एक दमकल कर्मी का आत्मबलिदान

शेर्लोट, अमेरिका से माइकेल मीन्स

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“वे ऐसे तेज व वीर सैनिक दल थे जो अग्रणी होकर आग से मुकाबला करते थे और नुकसान के फैलने से रोकने के लिए अवरोध लगाते थे। लेकिन उनकी अनिश्चित दुनिया में, परिस्थिति घातक रूप में बदलने के लिए ज्यादा कुछ नहीं लगता।”

सीएनएन ने उन 19 दमकल कर्मियों को मरणोपरांत सम्मानित किया है जो ऐरिजोना के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई। पूरा अमेरिका न केवल उन निडर पुरुषों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करता है, पर उस परिस्थिति को याद करते हुए दुख जाहिर करता है जिसका उन्होंने उस जंगल की आग को बुझाने के दौरान सामना किया होगा।

अमेरिका में, दमकल कर्मियों का बलिदान सिर्फ आपदा से मुकाबला करने का काम नहीं है; दमकल कर्मी उस समय से बलिदान देने का निश्चय कर लेते हैं जब वे प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वह जो सेवा करने की इच्छा रखता है, सबसे पहले उसे स्वेच्छा से अग्निशमन–स्कूल की कठोरता को अवश्य ही स्वीकार करना चाहिए। प्रशिक्षिण अवधि के दौरान, वे आग पर काबू पाने के अलावा, अक्सर प्राथमिक चिकित्सा, आग से सुरक्षित रूप से बच्चों को निर्देश देने आदि विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण पाते हैं। दमकल कर्मी बनने के बाद भी और अधिक बलिदान की आवश्यकता होती है; अक्सर 24 घंटों की शिफ्ट में काम करते हैं, वे दूसरों की सेवा करने के लिए अपने परिवारों को पीछे छोड़ देते हैं।

प्रेस्कॉट दमकल विभाग के सदस्य श्रेष्ठ लोग थे। कहा जाता है कि वह आग जिसे वे बुझाने की कोशिश कर रहे थे, उसका पूरा क्षेत्र 8,400 एकड़(32 किमी2) का था। जब वे घटनास्थल पर पहुंचे, वे उन तंबू जैसे आश्रयों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किए गए जो गर्मी का प्रतिरोध करते हैं। लेकिन यह कहने की जरूरत नहीं कि जब इन आश्रयों को लगाया जाता है, यह सिर्फ एक अंतिम उपाय होता है। मैंने कल्पना की कि उन्होंने उतनी भयानक आग का सामना यह जानते हुए किया कि यह कितना घातक है। उनके लिए यह अच्छा होता कि वे झुककर दौड़ जाते।

भले ही वे आग बुझाने में लगे, हवा की दिशा में परिवर्तन के साथ आग की दिशा अप्रत्याशित रूप से बदल गई और उन पर हावी हो गई। यह कहा गया कि मरने वालों की सूची में दमकल के सर्वेक्षक भी थे; यह संभव था कि वह आग बुझाने में अपनी हिस्सेदारी को कम करें और ऊंची पदवी पर दूसरों को सिर्फ आदेश दें। हालांकि, वह भारी कठिनाई के बावजूद अपने मिशन के लिए वफादार बने रहे।

जब मैं उन लोगों के प्रयासों पर विचार करता हूं, हमारे स्वर्गीय पिता मेरे मन में आते हैं। यदि हमारे पिता ने हमारी देखभाल न की होती जिन्होंने स्वर्ग में पाप किए थे, हम केवल पापी ठहरते जिनके पाप प्रकट किए गए हैं। यह दुनिया उन दमकल कर्मियों को सम्मान देती है जिन्होंने दूसरों की जिन्दगी को आग की लपटों से दूर रखने के लिए बधाओं और खतरों का सामना किया। मैंने अपने आप से पूछा कि क्या मैंने इस प्रकार का सम्मान स्वर्गीय पिता को दिया जो हमें अनंत आग की लपटों से बचाने के लिए इस धरती पर आए।

स्वर्गीय पिता ने लहू बहाते हुए अपना बलिदान किया और हमारी मरती हुए जिन्दगियों को बचाया। यहां तक कि उन अत्यधिक दर्दों और पीड़ाओं के बावजूद जो उनके जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली आग की लपटों के समान थे, उन्होंने हमारे उद्धार के लिए चलना बंद नहीं किया। हमें बचाने के लिए, उन्होंने हमें अपना शरीर, लहू, और यहां तक कि अपना जीवन भी दिया। वह प्रेम के साथ बलिदान के मार्ग पर हजारों वर्षों तक चले। कोई भी उसके समान नहीं कर सकता जैसा परमेश्वर ने किया।

चाहे मेरे चारों ओर मेरी जीवन की दिशाएं कितनी भी बदल जाएं और मुझे परेशान करें, फिर भी मैं ईमानदारी से पिता और माता से प्रार्थना करता हूं कि मैं कभी उनसे प्रभावित न होऊं और शिकायत के बिना हमेशा पिता और माता को धन्यवाद और प्रशंसा दूं ताकि आग की लपटों से मुझे बचाने के लिए किए गए पिता और माता के प्रयास व्यर्थ न हो सकें।