आइए हम जानें कि हमें परमेश्वर से प्रचुर आशीष प्राप्त करने के लिए सब्त की तैयारी कैसे करनी चाहिए और उसे कैसे मानना चाहिए।
पहला, हमें तैयारी के दिन के द्वारा सब्त की तैयारी करनी चाहिए।
सब्त से एक दिन पहले तैयारी का दिन कहा जाता है जिसका अर्थ है सब्त की तैयारी करना। हमें सब्त से एक दिन पहले अपने निजी कार्य को समाप्त करना चाहिए, ताकि ऐसा न हो कि संसारिक बातें हमें सब्त मनाने में रुकावत डालें।
“परमेश्वर आत्मा है, और अवश्य है कि उसकी आराधना करनेवाले आत्मा और सच्चाई से आराधना करें।” यूह 4:24
दूसरा, हमें आराधना के लिए समयनिष्ठ होना चाहिए।
सब्त का दिन पूरे ब्रह्मांड के शासक, परमेश्वर से मिलने का दिन है। अगर आपको इस संसार के एक देश के राष्ट्रपति से मिलने का मौका मिलेगा, तो आप कम से कम बीस या तीस मिनट, यहां तक कि एक घंटा पहले वहां उपस्थित होकर उसका इंतजार करेंगे। राजाओं के राजा परमेश्वर से मिलने और आशीष पाने का समय कितना अधिक अनमोल और महान होगा? इसलिए, हमें पहले से ही पहुंचकर तैयारी करने के द्वारा आराधना के समय का दृढ़तापूर्वक पालन करना चाहिए।
तीसरा, आराधना शांत और पवित्र वातावरण में मनाई जानी चाहिए।
सब्त की आराधना आत्मा और सच्चाई से परमेश्वर से प्रार्थना करने और परमेश्वर की स्तुति और महिमा करने का समय है। इसलिए, सब्त की आराधना शांत और पवित्र वातावरण में मनाई जानी चाहिए। लेकिन, कभी कभी आराधना के दौरान, हम बच्चों के शोर और छोटे बच्चों की रोने की आवाज सुनते हैं। तब वह शोर की आवाज सदस्यों का ध्यान भंग करती है और इससे दूसरे सदस्य परेशानी महसूस कर सकते हैं।
इसका मतलब बिल्कुल यह नहीं है कि आपको अपने बच्चों को चर्च में नहीं लाना चाहिए। यीशु भी बच्चों से बहुत प्यार करते थे(मर 10:14)।
माता-पिता को अपने बच्चों को पहले से सिखाना चाहिए कि “चर्च वह जगह है जहां सम्मानपूर्वक परमेश्वर की आराधना की जाती है, इसलिए तुम्हें आराधना के दौरान चुप रहना चाहिए।” हालांकि वे छोटे बच्चे हैं, अगर वे माता-पिता से प्रशिक्षित किए जाते हैं, वे सिखेंगे कि वे कैसे भक्ति भावना से परमेश्वर की आराधना करें।
अत: विश्वास सुनने से, सुनना मसीह के वचन से होता है। रो 10:17
चौथा, सब्त भाइयों के लिए प्रेम बांटने का दिन है।
सब्त एक ऐसा दिन है जिस दिन हम अपने भाइयों और बहनों से मिलते हैं जिन्हें हमने एक सप्ताह तक नहीं देखा। क्या हमें एक दूसरे से कहने की बातें बहुत कुछ नहीं हैं क्योंकि हमने छह दिनों तक एक दूसरे को नहीं देखा? हम बाइबल के बारे में एक-दूसरे से पूछ सकते हैं, एक सप्ताह में हुईं कई घटनाओं के बारे में बात कर सकते हैं, और एक दूसरों के लिए ईमानदारी से प्रार्थना कर सकते हैं।
एक दूसरे के साथ ऐसा अच्छा रिशता रखने के लिए, हमें ध्यान करने के कुछ मामले हैं।
- हमें अभिमानी न होना और खुद की डींग न मारना चाहिए।
- हमें दूसरों की गलतियों को ढंकते हुए उदार होना चाहिए।
- हमें कोई अनुचित शब्द नहीं बोलना चाहिए जिससे दूसरों पर अनुग्रह न हो।
- हमें सुननेवालों पर अनुग्रह होने के लिए ऐसे शब्द कहने चाहिए जो दूसरों का उन्नति करते हैं।
- हमें उदास चेहरे के बजाय उज्जवल मुस्कान के साथ एक दूसरे का अभिवादन करना चाहिए।
- चर्च के नेताओं को सच्चे दिल से उन्हें सौंपी हुईं भेड़ों की सेवा करनी चाहिए, ताकि वे सब्त का दिन आनंद से बिता सकें।
- आराधना के बाद, कभी कभी हम चर्च में बिखरे हुए कागज के टुकड़े, किताबें, बैग, और बिस्कुट के पैकेट देख सकते हैं। हम सब ऐसे कचरों को उठा सकते हैं, तब परमेश्वर जो गुप्त में देखते हैं हमारी भक्ति के लिए, जो हमारे दिल से आती है, हमें आशीष देंगे।
सब्त पवित्र और आशीषित दिन है। सब्त के दिन को मानना केवल परमेश्वर के लोगों को प्रदान किया गया विशेष अधिकार है। हम, परमेश्वर की संतानों को अपने सारे हृदय, मन और प्राण से सब्त को मानना चाहिए।
- पुनर्विचार के लिए प्रश्न
- सब्त को अनुग्रहपूर्वक मानने के लिए हमें अपने निजी कार्य को कैसे करना चाहिए?
- भाई और बहनों के साथ अच्छा रिश्ता रखने के लिए हमें किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।