समय और अवसर का इंतजार करने के बजाय
अमेरिका पीए, फिलाडेल्फिया से वेई वेई

मैं सुसमाचार का प्रचार करने के लिए अपनी बुआ के घर में अक्सर जाती थी। वहां मैं उनकी एक सहेली से मिली जो कभी–कभी उनके घर में आती थी, और मैं उसके करीब हो गई। उसका कार्यालय मेरे दफ्तर से नजदीक था, मुझे उसके साथ दोपहर का भोजन करते हुए इधर–उधर की बातें करने का मौका मिला। उसका स्वभाव कृपालु और सौम्य था, और उसे आत्मिक दुनिया और परमेश्वर में बहुत दिलचस्पी थी।
ठीक उस समय, फसह के पर्व से पहले सिय्योन में बाइबल सेमिनार आयोजित किया गया, और मैंने अपने रिश्तेदार की सहेली को आमंत्रित किया। भले ही मैंने सेमिनार में बहुत से दोस्तों को आमंत्रित किया था, लेकिन उनमें से केवल उसने ही खुशी के साथ मेरे आमंत्रण को स्वीकार किया। सेमिनार के समाप्त होने के बाद, उसने यह कहते हुए प्रस्तुतकर्ताओं की प्रशंसा की कि उन्होंने बढ़िया काम किया, और अपने बगल में बैठी बहनों के साथ स्नेहपूर्ण बातचीत भी की।
क्योंकि फसह नजदीक आ रहा था, मैंने उसे फसह के लिए आमंत्रण पत्र देकर कहा कि मैं उसके साथ फसह मनाना चाहती हूं। उसने स्वीकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई, लेकिन उसने कहा कि बहुत व्यस्त होने के कारण उसके लिए समय निकालना मुश्किल है। उसके बाद, मैंने सोचा कि मुझे उसे एक बार फिर सिय्योन में आमंत्रित करना चाहिए, लेकिन चूंकि वह व्यस्त थी, मुझे यह चिंता थी कि यदि मैं उसे बार–बार सिय्योन में आने को कहूं तो वह शायद परेशान हो सकती है, और मैं उससे बात करने से हिचकिचा रही थी।
एक महीने बाद, सिय्योन में दूसरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जब कार्यक्रम चल रहा था, मैं दूसरे सिय्योन की एक बहन से मिली जिसने पिछले बाइबल सेमिनार के दौरान मेरे रिश्तेदार की सहेली से बात की थी। उस बहन ने मुझसे पूछा, “जो आपके साथ पिछले बाइबल सेमिनार में आई थी, इस कार्यक्रम में भी वह आएगी? वह ठीक हमारे स्वर्गीय परिवार की तरह लग रही थी।”
उस क्षण, मैंने साहस बांधकर उसे फोन किया। आश्चर्यजनक रूप से उसने कहा कि वह उस सप्ताह में सिर्फ कल ही समय निकाल सकती है, और वह कल काम के बाद सिय्योन में आएगी।
अगले दिन, वह अपने वादे के अनुसार सिय्योन में आई। भले ही देर रात हुई थी, लेकिन उसने नम्र मन से सत्य को ग्रहण किया। इस तरह वह हमारी बहन बन गई, और उस समय से वह लगातार बाइबल का अध्य्यन करते हुए नियमों का पालन कर रही है, यहां तक कि उसने पिन्तेकुस्त के दिन की प्रार्थना अवधि के दौरान भोर की आराधना भी मनाई।
बाद में उसने मुझे बताया कि वह लंबे समय से परमेश्वर से प्रार्थना किया करती थी कि उसे सच्चे परमेश्वर और सच्चा चर्च मिल जाए। जब उसने मेरी रिश्तेदार से कुछ बुरी बातें सुनीं जिसे चर्च ऑफ गॉड के बारे में गलतफहमी थी, तब उसने उससे कहा, “यदि वेई वेई उस चर्च में जाती है, तो वह बुरा चर्च नहीं होगा। मैं उस चर्च में जाकर अपनी आंखों से देखना चाहती हूं। मैं मानती हूं कि स्वयं देखना किसी से सुनने से बेहतर है।” बाइबल सेमिनार में भाग लेकर हमारे चर्च को स्वयं देखने के बाद, उसने लोगों को यह कहते हुए हमारे चर्च का परिचय भी दिया कि, “यह चर्च सब कुछ बाइबल के अनुसार सिखाता है।”
मुझे लगता है कि स्वर्गीय माता ने बहन की व्याकुल प्रार्थना को सुनकर, जो सच्चे परमेश्वर को खोज रही थी, मुझे उसके पास भेजा। जब मैं यह न जानते हुए उसकी सिय्योन में अगुवाई करने से हिचकिचा रही थी, तब पिता और माता कितने व्याकुल हुए होंगे?
यीशु ने अपने चेलों से कहा कि सिर्फ परमेश्वर ही समयों और कालों को जानते हैं, इसलिए तुम पृथ्वी की छोर तक उद्धारकर्ता की गवाही देने वाले गवाह बनो(प्रे 1:7–8)। इस बहन के द्वारा, मैंने यह बहुमूल्य एहसास प्राप्त किया कि मुझे अनुकूल समय और अवसर का इंतजार करने के बजाय वचन का पालन करना चाहिए और ईमानदारी से किसी भी समय, कहीं भी प्रचार करना चाहिए। ऐसा करते हुए परमेश्वर मुझे अनपेक्षित लोगों से मिलने देंगे, और अनपेक्षित क्षण में स्वर्गीय परिवार को खोचने देंगे।