परमेश्वर के लिए मंदिर का निर्माण करो
1इतिहास का 22 अध्याय
दाऊद ने संगतराश को पत्थर गढ़ने की आज्ञा दी, और उसने एक लाख किक्कार सोना, और दस लाख किक्कार चांदी, और पीतल, लोहा और देवदार को बहुत तैयार किया। यह मंदिर के निर्माण के लिए है जो सब देशों में परमेश्वर की महिमा और कीर्ति प्रकट होगा।
सबकुछ तैयार करने के बाद, दाऊद ने सुलैमान को बुलाकर कहा, “हे मेरे पुत्र, मेरी हार्दिक इच्छा तो थी कि अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाऊं, परन्तु यहोवा ने कहा, ‘तेरा पुत्र सुलैमान ही मेरे नाम का भवन बनाएगा,’ इसलिए हे पुत्र, परमेश्वर के वचन के अनुसार उनका भवन बनाना। यदि तू परमेश्वर की सब विधियों और नियमों पर चलने की चौकसी करेगा तब तू कृतार्थ होगा। मत डर और तेरा मन कच्चा न हो।”
दाऊद ने इस्राएल के सब हाकिमों को अपने पुत्र सुलैमान की सहायता करने की आज्ञा दी।
सुलैमान ने जो दाऊद के बाद सिंहासन पर बैठा, परमेश्वर के वचन के अनुसार और दाऊद की आज्ञा के अनुसार मंदिर का निर्माण करने के लिए अपना पूरा मन लगाया।
परमेश्वर के शानदार मंदिर बनाने के लिए अधिक बड़ी मात्रा की सामग्रियों और जनशक्तियों की जरूरत थी। लेकिन कुछ भी सुलैमान को नहीं रोक सका, क्योंकि उसके पिता दाऊद ने मंदिर बनाने के लिए सामग्रियों को बहुत ज्यादा तैयार किया था। जैसे परमेश्वर ने हमसे वादा किया है कि यदि हम परमेश्वर के वचनों को मानें, तो हम सफल होंगे, जब तक सुलैमान ने मंदिर बनाकर राज्य किया, तब तक इस्राएल देश में शांति रही।
इस युग में, पूरे संसार में से खोजी गईं परमेश्वर की संतानों के द्वारा जो आत्मिक मंदिर की सामग्री हैं, सक्रिय रूप से आत्मिक मंदिर का निर्माण किया जा रहा है(इफ 2:22)। हम भी सुलैमान के समान परमेश्वर से दिया गया मिशन को पूरा कर सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर ने पहले ही से भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक चीजें बहुतायत से तैयार कीं।
आइए हम न डरें, और साहस और निडरता के साथ स्वर्गीय मंदिर के निर्माण कार्य में भाग लें। यही सफलता और आशीष पाने का मार्ग है।