प्रचार का उद्देश्य

सेबू, फिलीपींस से एन मेरी मोराल्डा

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सिय्योन में सुसमाचार के कार्य के लिए एक पद प्राप्त करने के बाद, मैं अच्छे फल उत्पन्न करने के द्वारा सदस्यों को अच्छा नमूना दिखाना चाहती थी। 68वें विदेशी मुलाकाती दल के एक सदस्य के रूप में स्वर्गीय माता से मिलकर आशीष प्राप्त करने के बाद, फल उत्पन्न करने की मेरी आशा और उत्सुक हो गई। लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी मेरे पास कोई फल नहीं था और इससे मेरा मन बहुत भारी हो गया था।

साल की शुरुआत में, मैंने माता के यह वचन सुना कि हमें सुसमाचार की तुरही स्पष्ट रूप से और जोर से फूंकते हुए इस युग के उद्धारकर्ता की घोषणा करनी चाहिए। यह सुनकर, मैंने ध्यान से विचार किया कि इस वर्ष में मुझे किस प्रकार की मानसिकता के साथ सुसमाचार के कार्य में भाग लेना चाहिए।

उस बीच, मैं शाखा चर्च का समर्थन करने के लिए गई और प्रचार का वातावरण बदल गया। मैंने माता के वचन को अपने मन में फिर से अंकित करके अपने संकल्प को मजबूत किया। तब वसंत के पर्व आए।

इस पर्व के द्वारा, परमेश्वर ने मेरे विश्वास को तरोताजा किया; अखमीरी रोटी का पर्व मनाते हुए, मैं स्वर्गीय पिता के बलिदान को थोड़ा सा नाप सकी जो अपनी सभी संतानों को बचाने के लिए इस सुसमाचार के मार्ग पर अकेले चले। जब मैंने अपने अंदर झांककर देखा कि मैं पिता की तरह व्याकुल मन के साथ अपने स्वर्गीय परिवार के सदस्यों को खोज रही हूं, तब मुझे परमेश्वर के प्रति बहुत खेद महसूस हुआ। मैं मर रही आत्माओं को बचाने के लिए और खोए हुए भाइयों और बहनों को खोजने के लिए नहीं, लेकिन केवल फल उत्पन्न करने के लिए सुसमाचार का कार्य कर रही थी। मैंने अपना मन बनाया कि अब मैं परमेश्वर के बलिदान और अनुग्रह का प्रचार करूंगी, ताकि स्वर्गीय परिवार के सदस्य की अगुवाई जल्दी से सिय्योन में की जा सके।

दो दिनों के बाद, मैं एक स्वर्गीय परिवार के सदस्य से मिली। मैंने कभी नहीं जाना कि यह दिन मेरे विश्वास के जीवन में एक मोड़ बनेगा। उस दिन, मैं हमेशा की तरह काम के बाद सदस्यों के साथ प्रचार के लिए बाहर गई। लेकिन एक–दो घंटों के बाद भी, किसी ने भी परमेश्वर के वचनों पर कान नहीं लगाया।

ओ प्रिय भाइयो, तुम कहा हो? क्या कर रहे हो? तुम बहुत याद आते हो… गहरे अंधेरे में डूब कर अब भी भटक रहे हो? जिस किसी से मिलता हूं, पूछता हूं कि क्या वह मेरा भाई है ♪।

मैं नया गीत गाने लगी और अनजाने में मेरे गाल पर आंसू छलक आए। मुझे बहुत यकीन था कि कहीं न कहीं हमारे भाई और बहनें जरूर होंगे जो यह जाने बिना कि स्वर्गीय माता–पिता इस पृथ्वी पर आए हैं, दर्द में चुपचाप रो रहे हैं। लेकिन कोई भी नहीं सुन रहा था। मैंने उत्सुकता से आशा की कि जिस किसी को मैं वचन का प्रचार करती हूं, वह मेरा भाई और मेरी बहन हो, जिसे परमेश्वर खोज रहे हैं।

तब मैंने एक व्यक्ति को कैफे से बाहर निकलते देखा। मैं उसके पास जाकर नमस्ते किया और एक सवाल पूछा।

“क्या आपने कभी यीशु के नए नाम के बारे में सुना है?”

वह उलझन में था लेकिन साथ ही साथ वह अपनी दिलचस्पी भी दिखाई। वह सीधे हमारे साथ सिय्योन में आया और उद्धारकर्ता को स्वीकार किया जो इस युग में नए नाम के साथ आए। वह भाई केइन है। एक सप्ताह के भीतर, भाई केइन ने अपने तीन दोस्तों को सिय्योन में आमंत्रित किया और फल उत्पन्न किए। भाई एलेक्सिस उनमें से एक है; उसने भी दस दिनों के बाद माता की बांहों में दूसरा आत्मा की अगुवाई की। भाई केइन और एलेक्सिस अपने कॉलेज में कड़ी मेहनत से सुसमाचार का कार्य कर रहे हैं। उसके बाद, मैंने भी कई फलों को उत्पन्न करने के द्वारा दस तोड़ों के मिशन को पूरा करने की आशीष पाई।

उन भाइयों को देखते हुए, मैंने बहुत ही महत्वपूर्ण बात महसूस किया कि प्रचार के उद्देश्य बस फल उत्पन्न करना नहीं लेकिन हमारे खोए हुए भाइयों और बहनों को खोजना है। माता ने इसलिए हमसे निडरता से प्रचार करने को कहा है क्योंकि सिर्फ जब हम स्पष्ट रूप से राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते हैं, तब पूरे संसार में बिखरी हुई स्वर्गीय संतान उसे सुनकर उद्धार पा सकती हैं। मैं माता के वचन का पालन करूंगी और अपने खोए हुए भाइयों और बहनों को खोजने के लिए सुसमाचार की तुरही स्पष्ट रूप से फूंककर ईमानदारी से अपना कदम बढ़ाऊंगी।