परमेश्वर अपने लोगों को “संसार की ज्योति और नमक” कहते हैं। संसार की ज्योति और नमक बनने के लिए हमें परमेश्वर की दृष्टि में भले काम करना और अच्छा मन रखना चाहिए।
बाइबल हमसे कहती है कि इस संसार के सदृश्य न बनो(रोम 12:2), और हमें स्वर्ग की संतान के रूप में भले काम करना सिखाती है। वे भी जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते अक्सर कहते हैं, “यदि आप भले काम करें तो स्वर्ग जाएंगे और यदि आप बुरे काम करें तो नरक जाएंगे।” हम सभी को याद रखना चाहिए कि हमारे विश्वास के साथ ही हमारे भले काम भी एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा जो तय करता है कि हम स्वर्ग जाएंगे या नरक।
यहूदा इस्करियोती ने परमेश्वर पर विश्वास करने का दावा किया, लेकिन उसके पास अच्छा मन नहीं था। इसी लिए उसने तीस चांदी के सक्कों से मसीह को जो संसार को बचाने आए थे, बेच देने का घृणित कार्य किया। उसके पास अच्छी आदतें नहीं थीं क्योंकि उसने अपने मन में अच्छाई जमा नहीं की थी, जिसके कारण समस्या हुई। भला मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है, और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है(मत 12:35)। ‘क्या यह मेरे लिए अधिक लाभदायक है या क्या कोई चीज है जो दूसरों को हानि पहुंचाने पर भी मुझे संतुष्ट कर सकती है?’ यह विचार एक कारक था जिसने आखिरकार उसे मसीह को क्रूस पर चढ़ाने के दुष्ट कार्य करने में आगे रहने दिया।
हमारे कामों के अनुसार हमारा न्याय होगा कि यदि हम भले काम करें तो हम स्वर्ग जाएंगे और यदि हम बुरे काम करें तो हम नरक जाएंगे। हमें इसे अपने मन में रखते हुए हमेशा उस सही मार्ग पर चलना चाहिए जिस तरह बाइबल हमें सिखाती है। बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार, परमेश्वर के लोग परमेश्वर की महिमा प्रकट करने वाले हैं।
तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिस से मेरी महिमा प्रगट हो। छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सब से दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। मैं यहोवा हूं; ठीक समय पर यह सब कुछ शीघ्रता से पूरा करूंगा। यश 60:21–22
मान लीजिए कि एक व्यक्ति है जो परमेश्वर पर विश्वास करने का दावा करते हुए बिना सोचे–समझे बात करता है और बुरा बर्ताव करता है। उसके आसपास के लोग उस परमेश्वर के बारे में जिन पर वह विश्वास करता है, और उस चर्च के बारे में जहां वह जाता है, नकारात्मक धारणाएं बना लेंगे और परमेश्वर की महिमा प्रकट करना तो दूर, आखिरकार वह परमेश्वर का अपमान करेगा।
चूंकि दुनिया भर में सुसमाचार तेजी से फैल रहा है, और बहुत से विभिन्न प्रकार के लोग सिय्योन में आ रहे हैं। इस समय, पुरोहित कर्मचारी सहित पदधारी सदस्यों को और सदस्य जो विश्वास में लंबे समय से रहे हैं, उन्हें नए सदस्यों को जो बाद में आते हैं, अच्छा नमूना दिखाना चाहिए। यदि हम पहले बुलाए गए लोगों के रूप में अच्छे व्यवहार का नमूना दिखाएं, तो नए सदस्य हमारे नमूने का पालन करेंगे। और यदि सिय्योन के सभी सदस्य उस तरह भले कामों के द्वारा परमेश्वर की महिमा प्रकट करें, तो सुसमाचार सामरिया में और पृथ्वी की छोर तक तेजी से फैल जाएगा।
“तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इसके कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। तुम जगत की ज्योति हो। जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। मत 5:13–16
यीशु ने हमें भले काम करने को कहा है, ताकि लोग हमारे भले कामों को देखकर हमारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। हम जहां कहीं भी हों, चाहे वह चर्च हो, या कार्यस्थल, या स्कूल, या फिर पड़ोस, हमें परमेश्वर पर विश्वास करने वालों के योग्य जीवन जीना चाहिए। हमें रिआयत करना और विचारशील होना चाहिए और क्रोध उत्पन्न करने वाली स्थितियों में भी हमें धैर्य से सहन करना चाहिए।
इसलिये तुम उनके सहभागी न हो। क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, अत: ज्योति की सन्तान के समान चलो। (क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धार्मिकता, और सत्य है), और यह परखो कि प्रभु को क्या भाता है। अन्धकार के निष्फल कामों में सहभागी न हो, वरन् उन पर उलाहना दो। क्योंकि उनके गुप्त कामों की चर्चा भी लज्जा की बात है। पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है वह ज्योति है। इफ 5:7–13
बाइबल हम से कहती है कि भले ही पहले हम अंधकार में थे और अंधकार के कार्यों में सहभागी होते थे, लेकिन अब हम ज्योति के पास आए हैं तो ज्योति की संतान के रूप में व्यवहार करना चाहिए। यह आत्मिक परिवार का आदर्श वाक्य है जो परमेश्वर ने विश्वास में अपनी संतानों को दिया है।
संसार के लोग अब हमारे द्वारा परमेश्वर को देख रहे हैं। चूंकि वे सीधे परमेश्वर को देख या जान नहीं सकते, तो उन्हें हमारे द्वारा जान पड़ता है कि हम किस प्रकार के परमेश्वर पर विश्वास करते और पालन करते हैं। आइए हम हमेशा परमेश्वर में ज्योति की संतान के रूप में जीएं ताकि हम लोगों के सामने परमेश्वर की महिमा प्रदर्शित कर सकें।
संसार इतना दुष्ट है कि कभी–कभी अच्छे लोगों की हंसी उड़ाई जाती है और उन्हें मूर्ख समझा जाता है, और ऐसे मामले भी हैं जहां कुछ लोग एक व्यक्ति को अपने साथी के रूप में तब स्वीकार करते हैं, जब वह उनके दुष्ट कार्य में शामिल होता है। छात्र भी, जो स्कूल में अच्छे और ईमानदार तरीके से बर्ताव करते हैं, कभी–कभी उन्हें अपने दोस्तों के द्वारा तंग किए जाते हैं।
हमें ध्यान से सोचने की जरूरत है कि हमें किसकी इच्छा का पालन करनी चाहिए—लोगों की इच्छा या परमेश्वर की इच्छा। यह संसार सिर्फ थोड़े ही दिन के लिए है और पर्यावरण भी जिसमें हम रहते हैं, थोड़े ही दिन के लिए है। लेकिन, स्वर्ग का राज्य हमारे लिए अनन्त निवास स्थान है। इस तथ्य को मन में रखते हुए, आइए हम स्वर्ग के राज्य में रहने के योग्य परमेश्वर की संतानों के रूप में जीवन जीएं।
हे भाइयो, मुझे उस घमण्ड की शपथ जो हमारे मसीह यीशु में मैं तुम्हारे विषय में करता हूं कि मैं प्रतिदिन मरता हूं… धोखा न खाना, “बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है।” धर्म के लिये जाग उठो और पाप न करो; क्योंकि कुछ ऐसे हैं जो परमेश्वर को नहीं जानते। मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये यह कहता हूं। 1कुर 15:31–34
परमेश्वर अपनी संतानों को पाप से दूर रहते हुए भला और धार्मिक काम करने के लिए लगातार कहते हैं। हमें यह सोचकर पाप को हल्के से नहीं लेना चाहिए कि, ‘यह करना ठीक होगा क्योंकि दूसरे लोग भी करते हैं।’ लेकिन हमें हमेशा यह सोचते हुए बात करना और बर्ताव करना चाहिए कि परमेश्वर हमारे बारे में क्या सोचेंगे और हम कैसे परमेश्वर की महिमा प्रकट कर सकेंगे। मैं चाहता हूं कि सिय्योन के सदस्य ऐसा करके सही मानसिकता रखें और व्यवहार करें।
हे प्रियो, मैं तुम से विनती करता हूं कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जानकर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। अन्यजातियों में तुम्हारा चाल–चलन भला हो; ताकि जिन–जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जानकर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उन्हीं के कारण कृपा–दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें। 1पत 2:11–12
सिय्योन में भाई और बहनें परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीते हुए अपने समाज और देश को अच्छा बना रहे हैं। हेमारे सदस्यों के भले कामों के द्वारा, बहुत से लोग सत्य सुनते हैं और सिय्योन में आते हैं; जब दुष्ट लोग हमारे चर्च की निन्दा करते और बाधा डालते हैं, तब दूसरे लोग उनसे कहते हैं, “चर्च ऑफ गॉड के सभी सदस्य अच्छे हैं और वे ईमानदार जीवन जीते हैं। उनके बर्ताव आपसे काफी बेहतर हैं।” इसलिए बाइबल कहती है, “बुराई से न हारो, परन्तु भलाई से बुराई को जीत लो(रोम 12:21)।”
दुनिया भर में बहुत सी दुष्ट चीजें हो रही हैं। हम हर दिन होनेवाली बुरी चीजों के बारे में समाचार देखते हैं। उनमें से कुछ हमें ऐसा सोचने देता है, ‘वे कैसे ऐसा कर सकते हैं?’ इस तरह संसार बहुत भ्रष्ट है।
टीवी नेटवर्क के द्वारा, हम घर में दूसरे देशों में हो रही घटनाओं और दुर्घटनाओं के बारे में भी समाचार देखते हैं। हम उन घटनाओं को देख सकते हैं जो पहले से घटित हो चुकी हैं। मानव तकनीक भी इतनी विकसित हुई है। तो परमेश्वर की तकनीक और कितना अधिक विकसित होगी! परमेश्वर सब चीजों को देखते हैं जो दसियों, सैकडों वर्ष पहले और हजारों वर्ष पहले हुई थीं, है न? इस तथ्य के द्वारा मानवजाति के पास शब्दों और हरकतों को रिकॉर्ड करने की तकनीक है, हमें जानने की जरूरत है कि परमेश्वर हर एक चीज जो हम करते हैं, देखते हैं।
आप गलत हैं यदि आप सोचें कि जो आपने आज किया है, समय बीत जाने पर कोई भी वह नहीं जानेगा। हर कार्य जो हम करते हैं, हर शब्द जो हम बोलते हैं, और मानसिकता जो हर समय हमारे पास होता है—यह सभी चीजें गायब नहीं होतीं लेकिन सदा के लिए रहेंगी। रात के आसमान में अनगिनत तारे चमकते हैं, लेकिन हम नहीं जान सकते कि अब भी उन तारों का अस्तित्व है या नहीं। यह इसलिए क्योंकि कुछ तारों की ज्योति जिसे अब हम देखते हैं, वह एक लाख या दो लाख वर्ष पहले उत्सर्जित हुई थी। उसी तरह, चीजें जो हम करते हैं वे कभी गायब नहीं होतीं। लोग जो पवित्र मन से आराधना मनाते हैं, उनका पवित्र मन से आराधना मनाना स्वर्ग के वीडियो में रिकॉर्ड किया जाएगा, और जो अनुग्रहपूर्ण शब्द कहते हैं, उनके शब्द भी दर्ज किए जाएंगे। इसी लिए परमेश्वर कहते हैं कि वह हर एक का उनके कामों के अनुसार न्याय करेंगे और हर एक के काम के अनुसार बदला देंगे।
फिर मैं ने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उसको, जो उस पर बैठा हुआ है, देखा; उसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उनके लिये जगह न मिली। फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के सामने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं; और फिर एक और पुस्तक खोली गई; अर्थात् जीवन की पुस्तक; और जैसा उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, वैसे ही उनके कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया। समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उन में से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील में डाले गए; यह आग की झील दूसरी मृत्यु है; और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। प्रक 20:11–15
प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में निश्चित ही वह दृश्य दर्ज किया गया है जहां परमेश्वर के सिंहासन के सामने मरे हुए लोग अपने कामों के अनुसार न्याय किए जाने के लिए खड़े हैं। सिर्फ हमारे कार्य ही नहीं, लेकिन हमारे शब्द और मानसिकता भी एक कार्य के रूप में माना जाएगा। इन सभी कार्यों के अनुसार, जैसा पुस्तकों में लिखा गया है वैसा ही हमारा न्याय किया जाएगा।
हम सभी को स्वर्ग जाना चाहिए। हम में से किसी को भी दुष्ट साथियों के द्वारा भरमाए जाकर दुष्ट चीजों में मूर्खता से शामिल नहीं होना चाहिए। उसके बजाय, हमें परमेश्वर पर विश्वास करने वाले लोगों के रूप में अच्छा बर्ताव करना और परमेश्वर की शिक्षाओं को मन की गहराई में अंकित करते हुए अपने पड़ोसियों के लिए भी अनुकरणीय जीवन जीना चाहिए।
परमेश्वर के लोगों के रूप में, हमें परमेश्वर में सभी आवश्यक योग्यताओं को प्राप्त करना चाहिए। जो स्वर्ग जाएंगे उन्हें अलग होना चाहिए। उनके पास विवेक होना चाहिए और व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए। भले ही जब वे परमेश्वर के लोग नहीं थे, तब स्वार्थी अभिलाषाओं के अनुसार जीया करते थे, लेकिन अब उन्हें परमेश्वर में अपने जीवन के हर पहलू को बदलना चाहिए, है न?
हे पुत्र तीमुथियुस, उन भविष्यद्वाणियों के अनुसार जो पहले तेरे विषय में की गई थीं, मैं यह आज्ञा सौंपता हूं कि तू उनके अनुसार अच्छी लड़ाई को लड़ते रह, और विश्वास और उस अच्छे विवेक को थामे रह, जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्वास रूपी जहाज डूब गया। उन्हीं में से हुमिनयुस और सिकन्दर हैं, जिन्हें मैं ने शैतान को सौंप दिया है कि वे परमेश्वर की निन्दा करना न सीखें। 1तीम 1:18–20
बाइबल हमें कहती है कि जिन्होंने अच्छा विवेक और विश्वास का इनकार किया है, उन्हें शैतान को सौंप दिया गया है। दुष्टता करते हुए हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए, ‘मैं अवश्य ही स्वर्ग जाऊंगा क्योंकि मैंने नई वाचा का फसह मनाया है।’ हम में से किसी को भी अपना विवेक नहीं छोड़ना चाहिए। यह बिल्कुल सच नहीं है कि हम ईमानदारी से सुसमाचार प्रचार करते हैं या विश्वास से परमेश्वर के नियमों को मानते हैं, तो हमारे गलत कार्य भी नजरअंदाज किए जाएंगे। भले कामों को करना भी बाइबल में परमेश्वर के निर्देशों में से एक है। जब हमारे पास अच्छा विवेक हो और हम परमेश्वर के वचन का आदर करते हुए ईमानदारी से बर्ताव करें, तो हम संसार में ज्योति और नमक की भूमिका निभा सकते हैं और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य ठहर सकते हैं।
परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे; और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। 2कुर 9:8
सिय्योन में हमारे सदस्य परमेश्वर के बहुतायत अनुग्रह में जी रहे हैं। लेकिन भले ही हम परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा जी रहे हैं, पर यदि हम लापरवाही से मनमाना व्यवहार करें, तो अच्छे परिणाम नहीं पा सकते। परमेश्वर हमें बहुतायत से अनुग्रह देते हैं जिससे भले काम के लिए हमारे पास बहुत कुछ हो।
हमारे स्वर्गीय पिता और माता इस पृथ्वी पर शरीर में आए हैं, और उन्होंने सुसमाचार प्रचार करने में और साथ ही भले कामों के द्वारा जरूरतमंद लोगों की मदद करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हमें नमूना दिखाया ताकि हम सभी भले कामों के लिए आगे बढ़ सकें।
परमेश्वर ने जब नई वाचा की घोषणा की, कहा, “मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं कि एक दूसरे से प्रेम रखो”(यूह 13:34)। सिय्योन में कुछ सदस्य हैं जो हमारे विचारों और मानकों के विपरीत कार्य करते हैं। हालांकि परमेश्वर ने हमें आज्ञा दी कि “एक दूसरे से प्रेम करो”, ताकि हम एक दूसरे की कमियों को सहन कर सकें और एक दूसरे को बेहतर तरीके से बढ़ने में मदद कर सकें। हमें इस नई वाचा का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
आपस के प्रेम को छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदान न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है। क्योंकि यह कि “व्यभिचार न करना, हत्या न करना, चोरी न करना; लालच न करना,” और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, “अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।” प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है। रो 13:8–10
सभी लोग अलग–अलग वातावरण में पले बड़े हैं, और उनके पास अलग–अलग शैक्षिक पृष्ठभूमि है, और अलग–अलग रहने का परिवेश है। इसलिए वे एक ही चीज को अलग तरीके से देखते हैं। हमें उन्हें बाहर नहीं करना चाहिए जिनके पास हमसे अलग विचार हो, लेकिन उदार मन से एक दूसरे को समझना और सहन करना चाहिए। तब ही हम एक दूसरे से प्रेम करने की नई आज्ञा का पालन कर सकते हैं।
अवश्य ही, हम कभी कभी निराश या क्रोधित हो सकते हैं। हालांकि यदि हम परमेश्वर में निवास करते हैं जो प्रेम हैं, तो हमें धीरज और दयालु भी होना चाहिए, है न? सिय्योन के भाइयो और बहनो! मैं आशा करता हूं कि आप भले कामों के द्वारा प्रेम की आज्ञा का पूरी तरह से पालन करें और परमेश्वर को प्रसन्न करें और दुनिया भर में परमेश्वर की महिमा प्रदर्शित करें।