“पापा, मेरे बनाए हुए इस पिनव्हील को देखिए।”
“वाह, बहुत अच्छा है! क्या हम इसे आजमाएं और देखें कि यह कितना अच्छे से काम करता है?”
पिता ने अपने बेटे का हाथ थामा और उसे पास ही के पार्क में ले गया। बेटे ने उत्साहित होकर अपनी बांह को ऊंचा कर दिया और पिनव्हील के घूमने का इंतजार करने लगा। लेकिन वह हवादार दिन नहीं था।
“पापा, मेरा पिनव्हील बिलकुल भी नहीं घूम रहा है।”
बेटा निराश हो गया।
“इस मामले में इसे घूमाने का तरीका है।”
“कैसे?”
पिता ने पिनव्हील पकड़ लिया और जितनी जल्दी हो सके उतना तेज दौड़ना शुरू कर दिया। फिर वह पिनव्हील तेजी से घूमने लगा। एक घेरे में दौड़ने के बाद वह अपने बेटे के पास आया और कहा, “एक ऐसे व्यक्ति के लिए असंभव कुछ भी नहीं है जो कड़ी मेहनत करता है।”