एक गरीब छात्र ने गांव में एक अमीर बूढ़ी औरत से मिलने के लिए चल गया ताकि वह उससे स्कूल के खर्च के लिए धन उधार ले सके।
“मैं पढ़ाई करके वकील बनना चाहता हूं।”
“अच्छा? तब उसके बाद क्या करोगे?”
“मैं बहुत सारा पैसा कमाकर आपके जैसा अमीर बनना चाहता हूं।”
“और उसके बाद?”
“मैं शादी करके परिवार के साथ सुखी जीवन जीऊंगा।”
“और उसके बाद?”
उसका सवाल खत्म नहीं हो रहा था, तो वह छात्र चिढ़ गया।
“आप बताइए कि उसके बाद मैं क्या करूं? मैं बस ऐसे ही रहूंगा, और जब मैं बूढ़ा हो जाऊंगा, तो मैं मर जाऊंगा।”
“तब उसके बाद कुछ नहीं है?”
“मरने के बाद क्या कुछ हो सकता है?”
“क्या तुम्हारा मतलब है कि तुम केवल मरने के लिए पढ़ाई करोगे? मैं कभी तुम्हारे जैसे जवान को पैसे उधार नहीं दे सकती।”
बूढ़ी औरत की बातों से छात्र एकदम मन–ही–मन सचेत हो गया।
छात्र बड़ा होने के बाद बहुत सफल हो गया, और उसने एक विश्वविद्यालय की स्थापना की।
उसने विश्वविद्यालय के सभा–भवन में एक ऐसा आदर्श वाक्य लगाया:
और उसके बाद?