बन्धुआई से लौटे हुए सब लोगों ने झोपड़ियों का पर्व मनाया
नहेमायाह अध्याय 8
सम्बल्लत और तोबियाह के रुकावट के बावजूद, इस्राएलियों ने एक हाथ में हथियार पकड़कर दूसरे हाथ से मंदिर बनाने का काम करते हुए आखिरकार यरूशलेम मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा किया।
जब सातवां महीना आया, खुशी से भरे हुए लोग एक मन होकर, भोर के समय से जलफाटक के सामने वाले चौक में इकट्ठे हुए, और उन्होंने एज्रा शास्त्री को व्यवस्था की पुस्तक ले आने को कहा। एज्रा ने बड़ी आवाज से व्यवस्था के वचन को पढ़ा। तब लोग उसे सुनकर और समझकर रोते रहे। उसके बाद जब घराने के मुख्य-मुख्य पुरुष, याजक और लेवीय लोगों ने व्यवस्था की पुस्तक के अनुसार झोपड़ियों के पर्व को मनाने की घोषणा की, तब लोगों ने डालियां ले आकर झोपड़ियां बनाईं और उसमें बडे आनंद से रहे।
इस्राएली जिन्होंने यरूशलेम मंदिर को पूरी तरह पुन:स्थापित किया था, उन्होंने व्यवस्था को सुनकर, उस पर चलते हुए गिरे हुए विश्वास को सीधा किया। उन्होंने पीड़ा के इतिहास से यह जान लिया कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना सबसे आशीषित और सफल मार्ग है।