
जब इस्राएली सात वर्ष तक मिद्यानियों के वश में कर दिए गए, तब इस्राएल के पास जो दुखों में परमेश्वर को पुकार रहा था, परमेश्वर ने अपना दूत भेजा, ताकि वह इस्राएलियों को छुड़ानेवाले न्यायी चुन सके।
परमेश्वर का दूत आया और एक बांज के पेड़ के नीचे बैठा, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था। उस समय योआश का पुत्र गिदोन छिपे–छिपे एक दाखरस के कुण्ड में गेहूं झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। परमेश्वर ने दूत के द्वारा उससे कहा,
“जाओ और मिद्यानी लोगों से इस्राएल को छुड़ाओ। मैं तुझे भेजता हूं।”
गिदोन ने जाना कि परमेश्वर ने उसे इस्राएल के नेता के रूप में चुना। लेकिन उसे पता नहीं था कि क्या करना है।
“हे परमेश्वर, क्षमा करें, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊं? देखिए, मेरा परिवार मनश्शे के परिवार समूह में सबसे कमजोर है और मैं अपने परिवार में सबसे छोटा हूं।”
“मैं निश्चय ही मिद्यानी लोगों को हराने में सहायता करने के लिए तुम्हारे साथ रहूंगा। यह ऐसा मालूम होगा कि तुम एक व्यक्ति के विरुद्ध लड़ रहे हो।”
गिदोन ने अपने डर पर काबू पाकर परमेश्वर की इच्छा के अनुसार किया। यह इस अद्भुत काम की शुरुआत थी कि केवल 300 योद्धाओं के द्वारा 1,35,000 मिद्यानी सैनिकों को पराजित किया गया।
इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाने के लिए, गिदोन परमेश्वर के न्यायी के रूप में चुना गया। मगर उसने परमेश्वर को अपनी कमजोरी कबूल की। गिदोन स्वयं स्वभाव से डरपोक व्यक्ति था। उसने मिद्यानियों से छिपकर दाखरस के कुण्ड में गेहूं कूटे। और जब परमेश्वर ने उससे बाल की वेदी को गिराने के लिए कहा, उसने डर के कारण वह काम रात में किया, दिन में नहीं। और उसने मिद्यानियों से लड़कर विजय पाने का संकेत दिखाने के लिए परमेश्वर से कई बार विनती की।
यदि गिदोन ने कमजोर होने का बहाना बनाकर परमेश्वर के आदेश को मानने से इनकार किया होता, तो क्या हुआ होता? गिदोन उस न्याय के रूप में जिसने इस्राएल को बचाया, इतिहास में लम्बे समय तक इसलिए याद किया जा सकता है क्योंकि उसने अपना मन बदलकर विश्वास किया कि परमेश्वर उसके साथ हैं, और परमेश्वर के वचन के अनुसार किया।
हम निश्चित रूप से परमेश्वर के सामने कमजोर मनुष्य हैं। परमेश्वर इसके बारे में अन्य किसी भी व्यक्ति की तुलना में बेहतर जानते हैं। फिर भी परमेश्वर ने यह कहते हुए सुसमाचार का कार्य हमें सौंपा है, “मैं तुम्हें भेजता हूं।”
आइए हम विश्वास के साथ डर पर काबू पाते हुए परमेश्वर पर भरोसा करें। जो चुने जाने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं और परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, उन लोगों के लिए विजय पूर्वनिर्धारित की गई है।