यदि सीढ़ी और एस्केलेटर दोनों एक साथ रखे जाएं, तो ज्यादातर लोग सुविधाजनक एस्केलेटर का उपयोग करते हैं। लेकिन स्वीडन की राजधानी, स्टॉकहोम में एक मेट्रो स्टेशन है जहां सीढ़ी एस्केलेटर से ज्यादा लोकप्रिय है। ऐसा क्यों है?
पहले, वहां भी दूसरे मेट्रो स्टेशन की तरह एस्केलेटर पर भीड़ लगी रहती थी। स्वीडिश सरकार ने लोगों की सेहत के लिए और एस्केलेटर पर लगी भीड़ भाड़ को रोकने के लिए लोगों को सीढ़ियों से जाने की सलाह दी, लेकिन वह बेकार थी। अनेक बार विचार–विमर्श करने के बाद, सरकार ने एक पियानो सीढ़ी तैयार की। जब सीढ़ी पर कदम रखा जाता है तब पियानो की ध्वनि निकलती है। इसलिए बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और यहां तक कि विकलांग भी सीढ़ियों का उपयोग करने लगे। इसे “नज प्रभाव” कहते हैं यानी लोगों को मजबूर किए बिना, स्वेच्छा से एक सकारात्मक चुनाव करने के लिए प्रोत्साहित करना। इसका मतलब है कि थोड़ी सी उत्तेजना एक बड़ा बदलाव लाती है।
हमारे दैनिक जीवन में भी, “नज प्रभाव” देखने के तरीके हैं। यह प्रशंसा, मजेदार कहानी, सहानुभूति और विचारशीलता के द्वारा दूसरों को खुशी देना है क्योंकि इन कारकों में जो दूसरों को प्रसन्न और खुश करते हैं, “नज प्रभाव” की पर्याप्त संभावना छिपी हुई है।