पौलुस की दो नागरिकता

148,976 बार देखा गया

नागरिकता एक निश्चित देश का एक नागरिक होने का अधिकार है। आप अपनी सम्पत्ति के अधिकार और राजनीतिक अधिकारों जैसे कि सार्वजनिक कार्यालय में एक राष्ट्रपति और संसद के सदस्यों हेतु उम्मीदवारों के लिए मतदान करना, और एक सरकारी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किए जाने का अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपके पास किसी देश की नागरिकता है, तो आप सभी उल्लिखित अधिकारों का आनंद ले सकते हैं।

2,000 वर्ष पहले, जब प्रेरितों ने सुसमाचार का प्रचार किया था, तब इस्राएल पर रोमन साम्राज्य ने शासन किया था। एक व्यक्ति के पास रोम की नागरिकता होने का मतलब था कि उसका सामाजिक पद उच्च था और उसने रोम से विभिन्न विशेषाधिकार प्राप्त किए जैसे मताधिकार, अदालत में मुकदमा चलाने का अधिकार और सम्राट द्वारा रखे गए रोम के सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार। वे कोड़े खाने और क्रूस पर चढ़ाए जाने जैसे कुछ दंडों से बच सकते थे, और जब तक वे देशद्रोह नहीं करते, उन्हें मृत्युदंड नहीं मिलता था।

पौलुस आधुनिक किलिकिया के तरसुस से था जो आज के दक्षिण तुर्की में स्थित था(प्रे 22:3)। बाइबल के कुछ विद्वानों ने बताया कि कैसे पौलुस, एक यहूदी ने अपने जन्म से रोमन नागरिकता प्राप्त की: वहां के लोगों को रोमन नागरिक के रूप में स्वीकार किया गया था क्योंकि किलिकिया के तरसुस को रोम में समाविष्ट कर लिया गया था, और उच्च सामाजिक पद वाले पौलुस के पूर्वजों को नागरिकता प्राप्त हुई। प्रेरित पौलुस ने सुसमाचार का प्रचार करते समय एक रोमन नागरिक होने के अधिकार का प्रयोग किया।

तो पलटन के सरदार ने कहा, “इसे गढ़ में ले जाओ, और कोड़े मारकर जाँचो…” जब उन्होंने उसे तसमों से बाँधा तो पौलुस ने उस सूबेदार से जो पास खड़ा था, कहा, “क्या यह उचित है कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए, कोड़े मारो?” सूबेदार ने यह सुनकर पलटन के सरदार के पास जाकर कहा, “तू यह क्या करता है? यह तो रोमी मनुष्य है।“प्रे 22:24-26

पौलुस पर, जिसने दमिश्क के मार्ग पर यीशु मसीह को ग्रहण किया और मनुष्य के रूप में आए हुए परमेश्वर का प्रचार किया, कोड़े लगाने का आदेश दिया गया। तब, पौलुस ने उन्हें बताया कि वह एक रोमन नागरिक था और यह कहते हुए प्रतिवाद किया, “क्या यह उचित है कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए, कोड़े मारो?” सुबेदार जो उस पर कोड़े लगाने पर था, आश्चर्यचकित हो गया और उसने पौलुस के रोमन नागरिक होने की खबर पलटन के सरदार को दी। रोचक बात यह है कि जब पलटन के सरदार को यह पता चला कि एक रोमन नागरिक पौलुस बांधा गया, तब वह डर गया।

तब पलटन के सरदार ने उसके पास आकर कहा, “मुझे बता, क्या तू रोमी है?” उसने कहा, “हाँ।” यह सुनकर पलटन के सरदार ने कहा, “मैं ने रोमी होने का पद बहुत रुपये देकर पाया है।” पौलुस ने कहा, “मैं तो जन्म से रोमी हूँ।” तब जो लोग उसे जाँचने पर थे, वे तुरन्त उसके पास से हट गए; और पलटन का सरदार भी यह जानकर कि यह रोमी है और मैं ने उसे बाँधा है, डर गया।प्रे 22:27-29

रोमन नागरिकता जो पौलुस के पास थी, एक विशेषाधिकार थी और उस समय महान प्रतिष्ठा का प्रतीक थी। यहां तक कि एक ऐसा कानून पारित किया गया कि रोमन नागरिक को बांधना एक अपराध था, उसे कोड़े मारना एक दुष्ट कार्य था, और उसे मृत्युदंड देना पितृहत्या करने जैसा था।

लोग नागरिकता के मूल्य को अच्छी तरह से जानते थे। उन्हें विश्वास था कि यदि वे रोमन नागरिकता प्राप्त करें तो उनका जीवन आसान हो जाएगा। प्रेरित पौलुस ने उन्हें नागरिकता के माध्यम से जिसमें उनकी रुचि थी, उद्धार का मूल्य सिखाया।

पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने की बाट जोह रहे हैं।फिलि 3:20

स्वर्ग की नागरिकता लेना कैसा है? एक स्वर्गीय नागरिक के रूप में, प्रेरित पौलुस ने यीशु मसीह के सुसमाचार का प्रचार किया और चाहे इसके लिए उसे कठिनाइयां झेलनी पड़ीं, पर वह थोड़ा सा भी डगमगाए बिना विश्वास के मार्ग पर चला। उसने सुसमाचार का प्रचार करते समय आने वाली हर बाधा को, चाहे वह रोमन नागरिकता हो, कूड़ा समझा। यह हमें स्वर्ग की नागरिकता के मूल्य को समझने में सहायता करता है।

वरन् मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं। जिसके कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिससे मैं मसीह को प्राप्‍त करूं और उसमें पाया जाऊं…फिलि 3:8-9

सुसमाचार जिस पर प्रेरित पौलुस ने एक स्वर्गीय नागरिक के रूप में जोर दिया वह नई वाचा का फसह है(1कुर 11:23-26)। यह यीशु के तीन वर्षों के सुसमाचार के कार्यों में सबसे विशेष बात है। यह इसलिए है क्योंकि फसह की रोटी और दाखमधु के द्वारा, जो यीशु के मांस और लहू को दर्शाते हैं, हम परमेश्वर की संतान बन सकते हैं और पापों की क्षमा पाकर अनंत जीवन भोगने की स्वर्ग की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं जो हमें पापों की क्षमा और अनंत जीवन प्रदान करती है(यूह 6:53-56; मत 26:17-28)।

वह केवल प्रेरित पौलुस ही नहीं था। पतरस, यूहन्ना, लूका, और कई अन्य लोगों ने भी, लोगों को स्वर्गीय नागरिकता देने शरीर में आए परमेश्वर अर्थात् यीशु के विषय में प्रचार किया; और उन्होंने यीशु के वचनों का पालन करते हुए नई वाचा का फसह मनाया। वे अब स्वर्ग में रोमन नागरिकता से तुलना न की जानेवाले सभी सम्मान और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं। यदि हम स्वर्गीय नागरिकता के मूल्य को समझकर परमेश्वर के वचन का पालन करें, तो हमारे पास भी वही आशीषों का आनंद लेने का मौका है।