मौत की सजा पाने वाले एक कैदी का पछतावा

बुलावायो, जिम्बाब्वे से शवा मैकडोनाल्ड

15,226 बार देखा गया

मुझे गहराई से एहसास हुआ कि पाप जो मैंने स्वर्ग में किया था वह कितना घृणित है और एलोहीम परमेश्वर का प्रेम कितना महान है।

चूंकि हमारा बुलवायो सिय्योन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पास स्थित है, हमारे पास विभिन्न प्रकार के लोगों से जिनके पास अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि है, मिलने के बहुत से अवसर हैं। एक दिन, जब मैं नए सदस्यों का इंतजार कर रहा था, मैं एक बूढ़े आदमी से मिला। उस आदमी ने पुरानी किताबों और कपड़ों से भरे प्लास्टिक बैग लेकर मेरी ओर आ रहा था। उसने मेरे पास आकर मेरा अभिवादन किया और अपने जीवन की कहानी बताना शुरू कर दिया।

“जवानो, मैं तुम्हें परेशान करने के लिए माफी चाहता हूं। मुझे पिछले हफ्ते आम माफी पाकर जेल से रिहा कर दिया गया। 1985 में मेरी पत्नी और चाचा को मार डालने के कारण मुझे हत्या का दोषी ठहराया गया था। हत्या के बाद, मुझे अदालत में ले जाया गया और मुझे मौत की सजा दी गई। उस पल, ऐसा लगा कि संसार का अंत हो गया। पहले, मुझे लगा कि मैं सपना देख रहा हूं, लेकिन धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ कि यह सच है कि मेरे जीवन का आखिरी क्षण आने वाला है।

उस दिन, मेरा नाम मौत की सजा पाने वाले कैदियों के नाम की सूची पर लिखा गया था। हमारे देश में, यदि किसी को मौत की सजा सुनाई जाती है, तो उसे मौत की सजा पाने वाले के रूप में चिप्पी लगाया जाता है। मौत की सजा पाने वालों को अपने रिश्तेदारों के साथ समय बिताने की अनुमति नहीं है और उन्हें समाज से अलग किया जाना पड़ता है। वे कभी समाज में वापस नहीं जा सकते। चूंकि घटना के बाद मेरा परिवार भी मुझसे डरता था, इसलिए उस दिन जब मुझे मौत की सजा सुनाई गई थी, मेरे परिवार को भी राहत मिली। सभी ने कहा कि मैं क्षमा पाने के लायक नहीं लेकिन मरने के लायक था।

उस रात, मुझे केंद्रीय जेल में ले जाया गया जहां मौत की सजा पाने वालों को सजा पाने के दिन तक रखा जाता है। जब मैं वहां गया, वहां मेरे जैसे बहुत लोग थे जो मृत्यु का इंतजार कर रहे थे। जैसे मैंने जेल की वर्दी पहनी थी, जेल अधिकारी ने मेरी बांह पर एक बड़ा अक्षर ‘V’ लगा दिया जो जल्द ही मरने वालों को संकेत करता है। मृत्युदंड के दबाव से मुक्त होने के लिए, हमने जेल के बाहर जीवन के बारे में बात करते हुए और खेल खेलते हुए सामान्य जीवन जीने की कोशिश की। लेकिन, जब भी वह साइरन बजता था जो एक कैदी को फांसी दी जाने को बताता था, तब वहां एकदम चुप्पी रहती थी। हम जानते थे कि उस दिन कोई न कोई मर जाएगा, लेकिन हम कभी नहीं जानते कि यह मेरी बारी होगी या नहीं। जब भी ऐसा होता था, हम डर के मारे जम जाते थे, लेकिन यह सोचकर कि मैं भी किसी दिन मर जाऊंगा, हम उसे जल्दी भूल जाते थे।

फिर एक दिन, मुझे क्षयरोग हो गया था। उसके कारण मुझे मौत की सजा से मुक्त किया गया, क्योंकि बीमारी के कारण, बीमार अपने आप ही मर जाएगा। मेरे वहां रहते हुए लंबे समय बीत गए, और आम माफी मिली, तो मुझे जेल से मुक्त किया गया। लेकिन, कोई भी मुझे घर में वापस आना नहीं चाहता था।

अब मैं अपने किए पाप पर बुरी तरह से पछताता हूं। मैंने आत्महत्या करने के बारे में भी सोचा था क्योंकि मैं अभी भी समाज में क्षमा पाने के योग्य नहीं हूं और यहां तक कि मेरे परिवार भी मुझे अस्वीकार करते हैं। जब भी मैं अपनी कहानी के बारे में लोगों को बताता हूं, कोई भी मुझे दया नहीं करता और कुछ लोग मुझे सीधे-सीधे बताते हैं कि मैं बुरा हूं। अभी भी मैं पछतावे भरा जीवन जी रहा हूं और अपने पाप के कारण शांति में कभी नहीं रह सकूंगा।”

उसकी कहानी सुनते हुए मुझे बहुत सी चीजों का एहसास हुआ। पहला विचार जो मेरे दिमाग में आया, वह यह था कि इस धरती पर अक्षम्य पाप करने पर भी लोगों को पूरे जीवन भर दर्दनाक और पीड़ित जीवन जीना पड़ता है, तो मेरे स्वर्ग में किए पाप कितना गंभीर था। जैसे ही उस बूढ़े आदमी को अपने घोर अपराध की वजह से मौत की सजा सुनाई गई थी, मैं भी मरने के लिए नियत था, क्योंकि मेरे स्वर्ग में किए बहुत गंभीर पाप की मजदूरी मृत्यु है। मैंने कल्पना की कि स्वर्गदूत मेरे किए हर पाप के बारे में पिता और माता को बता रहे हैं। जैसे उस बूढ़े आदमी को जेल में भेजा गया था, वैसे मुझे इस धरती पर फेंक दिया गया था, जो हमारी आत्माओं की जेल है, और यहां मौत का इंतजार करना पड़ा। मुझे सच में यह समझ में आया कि यह पृथ्वी एक आत्मिक जेल है।

जैसे कैदी मौत के दबाव के बारे में भूलने के लिए कुछ न कुछ किया करते थे, इस दुनिया में बहुत से लोग शारीरिक अधिकार, भौतिक चीजों और मनोरंजन के द्वारा खुद को सांत्वना देते हैं। मेरे लिए सबसे ज्यादा दिल तोड़ने वाली बात यह है कि मेरे घोर अपराध के कारण स्वर्गीय परिवार के सदस्य पीड़ित और दुखी हुए होंगे। मुझे स्वर्गीय पिता और माता के प्रति बहुत खेद महसूस हुआ, क्योंकि मेरे पाप के कारण पिता, माता और स्वर्गीय भाई-बहनों को दुख और पीड़ा को सहन करना पड़ा था।

कहानी में बूढ़े आदमी की तरह जो समाज से अस्वीकार किया गया था, ठीक वैसे ही मुझे स्वर्ग से अस्वीकार किया गया था। अपने पाप के कारण, मैं कुछ भी पाने के लायक नहीं हूं। परंतु, मेरे पाप का एहसास कराने और मुझे बचाने के लिए, स्वर्गीय पिता इस धरती पर आए और क्रूस पर दुख उठाया। स्वर्गीय माता भी इस पापी को बचाने के लिए धरती पर आईं। जब मैं स्वर्गीय माता के बारे में सोचता हूं जो इस पापी के लिए प्रतिदिन दुख उठाते हुए बलिदान करती हैं, मेरा दिल दुखता है। इस संतान को जिसने जिद्द और अवज्ञा के साथ परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया, क्षमा करके प्रेम देने के लिए मैं परमेश्वर का आभारी हूं।

बूढ़े आदमी जो पहले मौत की सजा पाने वाला कैदी था, उसके माध्यम से मेरी आत्मिक स्थिति को महसूस कराने के लिए मैं स्वर्गीय पिता और माता को धन्यवाद देता हूं। स्वर्गीय पिता और माता, कृपया अपने पापमय स्वभाव को छोड़ने के लिए हमारी सहायता कीजिए और हमें संपूर्ण पश्चाताप और एकता के द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न करने वाली सुंदर संतान बनने दीजिए। मैं आपके महान प्रेम और बलिदान के लिए आपको अनन्त धन्यवाद देता हूं।