पुराने नियम में एक बार भी “यीशु” नाम नहीं पाया गया है। तब, यीशु के चेले कैसे उन्हें मसीह के रूप में पहचान पाए और उन पर विश्वास कर सके?

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पुराने नियम में एक भी ऐसा वचन नहीं था कि आनेवाले मसीह का नाम “यीशु” है। यदि “यीशु” नाम की भविष्यवाणी की भी गई होती, हम इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि एक मनुष्य मसीह है क्योंकि उसका नाम यीशु है; यह इसलिए है, क्योंकि “यीशु” नाम यहूदियों के बीच आम था।(कुल 4:11)

इस कारण, यीशु का नाम एक निश्चित आधार नहीं है जिसके माध्यम से हम विश्वास कर सकते हैं कि यीशु मसीह हैं। सबसे ठोस सबूत वे कार्य हैं जिन्हें यीशु ने मसीह के बारे में पुराने नियम की भविष्यवाणियों के अनुसार पूरा किया। इसके लिए, यीशु ने कहा कि वह “बाइबल(पवित्रशास्त्र)” ही है जो मसीह की गवाही देती है।

तुम पवित्रशास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है जो मेरी गवाही देता है।यूह 5:39

यीशु की गवाही

बाइबल की गवाहियों के साथ, यीशु ने साबित किया कि वह मसीह हैं। जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने अपने चेलों को यीशु से यह पूछने के लिए भेजा, “क्या आनेवाला(मसीह) तू ही है?” तब यीशु ने उनसे कहा कि बाइबल की भविष्यवाणियां, जो मसीह को पूरी करनी चाहिए, पूरी की जा रही हैं।(मत 11:1–5) जब यीशु ने सब्त के दिन आराधनालय में इकट्ठे यहूदियों को मसीह के बारे में भविष्यवाणियों को पढ़ कर सुनाया, उन्होंने कहा कि ये भविष्यवाणियां पूरी की जा चुकी हैं।(लूक 4:16–21)

यीशु के पुनरुत्थान होने के बाद, वह इम्माऊस नामक एक गांव जा रहे अपने दो चेलों के सामने प्रकट हुए। उस समय, उन्होंने वह कहा जो बाइबल(पवित्रशास्त्र) में लिखा था। जब यीशु ने उन्हें बाइबल के द्वारा अहसास दिलाया कि उनका क्रूस पर बलिदान होना और पुनरुत्थान होना मसीह के द्वारा पूरी की जानेवाली भविष्यवाणियां थीं। चेलों का कमजोर विश्वास जलते हुए यकीन में बदल गया।

तब उसने उनसे कहा, “हे निर्बुद्धियो, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियोॐ क्या अवश्य न था कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?” तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ करके सारे पवित्रशास्त्र में से अपने विषय में लिखी बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया… उन्होंने आपस में कहा, “जब वह मार्ग में हम से बातें करता था और पवित्रशस्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?”लूक 24:25–32

इसके अलावा, यह साबित करने के लिए बहुत सबूत हैं कि यीशु उद्धारकर्ता हैं। इसलिए पे्ररितों ने जो यीशु के द्वारा सिखाए गए थे, पुराने नियम की भविष्यवाणियों के द्वारा, जो यीशु ने पूरी की थीं, प्रचार किया कि यीशु मसीह हैं। और यह इसे दिखाता है कि प्रेरितों ने किसी भी चीज से अधिक बाइबल के शब्दों पर विश्वास किया, और यकीन किया कि यीशु मसीह हैं।

प्रेरितों ने बाइबल के साथ गवाही दी कि यीशु “मसीह” हैं

यीशु के बारह चेलों में से एक, मत्ती ने मत्ती का सुसमाचार निश्चित रूप से इस कारण से लिखा कि वह यह गवाही दे कि यीशु मसीह हैं। मत्ती ने यीशु का जन्म, और उनकी मृत्यु और पुनरुत्थान जैसे उनके सभी कार्यों को पुराने नियम की भविष्यवाणियों से जोड़ते हुए, गवाही दी कि यीशु मसीह हैं जिनकी बाइबल में भविष्यवाणी की गई थी।

यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उनके इकट्ठा होने से पहले ही वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई… यह सब इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था, वह पूरा हो: “देखो, एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा,” जिसका अर्थ यह है – परमेश्वर हमारे साथ।मत 1:18–23

यीशु का एक कुंवारी के द्वारा जन्म होना उस भविष्यवाणी की पूर्ति थी जिसे परमेश्वर ने यशायाह नबी को 700 साल पहले दिया था।(यश 7:14) यीशु का बैतलहम में जन्म होना भी पुराने नियम की मीका की किताब में लिखी भविष्यवाणी के अनुसार पूरा किया गया।(मी 5:2)

हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ… तब उसने लोगों के सब प्रधान याजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा, “मसीह का जन्म कहां होना चाहिए?” उन्होंने उससे कहा, “यहूदिया के बैतलहम में, क्योंकि भविष्यद्वक्ता के द्वारा यों लिखा गया है: “हे बैतलहम, तू जो यहूदा के प्रदेश में है, तू किसी भी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सबसे छोटा नहीं; क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा।”मत 2:1–6

मत्ती ने कई तरीकों से वर्णन किया कि यीशु ने कैसे पुराने नियम की भविष्यवाणियों को पूरा किया: यीशु के मसीह के रूप में अपना सेवा–कार्य करने से पहले मार्ग तैयार करनेवाले एक नबी का प्रकट होना, गलील के नासरत नगर से सुसमाचार की ज्योति को चमकाना इत्यादि।(मत 3:3; यश 40:3–9; मत 4:12–17; यश 9:1–2)

यीशु के सबसे श्रेष्ठ चेले, पतरस ने भी बाइबल की भविष्यवाणियों के साथ गवाही दी कि यीशु मसीह हैं। पिन्तेकुस्त के दिन, पतरस ने यहूदियों को, जो हर देश से आए हुए थे, योएल के दूसरे अध्याय की भविष्यवाणी के साथ स्वर्ग से पवित्र आत्मा की आग के आगमन के बारे में समझाया, और भजन संहिता के 16 वें अध्याय की भविष्यवाणी से यीशु के पुनरुत्थान के बारे में गवाही दी। इससे, उस दिन लगभग 3,000 लोगों ने पश्चाताप करके बपतिस्मा पाया।

तब पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊंचे शब्द से कहने लगा… यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई थी: परमेश्वर कहता है, कि अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा… अत: अब इस्राएल का सारा घराना निश्चित रूप से जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।प्रे 2:14–36

जब पतरस ने सुलैमान के ओसारे में इकट्ठे हुए बहुत लोगों के सामने यीशु के बारे में प्रचार किया, उसने गवाही दी कि वह जो बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार आए, यीशु थे।(प्रे 3:11–26) इस प्रकार, प्रेरित पतरस के बाइबल से मसीह की गवाही देने का कारण यह था कि यीशु का भविष्यवाणियों को पूरा करना ही सबसे ठोस सबूत था जो वह दिखा सकता था। उस कारण से, प्रेरित पतरस ने कहा कि भविष्यद्वक्ताओं का वचन अन्धियारे स्थान में प्रकाश देनेवाली एक दीया के समान है, और हमें उस पर ध्यान देने को कहा।

हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा। तुम यह अच्छा करते हो जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।2पत 1:19

यह केवल बाइबल ही है जिससे हम शरीर में प्रकट हुए परमेश्वर की सनातन सामथ्र्य और परमेश्वरत्व को पहचान सकते हैं। यही कारण है कि प्रथम चर्च के प्रेरितों ने बाइबल से प्रचार किया कि यीशु मसीह हैं। फिलिप्पुस का मामला भी वैसा ही था। यशायाह के 53 वें अध्याय की भविष्यवाणी से, फिलिप्पुस ने कूशियों के खजांची, खोजा को साबित किया कि वह जिन्होंने हमारे पापों के कारण पीड़ा उठाई, यीशु हैं और वही मसीह हैं।

… और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मंत्री और खजांची था। वह आराधना करने को यरूशलेम आया था। और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था… तब फिलिप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।प्रे 8:26–35

प्रथम चर्च के दिनों में, प्रेरित पौलुस ने भी, जिन्होंने अन्य जातियों के क्षेत्रों में जाते हुए किसी अन्य की तुलना में अधिक उत्साह से प्रचार किया, इसकी गवाही देने के लिए बाइबल का उपयोग किया कि यीशु ही मसीह हैं।

पौलुस अपनी रीति के अनुसार उनके पास गया, और तीन सब्त के दिन पवित्र शास्त्रों से उनके साथ वाद–विवाद किया; और उनका अर्थ खोल खोलकर समझाता था कि मसीह को दु:ख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और “यही यीशु जिसकी मैं तुम्हें कथा सुनाता हूं, मसीह है।”प्रे 17:2–3

तब उन्होंने उसके लिये एक दिन ठहराया, और बहुत से लोग उसके यहां इकट्ठे हुए, और वह परमेश्वर के राज्य की गवाही देता हुआ, और मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों से यीशु के विषय में समझा समझाकर भोर से सांझ तक वर्णन करता रहा।प्रे 28:23

प्रेरित पौलुस के लिए जो यीशु के क्रूस पर मरने के बाद चर्च ऑफ गॉड में आए, बाइबल सबसे ठोस सबूत था जिसने उसे यीशु का मसीह के रूप में अहसास करने दिया।

बाइबल के प्रति हमारा रवैया

जैसा कि हमने अब तक अध्ययन किया, वह सबूत जिसके माध्यम से प्रथम चर्च के प्रेरितों ने यीशु पर मसीह के रूप में विश्वास किया और उनका प्रचार किया, वह केवल “यीशु” नाम न था, बल्कि यीशु का बाइबल की भविष्यवाणियों को पूरा करना था। 2,000 वर्ष पहले, बाइबल की भविष्यवाणियों से प्रेरितों को पूरा यकीन हो गया कि यीशु ही मसीह हैं, और इस नाम का पूरी दुनिया में प्रचार किया भले ही “यीशु” नाम पुराने नियम में नहीं लिखा गया था। इस युग में भी यह अलग नहीं है।

यह भविष्यवाणी की गई है कि मसीह अपने चुने हुए लोगों को बचाने के लिए दूसरी बार पृथ्वी पर प्रकट होंगे।(इब्र 9:28) बाइबल एकमात्र सबूत है जिसके माध्यम से हम उन यीशु को पहचान सकते हैं जो बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार, इस विश्वास रहित दुनिया में अंतिम न्याय से ठीक पहले दूसरी बार आते हैं और जीवन के सत्य को पुनस्र्थापित करते हैं जिसे उन्होंने पहली बार आने पर स्थापित किया था।(लूक 18:8; लूक 21:27–28) जो हमें करना चाहिए, वह केवल इसका पता करना है कि वास्तव में बाइबल में दूसरी बार आनेवाले मसीह के बारे में बाइबल की भविष्यवाणियों को किसने पूरा किया है। भले ही बाइबल में नाम अभिलिखित नहीं है, बाइबल की भविष्यवाणियों के अनुसार उनके पूरे किए गए कार्यों के माध्यम से हम पहचान सकते हैं कि कौन इस युग का उद्धारकर्ता है। आइए हम गहराई से बाइबल की भविष्यवाणियों का अध्ययन करें, और पवित्र आत्मा के युग के उद्धारकर्ता को ग्रहण करें, और इस युग के प्रेरितों के रूप में उनकी महिमा को प्रदर्शित करें।