स्थान जहां परमेश्वर निवास करते हैं

बैंगलोर, भारत से इ नान ही

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मुझे सुसमाचार के मिशन के लिए भारत में आए हुए एक साल हुआ। कभी-कभी, मैं भाषा की बड़ी बाधा के सामने कमजोर हो जाती हूं या जब अच्छी लग रही स्थिति अचानक खराब हो जाती है, मैं निरुत्साहित होती हूं। तब, मैं स्वयं को इन वचनों की याद दिलाती हूं।

“अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा। क्या मैं ने तुझे नहीं भेजा?” उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊं? देख, मेरा कुल मनश्शे में सबसे कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सबसे छोटा हूं।” यहोवा ने उससे कहा, “निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; इसलिये तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को।” न्या 6:14-16

गिदोन का कुल मनथ्शे में सबसे कंगाल था और वह अपने पिता के घराने में सबसे छोटा था, फिर भी परमेथ्वर ने उसे मिद्यानियों के उत्पीड़न से इस्राएलियों को बचाने के लिए न्यायी के रूप में चुना था; परमेथ्वर ने गिदोन के साथ होने का वादा किया और उसे अपनी इच्छा पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया।

मैं भी, कमजोर हूं और मुझमें कई मायनों में कमी है, लेकिन मैं दृढ़ता से परमेथ्वर के इस वादे पर विथ्वास करती हूं कि “मैं तेरे संग रहूंगा।” चाहे मार्ग जिस पर मैं चलती हूं चौरस नहीं हो, लेकिन केवल परमेथ्वर पर निर्भर होने से सभी मुश्किलों को पार कर लूंगी।