जब अलग दृष्टिकोण से देखते हैं

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एक कला शिक्षक ने विद्यार्थियों को पिकासो का एक चित्र सौंपा और उनसे उसकी हूबहू नकल बनाने के लिए कहा। सभी विद्यार्थी उलझन में दिख रहे थे क्योंकि पिकासो का चित्र दो या तीन लोगों के चेहरों का मिश्रिण था।

जब वे जान नहीं पा रहे थे कि कहां से शुरू करना है, शिक्षक ने उनसे उस चित्र को उलटा करने के लिए कहा और फिर उसकी नकल उतारने के लिए कहा। जब उन्होंने चित्र को उलटा कर दिया, तब वे बिना किसी कठिनाई के उसकी नकल उतारने में सक्षम हो पाए। विद्यार्थियों में मन में यह पूर्वधारणा थी कि यह चित्र क्या है, लेकिन वे चित्र को उलटा देखते हुए अपनी पूर्वधारणा से छुटकारा पाने में सक्षम हो गए और आसानी से रेखाओं और आकार पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके।

जब हम एक कदम पीछे लेते हैं और किसी समस्या को एक अलग दृष्टिकोण से देखते हैं, तब हम वो चीजें देख सकेंगे जिन्हें हमने पहले नजरअंदाज कर दिया था।