सभी खुशियां और आनन्द माता में हैं

डेगु, कोरिया से इ सील गन

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जब मेरे बेटे ने हमें अपनी भावी पत्नी से मिलवाया, तो मेरी पत्नी को और मुझे बस बिना किसी शर्त के या बिना किसी भी तरह के इरादों को मन में लिए वह तुरन्त ही पसंद आ गई, क्योंकि उसने कहा कि वह चर्च जाती है। चूंकि मैं और मेरी पत्नी दोनों ईसाई थे, इसलिए वे एक अच्छा विश्वास का जीवन जीते हुए अपने परिवार को खुशहाल बनाएं, इससे अधिक हम और कुछ नहीं चाहते थे।

अपने बेटे की शादी के कुछ समय बाद, हमें पता चला कि हमारी पुत्रवधू का चर्च ‘चर्च ऑफ गॉड’ है। यद्यपि हमें वह बात पसंद नहीं थी, लेकिन हम अपनी नापसंद की झलक नहीं दिखा सकते थे और इसके विषय में उससे कुछ भी नहीं कह सकते थे क्योंकि वह एक बहुत ही अच्छी पुत्रवधू थी। ऐसी निष्ठावान पुत्र¬वधू के निवेदन पर, हम चर्च ऑफ गॉड के द्वारा आयोजित की गई “हमारी माता” लेखन और तस्वीर प्रदर्शनी में गए, और हम अक्सर उसके द्वारा चर्च के समाचार भी सुनते थे।

तब एक दिन हमारे पुत्र और पुत्र¬वधू ने नम आंखों से निवेदन करते हुए हमसे कहा कि वे हमारे साथ चर्च ऑफ गॉड जाना चाहते हैं। सच में यह हमारे लिए बड़ी चिन्ता का विषय बन गया। क्योंकि मेरी पत्नी अपने बचपन से विश्वास करती थी कि प्रेसबिटेरियन चर्च ही सच्चा चर्च है, और मैंने भी 30 साल पहले मेथोडिस्ट चर्च में अपने विश्वास का जीवन शुरू किया था और वहां सेवा करने की धुन में मैं इतना डूबा हुआ था कि मैं वहां एक प्रबंधक के रूप में कार्यभार सम्भाल रहा था। और सबसे बढ़कर हमने बहुत बार सुना था कि चर्च ऑफ गॉड को मौजूदा चर्चों की ओर से स्वीकृति नहीं मिली है।

यदि हमारी पुत्रवधू के लिए न होता, तो हमारे पास चर्च ऑफ गॉड से संबंध रखने का कोई कारण नहीं था। लेकिन हमारे लिए पुत्रवधू का इनकार करना बेहद मुश्किल था क्योंकि वह बहुत ही अच्छे से हमारी देखभाल करती थी। हम उससे बहुत प्रेम करते थे, और इसलिए हमें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें।

बहुत सोचने के बाद, मैंने अपनी पत्नी को मनाया और अपने पुत्र और पुत्रवधू के सामने एक शर्त रखी और कहा,

“हम जाकर कुछ चीजों का निरीक्षण करेंगे, लेकिन यदि हमें वह सत्य न लगे, तो तुम्हें उस चर्च को छोड़ना पड़ेगा।”

मैंने दृढ़ता से ऐसा ही कह दिया था। और मैंने सोचा था कि कुछ नहीं बदलेगा। लेकिन जिस दिन हम निधड़क होकर वहां गए, उसी दिन हमने सत्य को ग्रहण किया। बाइबल में लिखा गया माता परमेश्वर का अस्तित्व बेहद चौंकाने वाला था। जितना ज्यादा हमने बाइबल का अध्ययन किया, उतना ही यह साफ होता गया कि माता परमेश्वर का अस्तित्व है।

परमेश्वर की सच्ची सन्तान के रूप में पुन: जन्म लेकर, मेरी पत्नी और मैं एक–दूसरे के गले लगकर रोने लगे। हमारी आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे। यह बहुत हैरान करने वाला तथ्य था कि इतने लंबे समय तक चर्च जाने के बाद भी मैंने माता परमेश्वर को कभी नहीं जाना था, और मेरे मन में यह विचार भी आया कि वह विश्वास जो दसियों सालों से अब तक मेरे पास है, वह सब व्यर्थ है, और साथ ही मैं इस बात के लिए बहुत आभारी था कि मैं आखिरकार अपनी आत्मा की माता से मिला हूं। मेरे मन में मिश्रित भावनाएं उमड़ पड़ीं।

जैसे–जैसे हमने सत्य का अध्ययन किया और परमेश्वर की विधियों का पालन किया, हमें नई वाचा पर और भी अधिक विश्वास हो गया। मेरी पत्नी और मैंने निश्चय किया कि हम सिय्योन में जहां स्वर्गीय पिता और माता रहते हैं, अपने विश्वास के जीवन को ईमानदारी से जीएंगे।

सिय्योन में सिर्फ स्वर्गीय पिता और माता ही नहीं बल्कि दृढ़ आत्मिक भाईचारा बांटनेवाले स्वर्गीय भाई–बहनों ने भी हमारा प्यार से स्वागत किया। भले ही कभी–कभी हमने पुराने खमीर के कार्य किए, तब भी उन्होंने हमेशा एक जैसे ही प्रेम से हमारा स्वागत किया। हमारा परमेश्वर के वचनों के द्वारा मार्गदर्शन करनेवाले भाई–बहनों के साथ हम आनन्दमय विश्वास का जीवन जी सकते थे।

ऐसी अच्छी घटनाएं लगातार होती ही रहीं। कारोबार में असफल होने के बाद, मैं लंबे समय से बेरोजगारी से जूझ रहा था, लेकिन तभी मेरे मित्रों में से एक ने मेरे सामने एक नौकरी का प्रस्ताव रखा। यद्यपि मेरे पास कौशल था जिसे मैंने जवानी के दिनों में सीखा था, लेकिन मेरी उम्र एक नई नौकरी के लिए ज्यादा हो गई थी, इसलिए उस समय मुझे नौकरी मिलना आसान नहीं रहा था। लेकिन मुश्किल दौर से गुजर रही एक प्लास्टिक की कंपनी ने मुझसे मदद मांगी।

लेकिन नई नौकरी मिलने की खुशी मनाना बहुत जल्दबाजी थी। मेरी नई नौकरी में मेरा मालिक, उसकी पत्नी और निदेशक अपने प्रोटेस्टैंट चर्चों में पद–धारक थे। मेरे मालिक के कार्यकक्ष में लकड़ी का एक बड़ा सा क्रूस था। इतना ही नहीं, उसका पादरी अक्सर हमारे कारखाने पर आ जाता था और कर्मचारियों को इकट्ठा करके आराधना कराता था।

चूंकि मेरे लिए एक नौकरी मिलना बहुत मुश्किल था, इसलिए मैं ऐसी कुछ भी चीज नहीं करना चाहता था जिससे प्रबंधक नाराज हो सकते थे। लेकिन जब विश्वास की बात आई, तो वह थोड़ा अलग था। मैं उन कार्यों को जिन्हें मैं सत्य जानने से पहले किया करता था, फिर से करना नहीं चाहता था और मैं किसी मूर्ति के सामने घुटने टेकना भी नहीं चाहता था। जब उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी उनके साथ आराधना में शामिल हो जाऊं, तो मैंने कहा कि, “मैं चर्च ऑफ गॉड का सदस्य हूं,” और मैंने उन्हें यह भी बता दिया कि मैं सब्त के दिन का पालन करता हूं।

मुझे लगता है कि स्वर्गीय पिता और माता शायद इससे प्रसन्न थे कि मेरे पास छोटा विश्वास होने के बावजूद मैंने सत्य का पालन करने का प्रयास किया था। इसलिए पिता और माता ने सभी परेशानियों से निकलने के लिए मेरी सहायता की। उनसे अपना विश्वास खुलकर कहने के बाद मुझे सब्त के दिन का पूरी तरह पालन करने का सौभाग्य मिला।

इसी प्रकार परमेश्वर का अनुग्रह जारी रहा। वास्तव में कुशल तकनीशियनों के लिए भी प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का काम एक बेहद मुश्किल काम है, और काम के दौरान हमेशा आगजनी की संभावना बनी रहती है क्योंकि उसमें पड़ने वाली सामग्रियां अति ज्वलनशील होती हैं। भले ही वह आसान काम नहीं था, लेकिन मैं सुरक्षा पर पूरा ध्यान देते हुए धन्यवादी और आनन्दित मन से काम करने का प्रयास करता था। इससे मैं केवल एक ही साल में तकनीशियन के रूप में सबसे ऊंचे पद पर बैठ सका, और इसके द्वारा मेरे लिए अपने सहकर्मियों को सुसमाचार का प्रचार करने का मार्ग खुल गया। मैं परमेश्वर का बहुत कृतज्ञ था।

मगर इससे भी बढ़कर खुशी मुझे इस बात से मिली कि मेरे परिवार के सदस्यों ने एक–एक करके उद्धार प्राप्त किया। मेरी मां को नए जीवन की आशीष प्रदान हुई, और मेरी बेटी और दामाद भी स्वर्गीय परिवार के सदस्य बन गए। उनमें से मेरी बेटी विश्वास में हमसे आगे बढ़ गई है और अब वह एक सुसमाचार की सेविका के रूप में स्वर्गीय इनामों को जमा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

और जिस दिन मेरी पत्नी और मेरी पुत्रवधू विमान में सवार होकर जेजू द्वीप पर गईं, उस दिन वहां रहनेवाली मेरी पत्नी की छोटी बहन की भी स्वर्गीय माता की बांहों में अगुवाई की गई। जब उसे सत्य ग्रहण किए हुए सिर्फ कुछ ही दिन हुए थे, उसने एक प्रिंसिपल और राज्यसभा के एक सदस्य समेत अपने परिचितों को जेजू द्वीप पर आयोजित “हमारी माता” लेखन और तस्वीर प्रदर्शनी में आमंत्रित किया और फिर उसने उन्हें माता के प्रेम का प्रचार किया।

जब मैं अपने घरवालों को परमेश्वर के पक्ष में खड़े होकर भविष्यवाणियों के नायकों के रूप में बदलते हुए देखता हूं., तो मैं खुशी से फूल जाता हूं और आनन्द से अति भरपूर रहता हूं। मैं जानता हूं कि ये सब खुशियां और आनन्द स्वर्गीय पिता और माता की ओर से हैं। यदि मैं स्वर्गीय माता से न मिला होता, तो शायद अब भी मैं मृत्यु की बेड़ियों में जकड़ा हुआ होता और दंड पाता।

माता, मैं अपने परिवार को एक विश्वास का परिवार बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं हमसे प्रेम करने के लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मैं हमेशा यह याद रखते हुए कि सभी खुशियां और आनन्द आप में हैं, धन्यवाद के साथ विश्वास के मार्ग पर चलूंगा।