यरूशलेम की महिमा संसार में प्रकट करो

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बाइबल की भविष्यवाणी में से हर एक पिछले समय संपूर्ण रूप से पूरी हुई है, और अब, इस समय भी पूरी होती जा रही है। कुछ भविष्यवाणी भी, जो अब तक पूरी नहीं हुई, थोड़ी ही देरी में परमेश्वर की योजना के अनुसार पूरी हो जाएगी।

अब, हमारे सामने बची हुई एक सब से महत्वपूर्ण भविष्यवाणी यह है कि यरूशलेम की महिमा पूरे विश्व में सारे लोगों में फैल जाएगी। यद्यपि यह भविष्यवाणी बाइबल में लिखी है, तो भी यदि कोई यह पूरी होने के लिए परमेश्वर से विनती नहीं करेगा और कोशिश नहीं करेगा, तो भविष्यवाणी के पूरी होने के लिए बहुत देर हो जाएगी, और उसे उस महिमा में, जो हमें देने की प्रतिज्ञा की गई, भाग लेना मुश्किल होगा। आशा है कि सिय्योन की प्रजा, आप स्वर्ग के सैनिकों के रूप में, जो भविष्यवाणी के अनुसार चलते हैं, यरूशलेम की महिमा सारे संसार में फैलाएं।

पृथ्वी पर यरूशलेम प्रशंसा पाएगी

यशायाह नबी ने यरूशलेम के बारे में, जो पृथ्वी पर प्रशंसा व महिमा पाने पर है, इस प्रकार भविष्यवाणी की;

“हे यरूशलेम, मैंने तेरी शहरपनाह पर पहरेदार नियुक्त किए हैं; वे दिन-रात कभी चुप न बैठेंगे। हे यहोवा को स्मरण दिलानेवालो, तुम शान्त न रहना और जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके पृथ्वी पर उसकी प्रशंसा न फैलाए तबतक उसे भी शान्त न रहने देना।” यश 62:6-7

“यरूशलेम से प्रेम रखनेवाले हे सब लोगो, उसके साथ आनन्द मनाओ और उसके कारण मग्न होओ! … जिस से कि तुम उसके शान्ति-दायक स्तनों से दूध पीकर तृप्त हो सको, और उसकी उदार छाती से दूध पीकर आनन्दित हो सको।” क्योंकि यहोवा यों कहता है, “देखो, मैं उसकी ओर शान्ति को नदी के समान, और जाति जाति का वैभव उमड़ती धारा के समान बहाऊंगा। तुम्हारा पालन-पोषण होगा, तुम गोद में लिए जाओगे और घुटनों पर दुलारे जाओगे। जैसे कोई अपनी माँ से शांति पाता है वैसे ही तुम्हें भी मुझ से शान्ति मिलेगी, और तुम यरूशलेम में ही शान्ति पाओगे।” तब तुम यह देखोगे औैर तुम्हारा मन आनन्दित होगा, तुम्हारी हड्डियां नई घास के समान हरी–भरी होंगी … ” यश 66:10-14

यशायाह ग्रंथ में यरूशलेम के विषय में कथन कई बार लिखे गए हैं। उसे पढ़कर हम परमेश्वर की इच्छा जान सकते हैं कि यरूशलेम पूरे विश्व में सारे लोगों से प्रशंसा पाए, और सभी सन्तान यरूशलेम की गोद में शान्ति पाकर आनन्दित हो।

तब वह यरूशलेम कौन है जो संसार में सारे लोगों से प्रशंसा व महिमा पाने पर है? यह व्यापक रूप से जाना जाता है कि यरूशलेम मध्य पूर्व क्षेत्र में एक विशेष भूमि है। तब कैसे यरूशलेम नामक भूमि ही परमेश्वर से स्थिर किया जाकर संसार में सारे लोगों से प्रशंसा व महिमा पा सकेगी? और कैसे हम यरूशलेम से शांति पाकर उसकी गोद में बस सकेंगे?

जब हम इन भविष्यवाणियों को शारीरिक विचार से देखते हैं, तब हमारा संदेह बढ़ता जाएगा। लेकिन जैसे बाइबल में लिखा है, “हम आत्मिक विचारों को आत्मिक शब्दों से मिलाकर व्यक्त करते हैं”(1कुर 2:13) हमें शारीरिक भूमि की यरूशलेम नहीं, पर आत्मिक यरूशलेम के बारे में बाइबल के द्वारा अध्ययन करना चाहिए।

स्वर्गीय यरूशलेम माता

बाइबल सिर्फ पृथ्वी पर की यरूशलेम नहीं, पर स्वर्ग की यरूशलेम के बारे में भी चर्चा कर रही है। तब आइए हम परमेश्वर की गहरी इच्छा, जो परमेश्वर यरूशलेम के द्वारा सिखाता है, ढूंढ़ें।

“परन्तु ऊपर की यरूशलेम स्वतन्त्र है, और वह हमारी माता है।” गल 4:26

बाइबल कहती है कि ऊपर की यरूशलेम हमारी माता है। बाइबल पृथ्वी की यरूशलेम को एक व्यक्ति का रूप देकर स्वर्गीय यरूशलेम के, जो असलियत है, स्वभाव के बारे में समझाती है। बाइबल व्यक्त करती है कि हमारी माता यरूशलेम की गोद में हम शांत और संतुष्ट होते हैं, जिसका अर्थ है कि जैसा बच्चा माँ के घुटनों पर और गोद में बैठ कर खेलता है और खुश होता है, वैसे हम आत्मिक रूप में माता के छोटे बच्चे बन कर स्वर्गीय माता की स्नेहभरी गोद में शांति पाकर पलते हैं।

और बाइबल में भविष्यवाणी की गई है कि यरूशलेम प्रशंसा और महिमा पाएगी। वह यरूशलेम मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थित यरूशलेम नहीं, बल्कि हमारी स्वर्गीय माता है। और हम आत्मिक पहरुए बनते हैं जो परमेश्वर की महिमा की घोषणा पूरे विश्व में करते हैं। यह परमेश्वर की स्पष्ट इच्छा है कि यरूशलेम माता पृथ्वी पर प्रशंसा पाएगी।

इस भविष्यवाणी के सम्पूर्ण रूप से पूरी होने तक, हमें परमेश्वर से ज़्यादा प्रार्थना करनी चाहिए, जिससे यरूशलेम माता की महिमा सम्पूर्ण विश्व में प्रकट होने का दिन बहुत जल्दी आएगा। जब पूरा संसार माता को जानेगा, तब सुसमाचार का कार्य समाप्त होगा।

बाइबल इस प्रकार लगातार कहती है;

“क्योंकि लिखा है, “हे बांझ, तू जो नहीं जनती, प्रभु में आनन्द मना। तू जो प्रसव पीड़ा नहीं जानती, हर्षनाद कर, क्योंकि त्यागी हुई की सन्तान, सुहागिन की सन्तान से अधिक हैं।” और हे भाइयो, तुम इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान हो। परन्तु जैसा उस समय शरीर के अनुसार जन्मा हुआ तो आत्मा के अनुसार जन्मे हुए को सताता था, वैसा ही अब भी होता है। परन्तु पवित्रशास्त्र में क्या लिखा है? “दासी और उसके पुत्र को निकाल दे, क्योंकि दासी का पुत्र तो स्वतन्त्र स्त्री के पुत्र के साथ उत्तराधिकारी नहीं होगा।” इसलिए हे भाइयो, हम दासी की नहीं परन्तु स्वतन्त्र स्त्री की सन्तान हैं।” गल 4:27-31

हम स्वतन्त्र माता की सन्तान हैं, और प्रतिज्ञा की सन्तान भी हैं। प्रतिज्ञा जो परमेश्वर ने हमें दी है, अनन्त जीवन है।(1यूह 2:25) इसलिए प्रतिज्ञा की सन्तान, अनन्त जीवन की सन्तान होती है। हम माता की सन्तान बनने के द्वारा अनन्त जीवन पाते हैं और प्रतिज्ञा की सन्तान बनते हैं जो स्वर्ग के राज्य को उत्तराधिकार में पाएगी।

इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान

इसहाक इब्राहीम और उसकी पत्नी, सारा के द्वारा जन्म हुआ, और वह इब्राहीम का उत्तराधिकारी बन गया। बाइबल ने हमें ‘इसहाक के समान’ प्रतिज्ञा की सन्तान कहा है, क्योंकि इब्राहीम की पत्नी, सारा स्वर्गीय माता को दर्शाती है।

बाइबल में विश्वास का पूर्वज, इब्राहीम पिता परमेश्वर को दर्शाता है। धनी पुरुष और लाजर के दृष्टान्त के द्वारा, आइए हम इब्राहीम और परमेश्वर के बीच के संबंध को ढूंढ़ें।

“एक धनी पुरुष था जो सदा बैंजनी वस्त्र व मलमल पहिना करता था और प्रतिदिन धूमधाम व बड़े सुख–विलास से रहता था। और लाजर नाम का एक कंगाल व्यक्ति घावों से भरा हुआ उसके फाटक पर छोड़ दिया जाता था, उस धनवान पुरुष की मेज़ से जो टुकड़े गिरते थे, उनसे वह पेट भरने को तरसता था। इसके अतिरिक्त कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटा करते थे। ऐसा हुआ कि कंगाल पुरुष मर गया और स्वर्गदूतों ने आकर उसे इब्राहीम की गोद में पहुंचा दिया। वह धनी पुरुष भी मरा और दफ़ना दिया गया। तब अधोलोक में अत्यन्त पीड़ा में पड़े हुए उसने अपनी आंखें उठाईं और दूर से इब्राहीम को देखा जिसकी गोद में लाजर था। तब उसने पुकारकर कहा, ‘हे पिता इब्राहीम, मुझ पर दया कर। … ” लूक 16:19-31

दृष्टान्त में धनी पुरुष और लाजर मर जाने के बाद, लाजर इब्राहीम की गोद में पहुंचा दिया गया और धनी पुरुष ने अधोलोक में गिर कर अत्यन्त पीड़ा में समय गुजारा। इसमें एक अनोखी बात है कि धनी पुरुष ने अधोलोक में दूर से इब्राहीम को देख कर पिता कह कर पुकारा। आत्मिक दुनिया में जो पिता कहलाया जा सकता है, वह अकेला परमेश्वर है। दूसरे शब्द में इब्राहीम पिता को दर्शाता है।

बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ में इब्राहीम के परिवार की कहानी, बाइबल के अनेक पृष्ठ में लिखी गई है। इब्राहीम के परिवार में उत्तराधिकारी चुनने का मुद्दा कई बार उठाया जाता था, और आख़िरकार सारा से जन्मा इसहाक ही इब्राहीम का उत्तराधिकारी बना। इस चुनाव के क्रम में जिसने निर्णायक भूमिका निभाई थी, वह इसहाक की माता, सारा थी।

एक व्यक्तिगत परिवार की कहानी, क्यों पवित्रशास्त्र, बाइबल के अनेक पृष्ठ में विशेषकर लिखी गई? इसमें अवश्य ही कोई कारण है। इब्राहीम के परिवार की कहानी यह तथ्य दिखाती है कि हमारे परमेश्वर के राज्य को उत्तराधिकार में पाने के लिए भी, यरूशलेम माता निर्णायक भूमिका निभाएगी।

इब्राहीम के परिवार की कहानी और माता

“इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुंचा: “अब्राम(इब्राहीम का पूर्व नाम), मत डर, मैं तेरी ढाल हूं; तेरा प्रतिफल अति महान् होगा।” अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, तू मुझे क्या देगा? मैं तो निर्वंश हूं और मेरे घर का उत्तराधिकारी दमिश्क का एलीएजेर होगा।” और अब्राम ने कहा, “इसलिए कि तू ने मुझे कोई सन्तान नहीं दी है, मेरे घर में उत्पन्न एक जन मेरा उत्तराधिकारी होगा।” तब देखो, यहोवा का वचन उसके पास पहुंचा, “यह मनुष्य तेरा उत्तराधिकारी न होगा; परन्तु जो तुझ से उत्पन्न होगा वही तेरा उत्तराधिकारी होगा।” … ” उत 15:1-5

85 वर्ष का होने तक इन्तजार करने के बाद भी, इब्राहीम को कोई भी सन्तान नहीं हुई। इसलिए इब्राहीम ने अपने घर में पले दास एलीएजेर को अपनी सारी सम्पत्ति देने का निर्णय किया। लेकिन परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा कि जो इब्राहीम से उत्पन्न होगा, वही उत्तराधिकारी हो सकेगा, और कहा कि एलीएजेर उत्तराधिकारी के लिए उचित नहीं है।

“अब्राम की पत्नी सारै से कोई सन्तान नहीं थी, और उसके पास हाजिरा नाम की एक मिस्री दासी थी। अत: सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने मुझे सन्तान उत्पन्न करने से वंचित रखा है। तू मेरी दासी के पास जा; सम्भव है उस से तुझे सन्तान प्राप्त हो।” और अब्राम ने सारै की बात मान ली। … हाजिरा गर्भवती हुई। जब उसने देखा कि मैं गर्भवती हूं, तब वह अपनी स्वामिनी को तुच्छ दृष्टि से देखने लगी। … अत: हाजिरा से अब्राम के एक पुत्र हुआ। अब्राम ने अपने इस पुत्र का नाम जो हाजिरा से जन्मा था, इश्माएल रखा। जिस समय हाजिरा से अब्राम का पुत्र इश्माएल उत्पन्न हुआ, उस समय अब्राम छियासी वर्ष का था।” उत 16:1-6, 15

पत्नी सारा ने इब्राहीम को उपपत्नी के रूप में अपनी दासी हाजिरा दी। जब हाजिरा ने यह जाना कि वह गर्भवती हुई, तब वह अपनी स्वामिनी, सारा को तुच्छ दृष्टि से देखने लगी। सन्तान न होने के कारण, सारा को लज्जित और अपमानित होना पड़ा। सारा का मानसिक दुख इसहाक के जन्म होने तक, यानी लगभग 14 वर्ष तक होता रहा।

हाजिरा के इश्माएल को जन्म देने पर, इब्राहीम को इश्माएल उत्तराधिकारी होते हुए दिखता था, लेकिन वह भी उत्तराधिकारी नहीं हो सका। यद्यपि परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, “जो तुझ से उत्पन्न होगा वही तेरा उत्तराधिकारी होगा” तो भी इश्माएल का उत्तराधिकारी होना परमेश्वर की इच्छा नहीं थी। परमेश्वर की इच्छा यही थी कि सारा से, जो स्वतंत्र स्त्री है और इब्राहीम के साथ एक तन बनी है, पैदा हुआ व्यक्ति इब्राहीम का उत्तराधिकारी बने।

“जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, … फिर यहोवा ने इब्राहीम से कहा, “तू अपनी पत्नी सारै को, सारै कहकर न पुकारना, वरन् उसका नाम सारा होगा। और मैं उसे आशिष दूंगा, और निश्चय तुझे उसके द्वारा एक पुत्र दूंगा। और मैं उसे आशिष दूंगा और वह जाति जाति की जननी होगी; और उस से राज्य राज्य के राजा उत्पन्न होंगे।” तब इब्राहीम मुंह के बल गिरकर हंसा और मन में सोचने लगा, “क्या सौ वर्ष के वृद्ध पुरुष के सन्तान हो सकती है? और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र उत्पन्न कर सकेगी?” और इब्राहीम ने परमेश्वर से कहा, “इश्माएल तेरी दृष्टि में बना रहे, यही बहुत है।” परन्तु परमेश्वर ने कहा, “नहीं, तेरी पत्नी सारा ही तेरे लिए पुत्र उत्पन्न करेगी, और तू उसका नाम इसहाक रखना; और मैं उसके साथ ऐसी वाचा बांधूंगा जो उसके पश्चात् उसके वंश के लिए युग युग तक रहेगी।” उत 17:1-7, 15-19

इब्राहीम ने आसानी से मान लिया था कि इश्माएल के द्वारा वंश जारी रहे। लेकिन परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा कि वह सारा से जन्मे इसहाक के साथ वाचा बांधेगा। परमेश्वर ने एलीएजेर को उत्तराधिकारी के रूप में चुनने के निवेदान को इस कारण से खारिज किया था कि वह इब्राहीम से पैदा नहीं हुआ था, और इश्माएल को भी इब्राहीम की सन्तान होने पर भी, इस कारण से खारिज किया था कि वह दासी से पैदा हुआ था। परमेश्वर ने केवल सारा से पैदा होने वाले इसहाक को स्वीकार किया।

अंतत: परमेश्वर के वादे के अनुसार, एक वर्ष के बाद सारा से इसहाक का जन्म हुआ और वह माता सारा के द्वारा इब्राहीम का उत्तराधिकारी बना।(उत 21:1–12)

माता के द्वारा पाया जाता स्वर्ग का उत्तराधिकार

इब्राहीम के परिवार की कहानी हमें समझाती है कि हम किसके द्वारा परमेश्वर की सन्तान बनेंगे और किसके द्वारा परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार पाएंगे। परमेश्वर इसहाक के समान लोगों को प्रतिज्ञा की सन्तान के रूप में मानता है और उन्हें अनन्त जीवन की बहुमूल्य आशीष देता है। जैसे इसहाक माता के द्वारा इब्राहीम का उत्तराधिकारी बना, वैसे ही हम भी ऊपर की यरूशलेम, हमारी माता के द्वारा ही परमेश्वर के उत्तराधिकारी बन कर अनन्त जीवन की आशीष पा सकते हैं।

इसलिए जो यरूशलेम माता को नहीं जानते, वे इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान बिल्कुल नहीं बन सकते। यद्यपि इश्माएल इसहाक से 14 वर्ष पहले, परमेश्वर के इस वचन के अनुसार, “जो तुझ से उत्पन्न होगा वही तेरा उत्तराधिकारी होगा”, इब्राहीम का वंश होकर पैदा हुआ था, तब भी उसे उत्तराधिकारी होने का मौका नहीं दिया गया। इसका कारण क्या होगा? वास्तव में यह हमें ऐसी शिक्षा देने के लिए था कि इश्माएल उस व्यक्ति को दर्शाता है जो सिर्फ पिता परमेश्वर को जानता है। लेकिन बाइबल में माता परमेश्वर का अस्तित्व निश्चय लिखा है।

परमेश्वर ने निर्णय किया है कि परमेश्वर के साथ जिसका कुछ भी साझा नहीं है, वह स्वर्ग का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता, और जो पिता परमेश्वर पर तो विश्वास करता है, लेकिन माता परमेश्वर पर विश्वास नहीं करता, वह भी उत्तराधिकारी नहीं हो सकता। माता के पास ही उत्तराधिकारी देने की आख़िरी कुंजी है। यदि हम इस धरती पर की रीति को देखते हैं, तब हम स्वर्ग पर की रीति को भी समझ सकते हैं। परमेश्वर ने क्यों ऐसी योजना की है कि धरती पर सारे जीवों को जीवन माता के द्वारा दिया जाए? यदि हम इस कारण को सोचते हैं, तब हम स्वभाविक रूप से यह भी समझ लेंगे कि स्वर्ग पर जीवन किसके द्वारा दिया जाएगा।

इसमें अवश्य ही कारण है कि परमेश्वर यरूशलेम को स्थिर करके संसार में स्तुति व महिमा दिलाना चाहता है। इब्राहीम के परिवार की कहानी में यह प्रत्यक्ष दिखाई देता है कि माता महिमा पाने तक कैसे लज्जित और अपमानित होती है। लेकिन यह माता का दुख कुछ अंश तक दिखाई देता है। हमारे अनन्त जीवन का वादा पाने तक माता का बलिदान छिपा हुआ है, माता ने 6 हज़ार वर्ष, लंबे समय तक बहुत से दुख तकलीफ सहते हुए स्वर्ग की ओर सन्तान की अगुवाई की है। माता हमें अनन्त जीवन देने के लिए अदृश्य रूप से अवर्णनीय कठोर परिश्रम कर रही है। इसलिए परमेश्वर जब तक माता की प्रशंसा न फैलाए तब तक आराम लेना नहीं चाहता, और बाइबल में लिखा कि सन्तान जिन्होंने यरूशलेम माता को स्वीकार किया है, वे माता की उदार छाती से दूध पीकर तृप्त बच्चों के समान आनन्दित और खुश होंगी।

बाइबल स्वर्गीय माता की साक्षी देती है

स्वर्गीय माता का अस्तित्व उत्पत्ति ग्रंथ से लेकर पहले से लिखा है। आइए हम माता के बारे में, जिसने स्वर्गीय पिता के साथ सृष्टि का कार्य किया था, उत्पत्ति अध्याय 1 में पढ़ें।

“फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप में, अपनी समानता के अनुसार बनाएं। और वे समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर तथा घरेलू पशुओं और सारी पृथ्वी और हर एक रेंगनेवाले जन्तु पर जो पृथ्वी पर रेंगता है, प्रभुता करें।” और परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में सृजा। अपने ही स्वरूप में परमेश्वर ने उसको सृजा। उसने नर और नारी करके उनकी सृष्टि की।” उत 1:26-27

परमेश्वर ने अपने स्वरूप के अनुसार मनुष्य को रचा, जिससे नर और नारी सृजी गई। इसका मतलब है कि परमेश्वर नर–स्वरूप का परमेश्वर और नारी-स्वरूप की परमेश्वर है। इसलिए मनुष्य बनाते समय, उसने “मैं बनाऊंगा” नहीं कहा था, पर ऐसा कहा था, “हम बनाएंगे।”

संसार की सृष्टि से पहले ही, नर-स्वरूप का परमेश्वर और नारी-स्वरूप की परमेश्वर मौजूद थे, जिस कारण से जो केवल पिता परमेश्वर को स्वीकार करता है, वह परमेश्वर का सम्पूर्ण उत्तराधिकारी नहीं हो सकता। इस तथ्य को हम इस इतिहास से जान सकते हैं कि एलीएजेर और इश्माएल इब्राहीम के घर में रहते और इब्राहीम को ‘प्रभु’ या ‘पिता’ कहकर बुलाते हुए भी, सारा की सन्तान न होने के कारण, इब्राहीम का उत्तराधिकारी नहीं बन सके।

परमेश्वर को सही तरह से न जानते हुए सिर्फ परमेश्वर को पुकारने के द्वारा, हम परमेश्वर से सम्पर्क नहीं कर सकते। परमेश्वर को सही तरह से जानने के द्वारा ही, हम परमेश्वर का सही आदर कर सकते हैं।

परमेश्वर की ऐसी इच्छा देखते हुए, हमें जल्दी से जल्दी यरूशलेम माता के बारे में, जो जीवन है, संसार में सारे लोगों को सुनाना चाहिए। जैसे-जैसे परमेश्वर का अनन्त राज्य निकट आता है, यदि हम यरूशलेम माता की महिमा की साक्षी बलपूर्वक दें और प्रसारित करें, तब अच्छा फल और अधिक पैदा कर सकेंगे। अगर हम परमेश्वर की भविष्यवाणी पर विश्वास करके प्रचार करेंगे तो निश्चय ही यह पूरी हो जाएगी।

नई यरूशलेम की महिमा पूरे संसार में चमकाएं

हमें बाइबल की भविष्यवाणी को यत्न से पूरा करना चाहिए। भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान जवान लोगों को भी उठ खड़े होना चाहिए, और सुसमाचार पूरे देशों में प्रसारित करना चाहिए, और 1,44,000 भक्तों को भी, जिन्हें यूहन्ना ने प्रकाशन से देखा, सिय्योन में आकर पवित्र आत्मा और दुल्हिन से मार्गदर्शन लेना चाहिए।

हमें परमेश्वर के कार्य करने में विलंब नहीं करना चाहिए। अब, इस क्षण भी, समय सदा के लिए गुजरता जा रहा है। हर क्षण को महत्वपूर्ण सोचकर, आइए हम यरूशलेम स्वर्गीय माता की महिमा अधिक से अधिक प्रसारित करें। अवश्य ही तोबियाह और सम्बल्लत के जैसे लोग होंगे जो यरूशलेम की महिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन पिछले समय तोबियाह और सम्बल्लत की रुकावटों के बावजूद यरूशलेम का निर्माण किया गया था, क्योंकि यह मनुष्य का नहीं, बल्कि पवित्र आत्मा का कार्य था।

पिछली बरसात, शक्तिशाली पवित्र आत्मा के कार्य का समर्थन पाकर अब, यरूशलेम माता की महिमा को पूरे विश्व में सुनाएंगे। जैसे-जैसे हम उसकी महिमा को प्रसारित करेंगे, वैसे-वैसे ऐसी अद्भुत घटना घटित होगी कि जाति-जाति के लोग यरूशलेम माता से मुलाकात करने के लिए उमड़ आएंगे और फिर वे अपने देश में वापस जाकर परमेश्वर की महिमा चमकाएंगे।(यश 66:18–19)

इसलिए जो काम हमें करना है, वह यरूशलेम की महिमा को पूरे विश्व में प्रसारित करना है। जब गिदोन सेना ने घड़ों को तोड़ डाला और मशाल लिए हुए चिल्ला उठे, “यहोवा के लिए”, तब 300 लोगों ने 1,35,000 लोगों को पराजित करके बड़ी विजय पाई। इसी तरह, जब यरूशलेम की महिमा सुनाने की हमारी बड़ी चिल्लाहट निकलेगी, तब अद्भुत घटना घटित होगी।

अब वो घड़ी आ गई है कि हमें घड़ों को तोड़ कर मशाल को ऊंचा उठाना है। आइए हम साथ मिलकर मशाल को ऊंचा उठाते हुए पुकारें, और सब खड़े होकर सुसमाचार की ज्योति संसार की ओर बलपूर्वक चमकाएं, जिससे कि पूरे विश्व के परमेश्वर की महिमा से भरपूर होने का दिन जल्दी निकट आए। आप से नम्र निवेदन करता हूं कि नई यरूशलेम की महिमा की ज्योति संसार में यत्नपूर्वक प्रसारित करें।