पक्षियों के पंख हल्के होते हैं और उनमें गर्मी को थामे रखने का अच्छा गुण होता है। इसलिए सर्दियों में पंखों से बनी जैकेट लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय होती है। परन्तु कठफोड़वे खुद को ढकनेवाले और गर्म रखनेवाले पंखों को स्वयं ही खींचकर उखाड़ लेता है। वह ऐसा अपने बच्चों के लिए करता है।
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कठफोड़वे अंडे सेने के समय में स्वयं ही अपने पेट से उस भाग के पंखों को खींचकर उखाड़ लेता है जो अंडों के संपर्क में आता है। उस नंगे चमड़े का भाग ज्यादा रक्तवाहिकाओं से भरा हुआ होता है, इसलिए उसके लिए अंडे सेते समय अपने अंडों तक गर्मी को सीधे पहुंचाना मुमकिन हो पाता है। उस नंगे चमड़े को, जिससे वह अपने अंडों को गर्म रखने के लिए लिपटाता है, अंडे सेने का भाग कहा जाता है।
ज्यादातर पक्षियों के पेट पर अंडे सेने का भाग अपने आप ही बन जाता है, लेकिन कठफोड़वे अपने ही शरीर पर से पंखों को खींचकर उखाड़ लेता है। उसकी चोंच पेड़ों में छेद करने योग्य कड़ी होती है। अपने उन बच्चों के लिए जो अभी पैदा भी नहीं हुए हैं, कठफोड़वे अपनी कड़ी और नोंकदार चोंच से अपने पंखों को उखाड़ने की दर्दनाक प्रक्रिया को सहता है। उसका अंडे सेने का भाग उसके बलिदान का पदचिह्न है।