ही दिखता है। यदि आप अपने परिवार के सदस्यों के प्रति शिष्टता का पालन न करें और दूसरों के प्रति वह करें, तो वह केवल दिखावे के लिए है। लोग जो सच में विनम्र हैं, वे अपने सबसे निकट रहनेवाले परिवार के सदस्यों के प्रति शिष्टता का आचरण करते हैं।

यह सोचते हुए कि, ‘हम तो परिवार हैं, इसलिए चलेगा,’ अपने आपको उचित जाहिर न कीजिए। उसके बदले, आपको एकसामंजस्यपूर्ण और आनंदित परिवार बनाने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। चूंकि आप एक परिवार हैं, आपको एक दूसरे को ठेस पहुंचाए बिना, ज्यादा अपने मन की बातें बतानी चाहिए, विनम्र बनना चाहिए और सबसे अच्छे शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। तब, चाहे कोई तूफान भी आ जाए, आपके घर को कुछ हानि न होगी।

संदर्भ
『कोरियाई शैली का बातचीत कौशल』(लेखिका: ली जोंग-सुक)
『युवा महिला: युद्धभूमि का आनंद लो』(लेखिका: चा यंग)