एकता के साथ

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क्लोरीनह्यछल्हृ एक बहुत ही जहरीली गैस है। लेकिन जब वह गैस(Cl) सोडियम (Na) से मिले, तब वह नमक(Na Cl) बन जाती है जो हमारे जीवन को बनाए रखने के लिए अत्यावश्यक है।

पानी बनने की प्रक्रिया भी ऐसी ही है। जब हाइड्रोजन(H) जो एक ज्वलनशील पदार्थ है, आक्सीजन(O) से मिले, तब वह पानी(H²O) बन जाता है जो जीवन के लिए आवश्यक है।

जब दो एकदम ही अलग–अलग तरह के पदार्थ एक–दूसरे से जुड़ जाएं, तब वे एक उपयोगी तत्व में बदल जाते हैं, यह सिद्धान्त हमारे विश्वास के जीवन में भी देखा जा सकता है। अकेले विश्वास के लक्ष्य को पूरा करना और अकेले विश्वास के जीवन की खुशी एवं स्वर्ग की आशीषें पाना बहुत मुश्किल है, और अकेले विश्वास के मार्ग पर चलते हुए अपने पापमय स्वभाव को दूर फेंकना भी कठिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर ने एकता के साथ मिलजुलकर काम करने वाली संतानों के लिए इनाम तैयार किया है।

एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है। सभ 4:9

देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें! यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी पर बहकर, उसके वस्त्र की छोर तक पहुंच गया। वह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है। भज 133:1–3

जब भाई–बहनें सिय्योन में एक साथ इकट्ठे हों, अद्भुत मूल्य पैदा होता है जो दुनिया में हासिल नहीं किया जा सकता। वह अनन्त जीवन है जिसकी हम सभी कामना करते हैं।