मुश्किल समय में एकजुट हुआ परिवार

सियोल, कोरिया से ग्ये ग्यंग नाम

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एक दिन, मेरे पति लंगड़ाते हुए काम के बाद घर आया। मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ, तो उसने कहा कि वह एक छोटी कार दुर्घटना में गिर गया और उसे पैर में दर्द महसूस हुआ। यह सोचकर कि वह ठीक हो जाएगा, वह अस्पताल नहीं गया और सीधे घर आया। मुझे उसके बाद होनेवाले प्रभाव की चिंता थी। मैंने उसके खरोंचे गए घुटने पर मरहम लगाया और उस पर बर्फ की थैली रखी। मेरे पति ने कहा कि वह रात के बाद ठीक हो जाएगा।जैसा उसने कहा, मुझे आशा थी कि कुछ नहीं होगा।

लेकिन अगले दिन, मेरे पति ने कहा कि उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर ने कहा कि उसे घुटने के स्नायुबंधन की सर्जरी से गुजरना होगा। भले ही वह जोर से नहीं गिर गया था, लेकिन उसे सर्जरी की जरूरत थी। मेरा दिल डूब गया।

हालांकि, मुझे कृतज्ञ महसूस हुआ क्योंकि वह इससे भी बदतर हो सकता था। यह समाचार सुनकर, मेरे दोनों बेटों ने यह कहते हुए मुझे दिलासा दिया, “मां, चिंता मत कीजिए। परमेश्वर हमारी मदद करेंगे।”

सर्जरी के दिन पर, जब मेरे पति को सर्जरी रूम में ले जा रहा था, तब मैंने उससे परमेश्वर से एक साथ प्रार्थना करने के लिए कहा, और उसने कहा कि वह करेगा। उसका जवाब सुनकर मुझे आभारी महसूस हुआ और मैं प्रेरित हुई।

सर्जरी रूम में मेरे पति को भेजने के बाद, रोगी कक्ष में मैंने अपने छोटे बेटे के साथ प्रार्थना की और सर्जरी समाप्त होने का इंतजार किया। सर्जरी सफलतापूर्वक हो गई। कितना आभारी था! मेरा बड़ा बेटा अपनी पार्ट टाइम नौकरी से आया और डॉक्टर से यह कहते सुनकर कि सर्जरी के बाद पहले दिन पर मरीज को अधिक दर्द हो सकता है, उसने स्वेच्छा से अपने पिता की देखभाल करने के लिए कहा। उसने यह भी कहा कि वह पुरुषों के रोगी कक्ष में अपनी मां को अकेले नहीं रहने देगा।

जब मेरे पति अस्पताल में था, तब मेरे दोनों बेटों ने अलग–अलग दिन पर, अपने पिता के बालों को धुलवाया, हजामत बनाने में उसकी मदद की और उसके साथ भोजन करते हुए बातचीत भी की।

एक दिन, घर वापस आते समय, मैंने अपने छोटे बेटे के साथ बातें कीं।

“हम सभी चीजों के लिए आभारी हैं, है न? तुम्हारे पिता बुरी तरह से घायल नहीं हुए, सर्जरी बहुत सफल हुई है और वह जल्दी से ठीक हो रहे हैं।”

“मां, क्या आप परमेश्वर की संतानों की विशेषता को जानती हैं?”

“वह क्या है?”

“जब वे थोड़े से घायल होते हैं, तब वे गंभीरता से घायल न होने के लिए आभारी होते हैं। जब वे अधिक घायल होते हैं, तब वे अपनी जान बचाने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं। और जब वे मृत्यु का सामना करते हैं, तब वे इसके लिए धन्यवाद देते हैं कि वे स्वर्ग के राज्य में जा सकते हैं।”

“तुम सही हो। हा हा हा!”

मेरा छोटा बेटा और मैं कुछ समय के लिए एक साथ हंसे।

मेरे पति जल्दी से ठीक हो गया और उसे जल्दी से अस्पताल से छुट्टी मिली। घर लौटकर, उसने कहा,

“सर्जरी रूम में प्रवेश करने से पहले मैं बहुत बेचैन था, लेकिन तुम्हारी बात सुनकर प्रार्थना की, तो मुझे ठीक महसूस हुआ। डाक्टर ने अपनी 150% क्षमता का प्रदर्शन किया और हमारे दोनों बेटों ने भी बहुत मेहनत की। आप सभी का धन्यवाद।”

“पापा, चिंता न कीजिए। आपका बड़ा बेटा हमेशा आपके साथ है!”

“मैं भी। इसलिए, जल्द ठीक हो जाइए, पापा!”

मेरे पति बहुत यत्न से पुनर्सुधार उपचार ले रहा है। वह दूसरे मरीजों की तुलना में तेजी से ठीक हो जा रहा है। इस तरह, वह परमेश्वर के प्रेम के द्वारा परमेश्वर के अधिक करीब आया है। मुझे यकीन है कि चूंकि मुश्किल स्थिति में भी हम एकजुट होकर परमेश्वर पर निर्भर रहे और हमने परमेश्वर को धन्यवाद दिया, तो परमेश्वर ने हमें बड़ी आशीषें दी हैं।

हमारा परिवार सभी परिस्थितियों में बात में धन्यवाद देगा, ताकि यह खुशी लंबे समय तक रह सके।