मैं अब देखता हूं

यूहन्ना 9:1–38

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यीशु ने जाते हुए जन्म से अंधे एक व्यक्ति को देखा।

“यह इसलिए हुआ कि परमेश्वर के काम उसमें प्रगट हों।”

यह कहकर यीशु ने भूमि पर थूका, और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अंधे की आंखों पर लगाई। और उससे कहा,

“जा और शीलोह के तालाब में धो आ।”

फिर उस अंधे ने जाकर आंखें धो डालीं। जब वह लौटा तो उसे दिखाई दे रहा था। फिर लोग जो उसे भीख मांगता देखने के आदी थे, पूछने लगे कि उसकी आंखें कैसे खुल गईं।

“यीशु नाम के एक व्यक्ति ने मिट्टी सान कर मेरी आंखों पर लगाई और मुझसे कहा, ‘जा और शीलोह में धो आ।’ और मैं जाकर धो आया। बस मुझे आंखों की ज्योति मिल गई।”

परन्तु फरीसियों और यहूदियों ने उस पर विश्वास नहीं किया। तब उन्होंने उसके माता–पिता को पास बुलाकर पूरी बात पूछी। वे इस पर बिल्कुल विश्वास नहीं कर सकते थे कि उस पापी आदमी ने जिसकी वे पहले निंदा करते थे, ऐसा आश्चर्यकर्म कर लिया है। अंधे व्यक्ति को उनकी प्रतिक्रिया अजीब लगी।

“मैं आपको बता तो चुका हूं, पर आप मेरी बात सुनते ही नहीं। आप वह सब कुछ दूसरी बार क्यों सुनना चाहते हैं? मैं नहीं जानता कि वह पापी है या नहीं, मैं तो बस यह जानता हूं कि मैं अंधा था, और अब देख सकता हूं। जगत के आरम्भ से यह कभी सुना नहीं गया कि किसी ने किसी जन्म से अंधे व्यक्ति को आंखों की ज्योति दी हो। यदि यह व्यक्ति परमेश्वर की ओर से नहीं होता तो यह कुछ नहीं कर सकता था।”

फरीसियों ने उसकी बात से क्रोधित होकर उसे बाहर निकाल दिया। जब उसने यीशु से मिला, तो उसने कहा कि वह यीशु पर विश्वास करता है, और उन्हें दण्डवत् किया।

अंधे व्यक्ति को पता था कि चमत्कार जो उसके साथ हुआ, परमेश्वर का कार्य है। इसलिए उसे इसमें जरा भी संदेह नहीं था कि यीशु जिन्होंने उसकी आंखें खोल दीं, परमेश्वर की ओर से होते हैं। उसकी आंखों में वे लोग ही अजीब दिखाई दिए जिन्होंने यीशु को पापी ठहराया और अपने सामने हो रही बातों पर विश्वास नहीं किया। वह अंधा था, पर अब देख सकता है, सिर्फ इस एक बात को जानकर उसने यीशु के कार्य और उनके परमेश्वरत्व का अन्त तक प्रचार किया ।

हम आत्मिक अंधे के रूप में अन्धकार में रहते थे, पर अब हम एलोहीम परमेश्वर से मिलकर सत्य को देखते हैं और स्वर्ग के राज्य की बाट जोहते हैं। स्वर्गीय पिता और माता हमारे उद्धारकर्ता हैं, इसकी गवाही यह है कि हम अब देख सकते हैं; हम अब उद्धार का मार्ग देख सकते हैं और हम स्वर्गदूतों की दुनिया की आशा करते हैं।

आइए हम दृढ़ विश्वास के साथ पवित्र आत्मा के युग के उद्धारकर्ता का प्रचार करें। “प्रभु, मैं विश्वास करता हूं,” अंधे व्यक्ति का यह स्वीकार इस युग में एलोहीम परमेश्वर के प्रति हमारा स्वीकार होना चाहिए।