अनन्त जीवन के लिए

ग्यंगसान, कोरिया से छवे जे उंग

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“गुलिवर्स ट्रेवल्स” एक एंग्लो–आयरिश लेखक जोनाथन स्विफ्ट के द्वारा लिखा गया एक हास्य–व्यंग्यपूर्ण उपन्यास है, जो लिलिपूट की यात्रा नामक पहले भाग से शुरू होकर चौथे भाग तक चलता है। यह उपन्यास बच्चों की कहानी के रूप में संपादित होकर प्रकाशित हो गया, और बहुत से बच्चों ने इसे पढ़ा है।

जब मैं किशोर था, तब मुझे गुलिवर्स ट्रेवल्स की पूरी कहानी पढ़ने का मौका मिला, और उसमें मेरे लिए एक बहुत ही प्रभावशाली भाग था।

गुलिवर लिलिपूट और ब्रोब्डिंगनाग की यात्रा के बाद जिस तीसरे देश की ओर गया, वह एक उड़ान द्वीप है। वहां उसने किसी उच्च अधिकारी से स्ट्रल्डब्रग्स, यानी उन लोगों के बारे में सुना जो अमर हैं। गुलिवर उनकी प्रशंसा करने लगा, लेकिन जल्द ही उसने अपना मन बदला।

शुरुआत में गुलिवर ने यह सोचते हुए उनसे ईष्र्या की थी कि वे हमेशा जवान और स्वस्थ रहेंगे और एक खुशमय जीवन बिताएंगे, लेकिन ये स्ट्रल्डब्रग्स बूढ़े होकर सदा तक जीवित रहते थे। स्ट्रल्डब्रग्स जो समय बीतने के साथ–साथ बूढ़े होते जाते थे, हमेशा बीमार रहते थे, और अक्सर उन्हें अपने प्रिय लोगों से बिछड़ने के दुख का सामना करना पड़ता था। बहुत से लोगों को उनसे बात करना पसंद नहीं था, क्योंकि उनकी याददाश्त अच्छी नहीं थी। स्ट्रल्डब्रग्स के लिए अनन्त जीवन कोई आशीर्वाद नहीं था, लेकिन वह एक शाप की तरह था।

लोग इसे लेखक की कल्पना से बनाई गई एक मनोरंजक कहानी के रूप में याद कर सकते हैं, लेकिन उस समय मुझे यह कहानी बहुत ही अर्थपूर्ण लगी। यह बात उस समय के बाद की है जब मैंने परमेश्वर को ग्रहण करके आत्मा के विषय के बारे में पूरी–पूरी समझ हासिल की थी।

लोग कुछ न कुछ चीज का पीछा करते रहते हैं, यह सोचते हुए कि वह चीज सदा तक वैसी ही बनी रहेगी। लेकिन इस पृथ्वी पर कुछ भी अनन्त नहीं है। हम अक्सर ऐसे लोगों के बारे में सुनते हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से कमाए सब धन को पल भर में गंवा दिया, या ऐसे लोगों के बारे में भी सुनते हैं जो बूढ़े होने के साथ–साथ अपना स्वास्थ्य गंवाते हैं और पीड़ा में रहते हैं।

फिर भी, शायद ही ऐसा कोई न होगा जो सदा तक जीना न चाहता हो। चूंकि परमेश्वर ने मनुष्यों के हृदय में अनादि–अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, हर कोई अनन्त जीवन जीने का सपना देखता है(सभ 3:11)। लेकिन यदि उन्हें स्ट्रल्डब्रग्स के समान जीना हो, तो हर कोई उसे मना करेगा। अनन्तकाल तक पीड़ा और तकलीफ में रहने से ज्यादा दयनीय बात और क्या हो सकती है?

बड़े सौभाग्य की बात है कि जिस अनन्त जीवन को हम प्राप्त करने वाले हैं, उसमें न तो तकलीफ है और न पीड़ा है। प्रतिदिन हमारे मन में खुशी और आनन्द का सैलाब उमड़ता रहेगा। स्वर्ग के राज्य में जहां हम सदा–सर्वदा राज्य करेंगे, वहां हमारा जीवन केवल ऐसी महिमा से भरा रहेगा जिसका सबसे असाधारण प्रतिभाशाली लेखक भी वर्णन नहीं कर सकता।

जब मुझे स्वर्ग के राज्य के बारे में मालूम नहीं था, मैं यह न जानते हुए कि मैं कहां से आया हूं और कहां जा रहा हूं, केवल व्यर्थ और निकम्मी चीजों के पीछे दौड़ता था और अपना किमती समय बर्बाद करता था। लेकिन स्वर्गीय पिता और माता स्वयं इस पृथ्वी पर आए और हमें हमारे जीवन के सार और अनन्त दुनिया के बारे में समझाया और हमारे लिए वहां जाने का मार्ग भी खोल दिया। मैं पिता और माता को धन्यवाद देते हुए अपना मन इस व्यर्थ संसार से हटाकर हर दिन अनन्त दुनिया के अपने अनन्त जीवन के लिए आगे बढ़ूंगा।