हास्य कैंसर को भी पराजित करता है

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क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में कुछ विशेष सैन्यदल होता है? वह प्राकृतिक संहारक कोशिका (N.K. कोशिका) कहा जाता है।

वाइरस और किटाणु जो बाहर से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, वे ऐंटिबॉडी के द्वारा नाश किए जा सकते हैं। परन्तु कैंसर की कोशिकाएं ऐसे शत्रु हैं जो हमारे शरीर में बढ़ते हैं, इसलिए उन्हें नाश करने के लिए ऐंटिबॉडी अकेले काफी नहीं है। इस समस्या में N.K. कोशिकाएं आवश्यक हैं। जब N.K. कोशिकाएं किसी संक्रमित या ट्यूमर कोशिका को पहचान लेती हैं, तब वे उस कोशिका को निशाने पर रखकर उसके आसपास परफोरिन को छोड़ती हैं, जिससे निशाने पर रखी कोशिका की झिल्ली पर छेद हो जाते हैं और इससे कोशिका में तेजी से पानी और नमक प्रवेश करता है। इसके कारण अंत में निशाने पर रखी कोशिका फट जाती है। इसलिए N.K. कोशिकाएं हमारी रोग–प्रतिकारक प्रणाली में आगे बढ़कर काम करनेवाला सबसे शक्तिशाली सैन्यदल हैं।

N.K. कोशिकाओं को क्रियाशील करने का एक मार्ग हंसना है। हंसने से एंडोर्फिन नामक रसायण स्रावित होता है और यह N.K. कोशिकाओं की गतिविधियों को बेहतर बनाता है, लेकिन तनाव एंडोर्फिन के स्रावित होने और N.K. कोशिकाओं के कार्य में गिरावट लाता है।

डॉ. नोर्मन कजीन्स जो एक अमेरिकी राजनीतिक पत्रकार और लेखक हैं, एक बार एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस नामक असाधारण बीमारी से पीड़ित थे, और वह हास्य के द्वारा पूर्ण रूप से ठीक हो गए। अपनी पुस्तक में उन्होंने लिखा है, “हास्य किसी बुलेटप्रूफ जैकेट के समान है।” तब क्यों न आप ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट हमेशा पहने रखें जो आपको वाइरस से और यहां तक कि कैंसर से भी बचाती है?