सुसमाचार के सेवकों को खोजने के लिए

कुआलालंपुर, मलेशिया से माइकल टैन

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मलेशिया के केनिंगौ में शॉर्ट टर्म मिशन यात्रा करने से पहले, मुझे आशा थी कि बहुत से भाई–बहनें खोजे जाएंगे ताकि सिय्योन स्थापित हो सके और सुसमाचार अधिक से अधिक फैल सके। स्वर्गीय माता ने हमें यह आशीष का वचन दिया, “सुसमाचार के सेवकों को खोजिए जो शारीरिक और आत्मिक दोनों रूप से स्वस्थ हों और हाउस चर्च का निर्माण कीजिए।” माता के इस वचन के पूरा होने की आकांक्षा रखते हुए शॉर्ट टर्म मिशन यात्रा टीम पूर्व मलेशिया में केनिंगौ की ओर रवाना हुई।

कुआलालंपुर से केनिंगौ तक कोई सीधी उड़ान नहीं थी, इसलिए हमें पहले कोटा किनाबालु में जाना और फिर केनिंगौ तक गाड़ी चलाकर जाना पड़ा जो कोटा किनाबालु से लगभग 100 किलोमीटर दूर था। तीन घंटे गाड़ी पर सवार होकर पहाड़ के टेढ़े–मेढ़े ढलान वाले मार्ग पर जाते हुए हमने बहुत से कैथोलिक चर्च देखे। उनमें से कुछ चर्चों की इमारतों की बगल में बहुत बड़े क्रूस लगाए हुए थे। मुझे इस बात की आवश्यकता महसूस हुई कि मैं स्वर्गीय पिता और माता का प्रचार करके केनिंगौ के लोगों पर जल्दी से सत्य की ज्योति चमकाऊं।

थोड़े समय बाद स्वर्गीय माता का वचन वास्तविकता में बदल गया। 30 से अधिक लोगों ने नए सिरे से नया जीवन पाया, और उनमें से आठ लोगों ने सब्त के दिन और तीसरे दिन की आराधना मनाई। बहुत से नए भाइयों और बहनों ने शॉर्ट टर्म मिशन यात्रा के अंतिम दिन तक लगातार बाइबल का अध्ययन किया।

केनिंगौ में काम करने वाला एक युवक यह जानकर चकित हुआ कि इस संसार में अधिकांश चर्च परमेश्वर की आज्ञाएं नहीं, बल्कि मनुष्यों के नियमों को मानते हैं। तब वह ऐसे चर्च में जा रहे अपने परिवार के सदस्यों के बारे में चिंता करने लगा और वह अपने परिवार के साथ सत्य बांटना चाहता था। शॉर्ट टर्म मिशन यात्रा समाप्त होने के बाद भी, वह लगातार उन सदस्यों के साथ जो कोटा किनाबालु से केनिंगौ जाते थे, देर रात तक बाइबल का अध्ययन करता रहा।

एक 74 वर्षीय सेवानिवृत्त भाई ने खुशी से उद्धार की प्रतिज्ञा प्राप्त की और हमारे साथ सब्त की आराधना मनाई। “तू विश्रामदिन को पवित्र मानने के लिए स्मरण रखना,” शीर्षक उपदेश सुनने के बाद, उन्होंने कहा कि वह ऐसे चर्च में आकर बहुत खुश हैं जो परमेश्वर के वचनों में कुछ जोड़े बिना या उनमें से कुछ निकाले बिना सही तरह से बाइबल का पालन करता है। अगले दिन मूर्तिपूजा के विषय में वचन सीखने के बाद, उन्होंने तुरन्त अपने घर से मूर्तियों को निकाला। उन्होंने अपने दूर रहने वाले दोस्त के पास जाकर हमारे चर्च का परिचय वीडियो दिखाया और उसके साथ उद्धार का समाचार बांटा।

एक बहन ने भी सत्य को ग्रहण करने के बाद हर दिन बाइबल का अध्ययन किया। वह बहुत ही शांत स्वभाव की थी, इसलिए उसने जो बाइबल से सीखा है उसे समझ लिया है या नहीं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन मूर्तियों के बारे में वचनों का अध्ययन करने के बाद, उसने क्रूस की आकृति वाला नेकलेस गले से निकाला और परमेश्वर के नियमों को माना। भले ही शाम की आराधना के बाद थोड़ी देरी से अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के कारण उसने नुकसान भी उठाया था, लेकिन उसने यह कहते हुए खुशी जाहिर की कि क्योंकि मुझे परमेश्वर की आशीष मिली है, इसलिए उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

मैं सच में स्वर्गीय पिता और माता को धन्यवाद देता हूं कि केनिंगौ में शॉर्ट टर्म मिशन यात्रा करने के द्वारा हमें ऐसी बहुमूल्य आत्माओं से मिलने की अनुमति दी है जो परमेश्वर के वचनों को मूल्यवान मानती हैं और परमेश्वर की आज्ञाओं को मानने के लिए उत्सुक हैं। मैं स्वर्गीय पिता और माता के कष्टों और बलिदान को थोड़ा और अधिक महसूस कर पाया, जिन्होंने सुसमाचार के कार्य के शुरुआती दिनों में गरीब और अपरिचित परिस्थितियों में अपनी संतानों को खोजा और सिय्योन को स्थापित किया।

मुझे आशा है कि केनिंगौ में भाई–बहनें स्वर्गीय पिता और माता को पूरी तरह महसूस करें और अच्छे सुसमाचार के सेवकों के रूप में आगे बढ़कर काम करते हुए परमेश्वर के मंदिर के खंभे बनें। मैं भी अच्छे दिल और हंसते मुख के साथ सुसमाचार का प्रचार करूंगा और 7 अरब लोगों को प्रचार करने का मिशन पूरा करूंगा।