अब पृथ्वी के एक ओर युद्धों और आतंकवादी हमलों में बहुत से लोग बलिदान हो रहे हैं, जबकि पृथ्वी के दूसरी ओर विविध संक्रामक बीमारियां प्रकट हो रही हैं और पूरी दुनिया में फैल रही हैं। हालांकि, जैसे कि यीशु ने कहा है कि, “तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे, तो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है,”(मत 24:6) चाहे इन दिनों में विपत्तियां बहुत तेजी से फैल रही हैं, परमेश्वर अपनी सन्तानों को सुरक्षा देते हैं और सांत्वना देते हैं। हम परमेश्वर को उनकी कृपा के लिए बहुत धन्यवाद देते हैं।
अब, सुसमाचार पूरे संसार में प्रचार किया जा रहा है। कोई विपत्ति चाहे कितने ही दूर देश में क्यों न हुई हो, अब हम उससे बेफिक्र नहीं रह सकते।
माता ने सिर्फ हमारे चर्च के सदस्यों के लिए नहीं, लेकिन उन बहुत से लोगों के लिए भी चिन्ता करते हुए जो विपत्तियों से पीड़ित हो रहे हैं, हमसे विश्व शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा है। इस बात को मन में रखते हुए कि परमेश्वर जीवन को बहुमूल्य समझते हैं, आइए हम सिर्फ सिय्योन के हमारे भाइयों और बहनों के लिए नहीं, लेकिन युद्धों से पीड़ित हर एक देश के लोगों के लिए भी और संसार में विपत्तियों से पीड़ित हो रही सभी आत्माओं के लिए भी प्रार्थना करें।
बाइबल दुनिया के बड़े और भयंकर विनाश के बारे में भविष्यवाणी करती है। आइए हम उन भविष्यवाणियों को पढ़ें और जानें कि हम कैसे विश्व शांति के लिए और ज्यादा प्रभावी ढंग से प्रार्थना कर सकते हैं।
… इसी के कारण उस युग का जगत जल में डूब कर नष्ट हो गया। पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे गए हैं कि जलाए जाएं; और ये भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नष्ट होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे… परन्तु प्रभु का दिन चोर के समान आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा और तत्व बहुत ही तप्त होकर पिघल जाएंगे और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाएंगे। जबकि ये सब वस्तुएं इस रीति से पिघलनेवाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल–चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए, और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए, जिसके कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्त होकर गल जाएंगे। पर उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिनमें धार्मिकता वास करेगी।2पत 3:3–13
यहोवा का भयानक दिन निकट है, वह बहुत वेग से समीप चला आता है; यहोवा के दिन का शब्द सुन पड़ता है, वहां वीर दु:ख के मारे चिल्लाता है। वह रोष का दिन होगा, वह संकट और सकेती का दिन, वह उजाड़ और विनाश का दिन, वह अन्धेर और घोर अन्धकार का दिन, वह बादल और काली घटा का दिन होगा। वह गढ़वाले नगरों और ऊंचे गुम्मटों के विरुद्ध नरसिंगा फूंकने और ललकारने का दिन होगा। मैं मनुष्यों को संकट में डालूंगा, और वे अन्धों के समान चलेंगे, क्योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है; उनका लहू धूलि के समान, और उनका मांस विष्ठा के समान फेंक दिया जाएगा। यहोवा के रोष के दिन में, न तो चांदी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहनेवालों को घबराकर उसका अन्त कर डालेगा।सपन 1:14–18
नूह के समय में परमेश्वर ने सभी दुष्टों को पानी से सजा दी थी। इन अंतिम दिनों में परमेश्वर सभी कुकर्मियों को आग से सजा देंगे। जब सपन्याह नबी या प्रेरित पतरस ने ऊपर की भविष्यवाणियां लिखी थीं, उस समय ऐसी आग नहीं थी जिससे पूरी दुनिया संपूर्ण रूप से नष्ट हो जाए। लेकिन अब हम उन सब भविष्यवाणियों के पूरे होने के युग में जी रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पहले से इतने ज्यादा परमाणु हथियार बनाए गए हैं कि दुनिया का कई बार नाश किया जा सकता है, और दूसरे हथियार भी इतने विनाशकारी और शक्तिशाली हैं कि वे पृथ्वी को जड़ से मिटा सकते हैं।
बाइबल भी भविष्यवाणी करती है कि पृथ्वी को जलाए जाने के लिए रखा गया है। यह दिखाता है कि किसी न किसी दिन निश्चय ही पृथ्वी आग से नष्ट हो जाएगी। नूह के दिनों में परमेश्वर ने पृथ्वी को पानी से नष्ट किया था। और इन अंतिम दिनों में परमेश्वर कहते हैं कि वह पृथ्वी का न्याय आग से करेंगे। हमें परमेश्वर के वचनों की उपेक्षा कभी नहीं करनी चाहिए।
हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि इराक के लोग उन लोगों से बहुत ईष्र्या करते हैं जिनके पास गैस मास्क है, क्योंकि उन्हें डर है कि युद्ध के दौरान रसायनिक हथियारों का भी प्रयोग हो सकता है। रसायनिक हथियार गंधहीन होते हैं, इसलिए यदि उनका प्रयोग किया जाए, तो लोग किसी प्रकार के विशेष लक्षण महसूस किए बिना सीधे अपने आपको जानलेवा स्थिति में पाते हैं और मर जाते हैं। इन दिनों, कई प्रकार के रसायनिक हथियार विकसित किए जा रहे हैं। उनमें से कुछ तो मांस को गला दे सकते हैं; वे प्रोटीनों को पिघला देते हैं और उन्हें पानी की तरह बहा देते हैं। आश्चर्यजनक रूप से बाइबल ने उसकी भविष्यवाणी की है।
सुनो, यहोवा का एक ऐसा दिन आनेवाला है… उन सभों को यहोवा ऐसी मार से मारेगा, कि खड़े खड़े उनका मांस सड़ जाएगा, और उनकी आंखें अपने गोलकों में सड़ जाएंगी, और उनकी जीभ उनके मुंह में सड़ जाएगी। उस समय यहोवा की ओर से उनमें बड़ी घबराहट पैठेगी, और वे एक दूसरे के हाथ को पकड़ेंगे, और एक दूसरे पर अपने अपने हाथ उठाएंगे।जक 14:1, 12–13
यीशु के प्रथम आगमन के बहुत पहले लिखे गए पुराने नियम में, यह पहले से भविष्यवाणी की गई है कि खड़े खड़े लोगों का मांस सड़ जाएगा, उनकी आंखें अपने गोलकों में सड़ जाएंगी, और उनकी जीभ उनके मुंह में ही सड़ जाएगी। समस्या यह है कि ऐसे घातक और जानलेवा हथियार जो इतना भयंकर प्रभाव डाल सकते हैं, पहले से पृथ्वी पर ही हैं। बाइबल यह भी भविष्यवाणी करती है कि अंतिम दिनों में महामारियां पृथ्वी पर फैल जाएंगी।
तब उसने उनसे कहा, “जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और बड़े–बड़े भूकम्प होंगे, और जगह–जगह अकाल और महामारियां पड़ेंगी, और आकाश से भयंकर बातें और बड़े–बड़े चिन्ह प्रगट होंगे।”लूक 21:10–11
ऊपर लिखी गई महामारियां “संक्रामक बीमारियों” को संकेत करती हैं। एड्स, सार्स और बर्ड फ्लू जो आज पूरी दुनिया में फैल गए हैं, महामारियां हैं।
भविष्यवाणियों के प्रकाश के सहारे देखिए कि आज क्या घटित हो रहा है। क्या यह डरावना नहीं है? इसलिए हमें सोचना चाहिए कि हम ऐसी विपत्तियों से कैसे बच सकते हैं।
यदि मनुष्य “सब प्राणियों का स्वामी” है, तो अब उसे उद्धार का मार्ग खोज लेना चाहिए। बाइबल हमें सिखाती है कि ऐसा कोई भी तरीका नहीं है जिससे मनुष्य अपनी बुद्धि से अपने आपको बचा सके।
… और जो नष्ट होने से बचें, उन्हें मैं तलवार से घात करूंगा; उनमें से एक भी न भाग निकलेगा, और जो अपने को बचाए, वह बचने न पाएगा। “क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहां से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, तो वहां से मैं उन्हें उतार लाऊंगा। चाहे वे कम्र्मेल में छिप जाएं, परन्तु वहां भी मैं उन्हें ढूंढ़–ढूंढ़कर पकड़ लूंगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टि से ओट हों, वहां भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा। चाहे शत्रु उन्हें हांककर बंधुवाई में ले जाएं, वहां भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उन्हें घात कराऊंगा; और मैं उन पर भलाई करने के लिये नहीं, बुराई ही करने के लिये दृष्टि करूंगा।”आम 9:1–4
आमोस नबी ने यह भविष्यवाणी लगभग 2,700 साल पहले कही थी। उन प्राचीन दिनों में जब विज्ञान का विकास नहीं हुआ था, उसने भविष्यवाणी की कि लोग खोदकर अधोलोक में उतर जाएंगे, समुद्र की थाह में अपने आपको छिपाएंगे और आकाश पर चढ़ जाएंगे। इन दिनों में ये सब बातें घटित हो रही हैं। आज, लोग भूमि के नीचे, समुद्र की थाह में और ब्रह्मांड में शरण ढूंढ़ते हैं।
फिलहाल तक, भूमिगत शहरों को सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता था; कुछ देशों ने युद्ध के दौरान परमाणु हमले से सुरक्षा के लिए विभिन्न भूमिगत सुविधाओं का निर्माण किया। लेकिन हाल ही में, ऐसा मिसाइल बम विकसित किया गया है जो भूमि के अन्दर कई मीटर तक जा सकते हैं। चाहे मनुष्य अपने आपको छिपाने के लिए भूमि में गहरा गड्ढा बनाएं, वे अब वहां भी सुरक्षित नहीं हैं।
बाइबल ने इसके बारे में पहले से भविष्यवाणी की है। चाहे मनुष्य समुद्र की थाह में छिप जाएं, वे सुरक्षित नहीं रह सकते, और चाहे वे ब्रह्मांड में भाग जाएं, तो भी वे परमेश्वर के न्याय से नहीं बच सकते।
बाइबल में ऐसी एक भी भविष्यवाणी नहीं है जो कहती हो कि मनुष्य अपने तरीकों से परमेश्वर के अंतिम न्याय से बच सकते हैं। हमें अपने खुद के तरीकों को न ढूंढ़ते हुए, परमेश्वर के मार्ग को ढूंढ़ना और उसका पालन करना चाहिए।
परमेश्वर ने दुष्टों का न्याय करने की और धर्मियों को उद्धार देने की योजना बनाई है; और उन्होंने धर्मियों के लिए उद्धार का मार्ग भी तैयार किया है।
न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन–दुपहरी में उजाड़ता है। तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा। परन्तु तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा। हे यहोवा, तू मेरा शरणस्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।भज 91:6–10
यदि हम संसार में सब लोगों को उद्धार के मार्ग की घोषणा करते हैं, तो उससे यह साबित होता है कि विश्व शांति के लिए हमारी प्रार्थना सच्ची और ईमानदार है। परमेश्वर चाहते हैं कि सारी मानव जाति विपत्तियों से नष्ट न होकर उद्धार पाए। हमें पृथ्वी के सभी लोगों को शीघ्रता से परमेश्वर की इच्छा की घोषणा करनी चाहिए।(1तीम 2:4; 2पत 3:9)
परमेश्वर ने कहा है कि, “तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह(विपत्ति) तेरे पास न आएगा।” आइए हम देखें कि परमेश्वर ने हमें ऐसी कौन सी प्रतिज्ञा या वाचा दी है, जिससे हम विपत्तियों से बच सकते हैं।
… और उसके खाने की यह विधि है: कमर बांधे, पांव में जूती पहिने, और हाथ में लाठी लिए हुए उसे फुर्ती से खाना; वह तो यहोवा का पर्व होगा। क्योंकि उस रात को मैं मिस्र देश के बीच में होकर जाऊंगा, और मिस्र देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मिस्र के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं यहोवा हूं। और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लहू तुम्हारे लिए चिन्ह ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नष्ट न होगे। और वह दिन तुम को स्मरण दिलानेवाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्व करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर पर्व माना जाए।निर्ग 12:10–14
फसह का पर्व एक छुटकारे का पर्व है, जिसका अर्थ है, “विपत्ति से पार होना।” जब इस्राएली मिस्र देश के दासत्व में थे, जो इस पापमय संसार को दर्शाता है, तब वे फसह के मेमने के लहू से विपत्ति को पार कर सके थे। यह ऐतिहासिक दृश्य एक परछाई थी; यह दिखाता है कि हम फसह के मेमने, यानी मसीह के लहू से विपत्तियों को पार कर सकते हैं।(1कुर 5:7) यही कारण है कि परमेश्वर ने हमें फसह का पर्व दिया है।
परमेश्वर सिय्योन के लोगों पर छाप लगा रहे हैं, ताकि चाहे उनके निकट हजार लोग गिर पड़ें, कोई भी विपत्ति उन पर न आ पड़े। पुराने नियम के समय में, परमेश्वर ने मेमने के लहू को घर के द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाया था। हालांकि, नई वाचा के समय में, परमेश्वर यह छाप प्रत्येक व्यक्ति के माथे पर लगाते हैं। आइए हम यहेजकेल में लिखे गए उन पदों को पढ़ते हुए जो कहते हैं कि परमेश्वर अपने लोगों के माथों पर छाप लगाएंगे, परमेश्वर के लहू से स्थापित की गई बहुमूल्य वाचा को अपने मनों में गहराई तक अंकित कर लें।
… और उसने उस सन के वस्त्र पहिने हुए पुरुष को जो कमर में दवात बांधे हुए था, पुकारा। और यहोवा ने उससे कहा, “इस यरूशलेम नगर के भीतर इधर उधर जाकर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उसमें किए जाते हैं, सांसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह लगा दे।” तब उसने मेरे सुनते हुए दूसरों से कहा, “नगर में उनके पीछे पीछे चलकर मारते जाओ; किसी पर दया न करना और न कोमलता से काम करना। बूढ़े, युवा, कुंवारी, बालबच्चे, स्त्रियां, सब को मारकर नष्ट करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना…”यहेज 9:3–6
ऊपर का वचन कहता है कि जिनके माथे पर छाप लगाई गई है अर्थात् जो फसह का पर्व मनाते हैं, परमेश्वर उन्हें सुरक्षित करेंगे, ताकि कोई भी विपत्ति उन पर न आ पड़े। प्रकाशितवाक्य में भी जिसे प्रेरित यूहन्ना ने अंतिम दिनों में होनेवाली घटनाओं को देखने के बाद लिखा था, यह भविष्यवाणी की गई है कि परमेश्वर अपने दासों के माथों पर मुहर लगाएंगे ताकि वे विपत्तियों से बच सकें।(प्रक 7:1–4)
जब हम इन दिनों दुनिया में घटित हो रही सब बातों के बारे में सोचते हैं, तो हम देख सकते हैं कि बाइबल की सभी भविष्यवाणियां एक–एक करके पूरी होती जा रही हैं। युद्ध और महामारियां जैसी बहुत सी विपत्तियां जिनके विषय में भविष्यवाणी की गई थी, अब उण्डेली जा रही हैं। हमें दुनिया के सभी लोगों की शांति के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए। बाइबल ऐसा भी कहती है कि एक धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।(याक 5:16)
तब विश्व शांति के लिए हमारी प्रार्थना की विषय वस्तु क्या होनी चाहिए? इन दिनों विपत्तियों से पीड़ित हो रहे लोगों के लिए हमें न केवल प्रार्थना करनी चाहिए, लेकिन हमें उन्हें यह बताना भी चाहिए कि आज परमेश्वर पृथ्वी पर ऐसी विपत्तियां क्यों ला रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमें उन्हें शांति का सुसमाचार भी प्रचार करना चाहिए, ताकि वे उद्धार पाने के लिए जल्दी से नई वाचा के सत्य में आ सकें। यह एक उत्तम प्रार्थना है जो मानव जाति को शांति ला सकती है।
यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा: “हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से कह, जब मैं किसी देश पर तलवार चलाने लगूं, और उस देश के लोग किसी को अपना पहरुआ करके ठहराएं, तब यदि वह यह देखकर कि इस देश पर तलवार चलनेवाली है, नरसिंगा फूंककर लोगों को चिता दे, तो जो कोई नरसिंगे का शब्द सुनने पर न चेते और तलवार के चलने से मर जाए, उसका खून उसी के सिर पड़ेगा। उसने नरसिंगे का शब्द सुना, परन्तु न चेता; इसलिए उसका खून उसी को लगेगा। परन्तु यदि वह चेत जाता, तो अपना प्राण बचा लेता। परन्तु यदि पहरुआ यह देखने पर कि तलवार चलनेवाली है नरसिंगा फूंककर लोगों को न चिताए, और तलवार के चलने से उनमें से कोई मर जाए, तो वह तो अपने अधर्म में फंसा हुआ मर जाएगा, परन्तु उसके खून का लेखा मैं पहरुए ही से लूंगा।”यहेज 33:1–6
पहाड़ों पर उसके पांव क्या ही सुहावने हैं जो शुभ समाचार लाता है, जो शान्ति की बातें सुनाता है और कल्याण का शुभ समाचार और उद्धार का सन्देश देता है, जो सिय्योन से कहता है, “तेरा परमेश्वर राज्य करता है।”यश 52:7
परमेश्वर ने हमें आत्मिक पहरुआ बनाया है। विश्व शांति के लिए, हमें चेतावनी और उद्धार दोनों की तुरही को जोर से फूंकना चाहिए। उन सब के लिए जो विश्व शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, लोगों को उद्धार का यह सुसमाचार प्रचार करना बहुत जरूरी है कि, “कृपया जल्दी से सिय्योन में आइए और परमेश्वर के सत्य के द्वारा उद्धार की मुहर प्राप्त कीजिए।” उन आत्माओं के लिए जो पीड़ा में हैं, सबसे महान सहायता प्रचार के द्वारा उद्धार की ओर उनकी अगुआई करना ही है। उत्सुक प्रार्थनाओं के साथ, हमें उन्हें परमेश्वर के वचनों का प्रचार करना चाहिए और उन्हें सही मार्ग की ओर ले आना चाहिए। यही सबसे अत्यावश्यक कार्य है जो हमें करना चाहिए, और यही उस प्रार्थना की अभिव्यक्ति है जो हम विश्व शांति के लिए करते हैं।
हमें उद्धार की तुरही पूरे संसार की ओर जोर से फूंकनी चाहिए, ताकि पृथ्वी के सभी लोगों पर परमेश्वर की कृपा और आशीर्वाद आ उतरे और वे परमेश्वर के लोग बनने के एकमात्र मार्ग, यानी फसह के पर्व के द्वारा परमेश्वर की मुहर पा सकें। उत्सुकता से आशा करते हुए, कि हमारी ईमानदार प्रार्थनाओं के द्वारा वचन सुननेवाले सभी लोगों के मन पूर्ण रूप से खुल जाएं और वे परमेश्वर की ओर वापस फिरें, आइए हम दुनिया के लोगों के लिए प्रार्थना करें जो परमेश्वर और सत्य को न जानते हुए पीड़ित हो रहे हैं।
सिय्योन के हमारे सभी भाइयो और बहनो! आइए हम उत्सुकता से प्रार्थना करें कि हम युद्ध व पीड़ा रहित अनन्त स्वर्ग के राज्य की ओर, शांति के राज्य की ओर संसार के सभी लोगों की अगुआई कर सकें। हमारे एलोहीम परमेश्वर क्या उन प्रार्थनाओं को नहीं सुनेंगे जो उनकी सन्तान चढ़ाती हैं? मैं आपसे विनती करता हूं कि आप विश्व शांति के लिए उत्सुकता से प्रार्थना करें और संसार के सब लोगों को नई वाचा के सत्य का प्रचार करें, ताकि परमेश्वर की कृपा उनके हृदयों में बस सके।