मां की बांहों को याद करते हुए

6,213 बार देखा गया

भारत में एक स्कूल में, एक छोटे लड़के को कक्ष में घूमते हुए अचानक एक अच्छा विचार आता है और वह अपने दोनों हाथों में चाक लेकर बाहर जाता है। एक समुह में खेलने वाले बच्चों को पार करके, वह एक एकांत जगह में जाता है और वहां सीमेंट की फर्श पर चाक से एक बड़ा चित्र बनाना शुरू करता है।

दूर से देख रहा एक शिक्षक उसके पास आता है और उस चित्र को देखकर हैरान रह जाता है। उस छोटे लड़के के बनाए चित्र में एक स्त्री होती है जिसकी बांहें खुली हुई होती हैं। लड़का अपने जूते उतारता है और उस स्त्री की खुली बांहों में लेटता है। यह वीडियो इस वाक्य के साथ समाप्त होता है, “हम में से कुछ, जो बहुत से नसीब वालों से अलग हैं, मां के प्रेम की आशा करते हैं।”

यह भारत में बना एक दो मिनट का वीडियो है जिसका शीर्षक ‘चाक’ है। वास्तव में वीडियो में दिखाए गए लड़के ने इराक युद्ध में अपने माता­पिता को खो दिया था। ठंडे सीमेंट के फर्श होने के बावजूद, वह मां की गर्म बांहों को महसूस करने के लिए उस पर लेट जाता है। उस लड़के का मन जो अपनी मां को याद करता है, हमारे हृदय को छू लेता है।