अपने पहले संकल्प को बनाए रखने का तरीका

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बहुत लंबे समय पहले जब एक राजा ग्रामीण क्षेत्र में एक गांव से गुजर रहा था, वह एक जवान चरवाहे से मिला जो लोभ–लालच से रहित और वफादार था। राजा ने उसे अपने राज्य का एक अधिकारी बना दिया। जवान चरवाहे ने अधिकारी के रूप में बुलाए जाने के बाद भी हमेशा ईमानदारी से राजा की सेवा–टहल की, और आखिरकार उसे प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

इसके लिए दूसरे अधिकारी उससे ईर्ष्या करने लगे। उन्होंने उसे पद से हटाने के लिए हर संभव उपाय किया, लेकिन वे उसकी गलतियों को नहीं ढूंढ़ सके।

एक दिन उन्हें पता चला कि वह महीने में एक बार जरूर गांव के अपने घर जाता है जहां वह पहले रहता था। और उन्हें यह भी पता चला कि वह अपने घर में एक बडे. मटके का ढक्कन खोलकर काफी समय तक उसके भीतर देखता है। तब उन्होंने तुरन्त राजा के पास जाकर इस बारे में बता दिया और उस पर यह दोष लगाया कि वह राजा को बताए बिना ही चुपके से खजाना इकट्ठा कर रहा है।

चूंकि राजा ने दूसरे किसी से अधिक प्रधानमंत्री पर भरोसा किया था, इसलिए उस दोष को साबित करने के लिए राजा ने प्रधानमंत्री को आगे खड़ा किया और अपने अधिकारियों के साथ उसके घर चला गया। जब राजा उसके घर में पहुंचा, उसने उसे दूसरे अधिकारियों के सामने ढक्कन खोलने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी न बोलते हुए उसे खोला। उसमें एक पुरानी छड़ी और एक फटा–पुराना कपड़ा था जो वह पहले भेड़–बकरियों की देखभाल करते समय पहनता था।