चैंपियनशिप जीतने का उपाय

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1984 टोक्यो इंटरनेशनल मैराथन में एक अप्रसिद्ध जापानी खिलाड़ी यामादा मोतोची ने अप्रत्याशित रूप से प्रसिद्ध खिलाड़ियों को हराकर स्वर्ण पदक जीता। लोगों ने कहा कि वह बहुत ही भाग्यशाली था। लेकिन इसके दो साल बाद, इतालवी इंटरनेशनल मैराथन में भी यामादा ने फिर से चैंपियनशिप जीत ली।

लंबे समय के बाद उसने चैंपियनशिप जीतने के उपाय का इस प्रकार खुलासा किया:

“हर मैराथन प्रतियोगिता शुरू होने से पहले, मैं अपने कोर्स को अच्छी तरह देखता हूं और बारीकी से जांचता हूं। मैं अपनी एक जेबी–नोटबुक में वहां की सभी महत्वपूर्ण इमारतों या पेड़ों के बारे में लिखता हूं और फिर पूरे मैराथन के कोर्स को कई भागों में बांटता हूं। उसके बाद मैं लक्ष्य बनाता हूं; उदाहरण के लिए, पहला लक्ष्य एक बैंक है, दूसरा लक्ष्य एक पेड़ है और तीसरा लक्ष्य एक लाल घर है… इस तरह मैं पूरे कोर्स को कई छोटे–छोटे लक्ष्यों में बांटता हूं। जब दौड़ शुरू होती है, तब मैं बहुत तेजी से अपने पहले लक्ष्य बैंक की ओर ऐसे ही दौड़ता हूं, जैसे मैं 100 मीटर की दौड़ में दौड़ता हूं। जब मैं बैंक तक पहुंचता हूं, तब मैं फिर से उसी गति से दूसरे लक्ष्य पेड़ की ओर दौड़ता हूं।”

वह इस कारण बिना थके लंबी मैराथन दौड़ को पूरा कर सका, क्योंकि उसने कई लक्ष्य बनाए थे जहां वह अंतिम रेखा, यानी अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने से पहले थोड़े ही समय के अन्दर पहुंच सकता था।