शैतान की निन्दा और परमेश्वर की विजय

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अब, सुसमाचार पूरे संसार में, पूर्व से पश्चिम तक प्रचार किया जा रहा है। परमेश्वर का कार्य नियत समय आने पर शीघ्रता से पूरा हो जाएगा। जैसे जैसे समय निकट आता जा रहा है, शैतान और भी उग्रतापूर्वक हमारी निन्दा कर रहा है। हम, परमेश्वर की सन्तानों को जो पहले नहीं सहे उन परीक्षणों, परेशानियों, सतावों और प्रलोभनों को सहना पड़ सकता है।

आइए हम, बाइबल के द्वारा यह देखें कि शैतान परमेश्वर के सत्य की कैसे निन्दा करता है, और परमेश्वर कैसे अन्त में उस पर विजय पाते हैं,(प्रक 18) ताकि हम भी खुशी के साथ विश्वास में दृढ़ता से खड़े रहते हुए, उस पर विजय पा सकें।

बाइबल भविष्यवाणी करती है कि परमेश्वर शैतान के प्रतिरोध पर विजय प्राप्त करेंगे और अन्त में उसे हराएंगे। हालांकि, विजय पाने की प्रक्रिया में बहुत से नाजुक क्षण लगातार आते हैं। आपको और मुझे, जो इस अंतिम समय में जी रहे हैं, जब तक स्वर्ग के राज्य का दरवाजा खुलने का क्षण न आए, तब तक दृढ़ आत्मविश्वास के साथ, विश्वास की दौड़ में दौड़ने के लिए पूरा प्रयत्न करना चाहिए।

परमेश्वर ने कहा है, “प्राण देने तक विश्वासी रह, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।(प्रक 2:10)” इस आशामय प्रतिज्ञा पर विश्वास करते हुए, आइए हम परमेश्वर पर निर्भर होकर शैतान के प्रतिरोध पर विजय हासिल करें।

मसीह के प्रेरित और झूठे प्रेरित

आज, संसार में अनगिनत चर्च हैं। बाहरी रूप से ऐसा लगता है कि वे सब परमेश्वर की सेवा करने के लिए स्थापित हुए हों; वे क्रूस को खड़ा करते हैं और लोगों को चिल्ला–चिल्लाकर कहते हैं कि, ‘मसीह का सुसमाचार सुनने के लिए हमारे चर्च में आइए।’ हालांकि, बाइबल में लिखी हुईं परमेश्वर की शिक्षाओं के आधार पर हमें यह देखना चाहिए कि वे परमेश्वर की इच्छा का पालन करते हैं या नहीं; वे अपनी शिक्षाओं और कार्यों का मूल बाइबल पर रखते हैं या नहीं।

संसार की उत्पत्ति के समय से हमारा शत्रु, शैतान यदि हो सके तो किसी भी तरीके से लोगों को और परमेश्वर की सन्तानों को धोखा देने की कोशिश करता है। अब, आइए हम जानें कि शैतान कैसे परमेश्वर की सन्तानों का प्रतिरोध करता है कि वे अपना विश्वास छोड़ दें।

क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करनेवाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरनेवाले हैं। यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। इसलिए यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कोई बड़ी बात नहीं, परन्तु उनका अन्त उनके कामों के अनुसार होगा। 2कुर 11:13–15

बाइबल कहती है कि यह कुछ अचम्भे की बात नहीं कि शैतान के सेवक धर्म के सेवक का रूप धारण करें। जब शैतान और उसके सेवक ज्योतिर्मय स्वर्गदूत और धर्म के सेवक का रूप धारण करके हमारे पास आएं, तब हमें यह पहचानना चाहिए कि उनकी शिक्षा सच्ची है या झूठी। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।

तब, शैतान के सेवक धर्म के सेवक होने का ढोंग क्यों करते हैं? वे ऐसा एक ही उद्देश्य से करते हैं कि लोगों को, यहां तक कि परमेश्वर के चुने हुओं को भी, धोखा देकर नरक की ओर ले जाएं। यदि वे शैतान के रूप में अपनी पहचान बता दें, तो कोई भी उन पर विश्वास नहीं करेगा। स्वयं को धर्म के सेवक के रूप में दिखाने के लिए वे “हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं,” “हमें अपने पड़ोसियों से प्रेम करना चाहिए,” “हम मसीह की शिक्षाओं का पालन करते हैं,” इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करते हैं।

आइए हम देखें कि यीशु ने उनके विषय में क्या कहा जो स्वयं को धर्म के सेवक बता कर आत्माओं को मृत्यु की ओर ले जाते हैं।

“हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उस में प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो।” मत 23:13

शैतान के सेवक स्वयं को धर्म के सेवक के रूप में दिखाकर, लोगों के सामने स्वर्ग के राज्य का दरवाजा बन्द करते हैं; वे स्वयं उसमें प्रवेश नहीं करते, और जो प्रवेश करना चाहते हैं उन्हें भी प्रवेश करने नहीं देते। जो स्वर्ग की ओर लोगों की अगुआई करते हैं वे परमेश्वर के सेवक होते हैं, शैतान के नहीं। वे तो स्वयं प्रवेश नहीं करते; उस से बढ़कर वे उन्हें भी प्रवेश करने नहीं देते जो प्रवेश करना चाहते हैं। वे धर्म के सेवक का रूप धारण करते हैं।

जब हम इसके बारे में समझते हैं, तो हम अपने भाइयों और बहनों को शैतान के फंदे से छुड़ा सकते हैं, और उन्हें सत्य में ले आ सकते हैं। अब, हमें सावधानी और मज़बूत विश्वास की आवश्यकता है। जब हमारा विश्वास दृढ़ और अटल हो जाता है, परमेश्वर हमारी आत्मिक आंखों को देखने के लिए, कानों को सुनने के लिए, और मनों को समझने के लिए खोल देते हैं, ताकि हम शैतान के सेवकों के धर्म के सेवक का रूप धारण करने पर भी उनसे धोखा न खा लें।

आइए हम देखें कि शैतान के सेवक लोगों से स्वर्ग के राज्य को किस प्रकार छिपाते हैं।

उसने उनसे कहा, “यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्वाणी की; जैसा लिखा है; ‘ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन मुझ से दूर रहता है। ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।’” मर 7:6–7

लोगों को परमेश्वर से दूर करने के लिए और उनके सामने स्वर्ग के राज्य का दरवाजा बन्द करने के लिए, शैतान के सेवक मनुष्य के नियमों का धर्मविधि के रूप में प्रयोग करते हैं। मनुष्य के नियमों के द्वारा, वे बहुत से मसीहियों को परमेश्वर की आज्ञाओं की उपेक्षा करने देते हैं और जिससे परमेश्वर घृणा करते हैं उस सूर्य–ईश्वर की आराधना करने देते हैं; उनके सामने स्वर्ग के राज्य का दरवाजा बन्द किया जाता है, और उनके मन परमेश्वर से दूर होते जाते हैं। यदि वे परमेश्वर के सेवकों से सिखाए गए होते, तो उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन किया होता और परमेश्वर के निकट आए होते; वे स्वर्ग के राज्य की ओर दौड़ते होते।

आज भी ऐसी बहुत सी आत्माएं हैं जिन्होंने शैतान के सेवकों के द्वारा धोखा खाया है और मृत्यु के मार्ग का पालन करते हैं। हमें उन्हें ऐसे ही अकेले नहीं छोड़ देना चाहिए, लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि शैतान के सेवक कौन हैं और उनकी योजनाओं के बारे में भी बताना चाहिए। वे जिन्हें पहले ही भरमाया गया है, सोचते हैं कि शैतान के सेवक भी परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, क्योंकि वे धर्म के सेवक का रूप धारण करके परमेश्वर और बाइबल के बारे में बातें करते हैं। हालांकि, यदि हम जो वे बोलते हैं उस पर थोड़ा ध्यान दें, तो हम आसानी से देख सकते हैं कि जो वे बोलते हैं वह बिल्कुल झूठ और बाइबल जो कहती है उससे बिल्कुल विरुद्ध होता है।

शैतान के सेवक अपने होठों से तो परमेश्वर का आदर करते हुए प्रतीत होते हैं। वास्तव में, वे लोगों को मनुष्यों के नियमों के द्वारा धोखा देते हैं और उनसे परमेश्वर की व्यर्थ आराधना कराते हैं। आइए हम अपनी आंखें खोलें और हमारे आसपास देखें। कितने सारे लोगों को धोखा दिया गया है! हमें सिर्फ चुप रहते हुए उन्हें देखना नहीं चाहिए वरन् निडरता से उन्हें बताना चाहिए कि क्या सच है और क्या झूठ।

उन्हें सत्य और झूठ के बीच भेद करने दीजिए

अब, हमें ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करने वाले शैतान की सही पहचान उन लोगों को बतानी चाहिए, जो झूठ और सत्य में भेद नहीं कर पाते। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें मनुष्यों के नियम सिखाए गए हैं और वे इस उलझन में रहते हुए कि वे परमेश्वर की आराधना करते हैं और मनुष्यों के नियमों का पालन करके वे स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं, उनका पालन करते हैं। हमें उनकी अगुआई परमेश्वर की ओर करनी चाहिए।

मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। परमेश्वर ने स्वर्ग में से मनुष्यों पर दृष्टि की है कि देखे कि कोई बुद्धिमान, कोई परमेश्वर का खोजी है या नहीं। वे सब के सब भटक गए, वे सब भ्रष्ट हो गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं। भजन 14:1–3

ऐसा कोई भी नहीं है जो भलाई करता है या परमेश्वर को ढूंढ़ता है, क्योंकि सभी को मनुष्यों के नियम सिखाए गए हैं। तब, स्वर्ग के राज्य में कौन प्रवेश कर सकता है? जिन्होंने शैतान के सेवकों के द्वारा धोखा खाया है उनमें से कोई स्वर्ग के राज्य के पास जाने के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकता; क्योंकि वे सिर्फ अपने होठों से परमेश्वर का आदर करते हैं। शैतान के सेवकों के द्वारा, अनगिनत लोगों को हजारों सालों से, धोखे से मनुष्य के नियम सिखाए गए हैं, और वे ऐसा दृढ़ विश्वास रखते हैं कि क्रिसमस, रविवार की आराधना और क्रूस की पूजा करने जैसे मनुष्य के नियमों का पालन करने के द्वारा वे स्वर्ग के राज्य में जाएंगे।

चूंकि इतने लम्बे समय से वे शैतान के द्वारा बांधे गए हैं, इसलिए अब उनके मनों को जागृत करना आसान नहीं होगा। हालांकि, परमेश्वर हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा है कि सत्य निश्चय ही विजय पाएगा। इन शब्दों पर निर्भर रहते हुए हमें उत्सुकता से उन्हें जागृत करना चाहिए।

बाइबल कहती है कि सभी मनुष्य एक साथ भ्रष्ट हो गए हैं और शैतान के द्वारा भरमाए गए हैं, और ऐसा कोई भी नहीं है जो भलाई करता है, एक भी नहीं है। हालांकि, वह ऐसा भी कहती है कि परमेश्वर ने कुछ लोगों को बाकी रखा है।

परमेश्वर ने अपनी उस प्रजा को नहीं त्यागा, जिसे उसने पहले ही से जाना… ठीक इसी रीति से इस समय भी, अनुग्रह से चुने हुए कुछ लोग बाकी हैं। रो 11:2–5

समुद्र के बालू के समान अनगिनत लोगों में से परमेश्वर ने कुछ ऐसे धर्मी लोगों को बचा रखा है जिन्होंने बाअल के सामने अपने घुटने नहीं टेके हैं। चाहे वे थोड़े से हैं, वे धर्म के सेवकों का रूप धारण करते और मनुष्यों के नियमों के द्वारा स्वर्ग के राज्य का दरवाजा बन्द करने वाले शैतान के सेवकों का सामना करेंगे।

इस छोटे समूह को पूरे विश्वास के साथ संपूर्ण रूप से परमेश्वर पर निर्भर रहना चाहिए, ताकि वह शैतान की सभी शक्तियों के सामने लड़ सके। “परमेश्वर की इच्छाओं का पालन करने के लिए यदि मुझे मरना भी पड़े, तो मैं मर जाऊंगा।”यह छोटा समूह, प्रथम चर्च के शहीदों के जैसे मन के बिना, कैसे समुद्र के बालू के समान लोगों का विरोध कर सकेगा, जो शैतान के पक्ष में हैं?

जरा सोचिए कि पुराने दिनों में गिदोन ने युद्ध किस प्रकार जीता था। वह पूर्ण रूप से परमेश्वर पर निर्भर था, इसलिए वह और उसके तीन सौ योद्धा एक लाख पैंतीस हजार सैनिकों को हरा सके थे। उनके पास केवल मशालें और नरसिंगे लेकर भी दुश्मनों की छावनी पर धावा करने तक का दृढ़ विश्वास था। उनके ऐसे महान विश्वास के कारण वे युद्ध को जीत सके थे।

जैसे जैसे हम उस दिन को आते हुए देखते हैं, हमें भी गिदोन के योद्धाओं के समान, मजबूत विश्वास धारण करना चाहिए। जब हमारे पास ऐसा विश्वास और मनोबल होगा, तो हम, परमेश्वर का छोटा सा समूह भी शैतान के सेवकों का विरोध कर सकते हैं, जो परमेश्वर के सेवक होने का ढोंग करते हैं।

एलिय्याह के समय में, परमेश्वर ने सात हजार लोगों को बचा रखा था जिन्होंने बाअल के सामने घुटने नहीं टेके थे। उसी तरह से, वर्तमान समय में भी अनुग्रह से चुने हुए कुछ लोग बाकी हैं।

तब अजगर स्त्री पर क्रोधित हुआ, और उसकी शेष संतान से, जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानती और यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं, लड़ने को गया। और वह समुद्र के बालू पर जा खड़ा हुआ। प्रक 12:17

अजगर, यानी शैतान स्त्री की शेष सन्तानों के विरुद्ध लड़ता है। इसे देखकर लगता है कि स्त्री की शेष सन्तान धर्मी जन हैं; वे परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करती हैं।

यह प्रकाशन हमें दिखाता है कि अन्त के दिनों में सच में क्या होने वाला है। हम देख सकते हैं कि शैतान समुद्र के बालू के समान अनगिनत लोगों पर अधिकार चलाता है। मनुष्य के नियम वो हथियार हैं जिनका उपयोग शैतान के सेवक स्वर्ग के राज्य का दरवाजा बन्द करने के लिए करते हैं। हालांकि, जो परमेश्वर के पक्ष में खड़े हैं वे शैतान का विरोध करते हुए लगातार परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं और यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं।

समुद्र के बालू के समान एक बड़ी भीड़ शैतान के पक्ष में खड़ी है। हालांकि, परमेश्वर ने हमें, अपने छोटे समूह को विजय दिलाने की प्रतिज्ञा की है। यह विजय जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने हम से की है, वह हमारे मज़बूत विश्वास के द्वारा हमें दी जाती है। चूंकि हम सब के पास अटल विश्वास है, इसलिए चाहे शैतान कितना भी प्रयास करे, वह हमें नहीं गिरा सकता। अन्त में, उसे हारना ही होगा।

फिर इसके बाद एक और, दूसरा, स्वर्गदूत यह कहता हुआ आया, “गिर पड़ा, वह बड़ा बेबीलोन गिर पड़ा… जो कोई उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उसकी छाप ले। वह परमेश्वर के प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा… आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा। उनकी पीड़ा का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम ही छाप लेते हैं, उनको रात दिन चैन न मिलेगा।” पवित्र लोगों का धीरज इसी में है, जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते और यीशु पर विश्वास रखते हैं। प्रक 14:8–12

बाइबल कहती है कि जिन्होंने पशु के धर्मसिद्धांतों को पिया है वे सब परमेश्वर के कोप का दाखमधु पीएंगे। और ऐसा भी कहती है कि इसमें उन संतों का धैर्य है, जो यीशु पर विश्वास रखते हैं और परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं। उनका धैर्य ही उन्हें विजय दिलाता है।

परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करनेवालों को दी गई विजय की प्रतिज्ञा

अब, हम अक्सर शैतान के सेवकों को हमारे आसपास कार्य करते हुए देखते हैं। वे असंख्य हैं, और उन्हें परमेश्वर के सेवकों से अलग करना आसान नहीं है।

हजारों सालों से शैतान के सेवकों ने अपने आपको धर्म के सेवक और ज्योति के दूत के रूप में दिखाकर, संसार को भरमाया है; उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने वाली परमेश्वर की सन्तानों की, यानी परमेश्वर के सेवकों की निन्दा की है और उन्हें सताया है। चूंकि उन्होंने संसार को इतने लम्बे समय से भरमाया है, एक छोटी सी अवधि में लोगों को इस आत्मिक धोखे से बाहर निकालना लगभग नामुमकिन है। यह केवल परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने वाली परमेश्वर की सन्तानों के अटल विश्वास से ही मुमकिन है। केवल उनके मज़बूत विश्वास और धैर्य और सहनशीलता के द्वारा, शैतान हार जाता है और संसार बदलता है।

चाहे हमारा शत्रु, शैतान, हर प्रकार की युक्तियों से सत्य को छिपाता है, लेकिन परमेश्वर इससे विचलित नहीं होते; वह उसे कुछ भी नहीं समझते।

उसने किससे सम्मति ली… देखो, जातियां तो डोल में की एक बून्द या पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूल के किनकों सरीखे उठाता है… सारी जातियां उसके सामने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरी हैं। यश 40:14–17

शैतान और उसके सेवक, समुद्र के बालू के समान अनगिनत लोगों के साथ मिलकर, परमेश्वर के विरुद्ध युद्ध करते हैं और उनकी सन्तानों को सताते हैं। हालांकि, परमेश्वर उन्हें नगण्य और व्यर्थ समझते हैं।

जब हमारा विश्वास कमजोर है, तो ऐसा लगता है कि शैतान हम से बलवान होता है और हम उससे डरते हैं। हालांकि, परमेश्वर ने हमें प्रथम चर्च के इतिहास के द्वारा पहले से दिखाया है कि शैतान नष्ट होकर मिट जाएगा। बहुत से सम्राटों ने, राजनीतिज्ञों ने और धार्मिक नेताओं ने प्रथम चर्च के संतों की हंसी उड़ाई और परेशानियां दीं और उन्हें धमकाया था। हालांकि, जितना ज्यादा उन्होंने संतों को सताया, उतना ही ज्यादा उनका विश्वास मज़बूत हो गया, और चर्च विकसित और सफल हुआ; क्योंकि परमेश्वर, जो संसार के किसी प्रभावशाली अधिकार को नगण्य समझते हैं, उनके साथ थे।

इसलिए, हमें, जो इस अन्तिम युग में जीते हैं, किसी भी बात से डरना नहीं चाहिए। बल्कि, जो परमेश्वर के सुसमाचार का प्रतिरोध करते हैं और मनुष्य की आत्माओं को खा जाते हैं, हमें उस शैतान और उसके सेवकों की सच्ची पहचान लोगों को बताकर उन्हें जागृत करते हुए, उत्सुकता से उन्हें सत्य के सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए।

वे लोगों को ऐसा विश्वास करने के लिए भरमाते हैं कि परमेश्वर के लोग जिसका पालन करते हैं या जो मनाते हैं वह सब झूठ है। चाहे वे हमें सुसमाचार का प्रचार करने से रोकें, फिर भी हमें परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हुए और धैर्य के साथ उन पर निर्भर रहते हुए, मसीह में अपना विश्वास रखना चाहिए।

झूठे भविष्यद्वक्ता संसार को परमेश्वर के सामने लड़ने के लिए खड़ा कर रहे हैं। हालांकि, शैतान की शक्तियां जितनी ज्यादा बढ़ती है, उतना ही हमारा विश्वास मज़बूत बनना चाहिए; क्योंकि परमेश्वर ने कहा है कि वे कुछ भी नहीं हैं। हमारा कार्य हमारे भाइयों और बहनों को शीघ्रता से ढूंढ़ना और उन्हें सिय्योन में ले आना है। हमें इस बात को एक क्षण के लिए भी नहीं भूलना चाहिए।

जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं? यहोवा और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैं… वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा; प्रभु उनको ठट्ठों में उड़ाएगा… “मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।”… तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा, तू कुम्हार के बर्तन के समान उन्हें चकना चूर कर डालेगा। भजन 2:1–9

हम, परमेश्वर के लोगों के पास सबसे बड़ी सामर्थ्य है, क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ हैं। बाइबल उन शैतान के सेवकों के विषय में क्या कहती है जो परमेश्वर और उनके लोगों के विरुद्ध बातें करते हैं? परमेश्वर उन पर हंसेंगे और वह लोहे के डण्डे से उनके टुकड़े टुकडे. करेंगे और कुम्हार के बर्तन के समान उन्हें चकनाचूर कर देंगे।

जब तक परमेश्वर का नियुक्त समय नहीं आ जाता तब तक हमें सहन करना चाहिए: दृढ़ विश्वास और स्वर्ग की आशा के साथ, हमें मर रही आत्माओं को बचाकर परमेश्वर के प्रेम का अभ्यास करते हुए, अन्त तक धैर्यवान बनना चाहिए। चाहे शैतान बड़े ही आक्रमक ढंग से हमारा प्रतिरोध करे, तो भी विजय उसकी नहीं पर निश्चित रूप से हमारी होगी। हम खुद का क्रूस उठाकर, जंगल के मार्ग पर चलते हैं और कांटों के पथों का पालन करते हैं। लेकिन यही विजय प्राप्त करने का रास्ता है। जब हम कठिनाइयों के रास्ते से विजय प्राप्त करेंगे, तो वह विजय

और भी ज्यादा मूल्यवान और उत्कृष्ट हो जाएगी।

परमेश्वर स्वर्ग में हमारे लिए एक जगह तैयार कर रहे हैं, और हम जल्द ही उनसे मिलने वाले हैं। अपने बाकी जीवन में, हमें प्रत्येक मौके का, शैतान के सेवकों और झूठे भविष्यद्वक्ताओं की सही पहचान का पर्दाफाश करके, अपने भाइयों और बहनों को ढूंढ़ने के लिए बेहतर ढंग से उपयोग करना चाहिए। हर समय सतर्क रहते हुए, आइए हम बहुतायत से फल उत्पन्न करने के लिए मेहनत करें, ताकि हमारे पिता और माता प्रसन्न हो सकें।

परमेश्वर की सन्तान के तौर पर, आइए हम बुद्धिमान और विवेकी दृष्टि के द्वारा विश्वास में दृढ़ रहते हुए और हमेशा परमेश्वर का पालन करते हुए, शैतान के सभी प्रतिरोधों पर विजय प्राप्त करें।