भाइयों के बीच प्रेम मातापिता के प्रति सबसे उत्तम मातृपितृ भक्ति है
भाई और बहनें एक ही देह हैं जिन्होंने एक ही मातापिता से जीवन पाया है। भाईचारा स्थापित करने के लिए उन्हें एक दूसरे का आदर करना और एक दूसरे के प्रति अच्छे शिष्टाचार का पालन करना चाहिए।
राजा इ संग ग्ये ने कोरिया में जोसियन राजवंश की स्थापना की थी। उसका पांचवां बेटा इ बांग वन बहुत ही ज्यादा महत्वाकांक्षी था। चूंकि उसके सौतेले भाइयों में से एक युवराज बन गया, तो इ बांग वन क्रोधित हो गया और उसने अपने सौतेले भाई को और एक और सौतेले भाई को भी मार डाला। तब राजा तेजो का दूसरा बेटा राजगद्दी पर बैठा, लेकिन इस बार एक ही मां से पैदा हुए बेटों के बीच – इ बांग वन और चौथा बेटा इ बांग गान, लड़ाई-झगड़ा हुआ। पहले को राजकुमारों का पहला विरोध कहा जाता है और दूसरे को राजकुमारों का दूसरा विरोध कहा जाता है।
एक परिवार के मतभेद की दुखद कहानी, जो जोसियन राजवंश के शुरुआती समय में घटित हुई थी, इस समय में भी अक्सर घटित होती है। संपत्ति के मानक पर सबसे बड़े 40 समूहों में से, 18 समूहों ने प्रबंधन अधिकार को लेकर मतभेद का अनुभव किया है। आजकल अमीर परिवार में भाइयों के बीच की अनबन एक आम बात बन गई है। और यह समस्या केवल अमीर परिवार में नहीं है। साधारण परिवार भी अपवाद नहीं हैं। एक छोटे भाई ने जो संपत्ति के अनुचित वितरण से नाखुश था, अपने बड़े भाई और उसकी पत्नी के सामने बंदूक उठाई थी। कभीकभी, मातापिता का अंतिम संस्कार एक लड़ाई में बदल जाता है क्योंकि उसकी सन्तान ज्यादा विरासत पाने की कोशिश करती हैं।

भाई-बहनों के बीच की अनबन उन्हें न्यायालय में भी ले जाती है, और उन मामलों की संख्या जहां भाई-बहन माता-पिता की मौत के बाद विरासत के मामले को लेकर एक दूसरे पर मुकदमा चलाते हैं, नाटकीय ढंग से बढ़ गई है जो कि 2005 में 158 मामले थे और 2014 में 811 मामले थे। उनमें से कुछ मामलों में तो, विरासत की धनराशि इतनी ज्यादा भी नहीं है। यह बेतुका है कि भाईबहन पैसे के मामले के कारण न्यायालय तक जाते हैं, लेकिन वे कुछ भी पैसा खोना नहीं चाहते।
चूंकि आर्थिक संकट के कारण किसी के लिए अपने स्वयं के परिवार की देखरेख करना भी मुश्किल हो गया है, ऐसे बहुत से मामले होते हैं जहां भाईबहन एक दूसरे के विरोधी बन जाते हैं, या फिर आमदनी के स्तर, शैक्षिक स्तर के अंतर, या मातापिता की सहायता करने के मामलों को लेकर अपने संबंध पर रोक लगा देते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि “भाईचारा” जैसे शब्द अब पुराने हो गए हैं और अब यह संसार हृदय रहित हो गया है। लेकिन एक परिवार में प्रेम ठंडा होना एक गंभीर समस्या है।
लहू पानी से गाढ़ा होता है
भाईबहन बचपन से साथ में मिलकर बड़े होते हैं, और इसलिए उनके पास कुछ समान यादें होती हैं। चूंकि उन्हें एक ही मातापिता से प्रेम और देखभाल प्राप्त होता है, कभीकभी वे एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन जाते हैं; और यदि उनकी उम्र में बड़ा अंतर हो, तो बड़े भाईबहन छोटे के लिए मातापिता की भूमिका अदा करते हैं। वे बड़े होते हुए ईर्ष्या, जलन, घृणा, प्रेम, लगाव, निराशा, सराहना, संतोष जैसी भावनाओं का भी साझा करते हैं। मातापिता अपनी सभी संतानों को बिना किसी शर्त के प्रेम करते हैं, लेकिन भाईबहन एक समान संबंध में रहते हैं और एक दूसरों से बातचीत का कौशल और सामाजिकता सीखते हैं, जिनका वे मातापिता के साथ के संबंध से कभी अनुभव नहीं कर सकते।

जब मातापिता इस संसार को छोड़ देते हैं, तो केवल भाईबहन रह जाते हैं। यदि हम कहें कि औसत आयु 80 वर्ष है और उसे 3 अवधि में बांट दें, तो शुरुआती अवधि में पति या पत्नी नहीं होते, और आखिरी अवधि में मातापिता नहीं होते। हालांकि, भाईबहन जीवन भर साथ में रहते हैं। दूसरे संबंध तब तक जारी रहते हैं जब तक हम स्कूल या कंपनी जैसे किसी निश्चित समूह से संबंधित रहते हैं, और कुछ संबंध हमारे शौक, व्यक्तित्व, और रुचि के आधार पर बनते और बिगड़ते हैं। परन्तु, भाईबहनों के बीच का संबंध जीवन भर बना रहता है। चाहे वे कभीकभी एक दूसरे के साथ विवाद करते हैं, वे ही हैं जो अपने जीवनकाल में सबसे लंबा समय साथ में बिताते हैं, और उनके बीच का संबंध मातापिता और संतान के बीच के संबंध के जैसा ही विशेष है।
इसी कारण से भाईबहनों के बीच में मेलजोल की भावना दूसरे अन्य संबंध से अलग है। उनकी यह मेलजोल की भावना तब भी नहीं टूटती जब एक दूसरे से अलग रहने की अवधि उनके साथ रहने से ज्यादा हो। इस बात को हम तब समझ सकते हैं जब अलग हुए परिवार फिर मिलते हैं। वे भाईबहन अपने बचपन में ही युद्ध के कारण अलग हो गए थे, लेकिन वे एक दूसरे को तब तक नहीं भूलते जब तक वे बूढ़े न हो जाएं और फिर न मिलें। ऐसा इसलिए क्योंकि वे एक ही मांस और लहू होते हैं। लहू पानी से अधिक गाढ़ा होता है। चाहे वे सिर से पैर तक अलग होते हैं, चूंकि उनके मातापिता एक ही हैं, वे आपस में एक दूसरे से प्रेम करने के लिए ही पैदा हुए हैं।
भाईचारे के अच्छे संबंध के लिए आदर और शिष्टता अति आवश्यक है
एक अनुसंधान दिखाता है कि यदि किसी के अपने भाईबहनों के साथ अच्छे संबंध नहीं होते तो वह बड़े होने के बाद उदासी रोग से पीड़ित होने की संभावना अधिक है। इसे हम कई तरीकों से समझ सकते हैं: भाईबहनों के बीच की अनबन शुरुआती स्तर का उदासी रोग हो सकती है, और भाईबहनों के साथ का एक अच्छा संबंध दूसरों के साथ भी अच्छे संबंध को स्थापित करता है। जो भी हो, भाईबहनों के साथ का अच्छा संबंध मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।

भाईबहन अच्छी यादों और बुरी यादों का भी साझा करते हैं। यदि आप अपने भाईबहनों के साथ एक अच्छा संबंध रखना चाहते हैं, तो आपको सभी बुरी और निराश करनेवाली यादों को मिटा देना चाहिए। बड़े होने के बाद भाईबहनों को एक दूसरे का सम्मान करना और छोटी बातों में भी शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। बचपन में, बड़ा और छोटा दोनों एक दूसरे के साथ झगड़ा और लड़ाई करते थे, लेकिन जब वे सब बड़े हो जाते हैं और अपने परिवार को चलाते हैं तो परिस्थिति बदल जाती है। पहले वे आपके बड़े या छोटे भाई-बहन होते थे, लेकिन शादी करने के बाद अब वे किसी परिवार का मुखिया, किसी की पत्नी या किसी के मातापिता होते हैं।
जब कुछ भाईबहन राष्ट्रीय छुट्टियों में मिलते हैं तो वे अक्सर बहस करने लगते हैं। यदि आप अपने भाईबहनों के साथ बहस नहीं करना चाहते, तो उन विषयों से दूर रहना सबसे अच्छा होगा जो दूसरों की भावनाओं को उकसाता है जैसे कि राजनीतिक या सामाजिक बातें, एक दूसरे के परिवार की परिस्थिति, और बच्चों के शैक्षणिक स्तर, और स्वयं की बड़ाई करने से भी दूर रहना चाहिए। जब आप बात करते हैं, तो आपको सुननेवाले के बारे में विचार करना चाहिए, और एक दूसरे की गलती या दोष को प्रकट करने के बदले एक दूसरे को क्षमा करने और समझने की कोशिश करना चाहिए। जब छोटे भाईबहन यह सोचते हुए बड़े भाईबहनों का सम्मान करते हैं और उनका पालन करते हैं कि ‘कोई छोटा भाईबहन बड़े भाईबहन से बेहतर नहीं होता,’ और बड़े भाईबहन मातापिता के मन के साथ छोटे भाईबहनों की देखभाल करते हैं और उनसे प्रेम करते हैं, तो वे हमेशा अच्छा संबंध बना सकते हैं।
भाईचारा और मातृपितृ भक्ति अविभाज्य है
दो भाइयों के बारे में एक कहानी है जिन्होंने सोने के टुकड़े को फेंक दिया था। दो भाइयों को एक बार रास्ते पर सोने का टुकड़ा मिला। उसके बाद, वे ज्यादा लालची बनने लगे और उस सोने के टुकड़े के कारण एक दूसरे के प्रति घृणा महसूस करने लगे। इसलिए उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उसे फेंक दिया, क्योंकि वे एक दूसरे को ज्यादा मूल्यवान समझते थे। यह सच में एक दिल को छू लेने वाली कहानी है। ऐसे दो भाइयों को देखकर सबसे ज्यादा गर्व उनके मातापिता को होगा, है न?
चाहे सन्तान एक सफल जीवन जीती हो, यदि वह अपने भाईबहनों के लिए दुश्मन के समान काम करती हो, तो उसके मातापिता को हमेशा चिंता रहेगी। परन्तु, चाहे सन्तान आर्थिक रूप से परेशानी में रहती हो, यदि वह अपने भाईबहनों के साथ सामंजस्य रखती हो, तो उसके मातापिता दूसरों से अधिक खुश रहेंगे। मातापिता को अच्छे कपड़े और अच्छे भोजन देना मातृपितृ भक्ति के अच्छे कार्य है, लेकिन सबसे अच्छी मातृपितृ भक्ति भाईबहनों के साथ भाईचारे का प्रेम रखना है।

भाईचारे का प्रेम और मातृपितृ भक्ति कभी एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते। ली युल्गोक ने, जो कोरिया के जोसियन राजवंश का एक प्रसिद्ध विद्वान था, कहा था, “भाईबहनों के साथ सामंजस्य न रखना मातापिता से प्रेम न करने के बराबर है। यदि कोई सचमें अपने मातापिता से प्रेम करता है, तो कैसे वह उस सन्तान से प्रेम नहीं कर सकता जिसे उसके मातापिता ने जन्मा है?” बाइबल कहती है, “यदि कोई कहे, ‘मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं,’ और अपने भाई से बैर रखे, तो वह झूठा है। जो कोई परमेश्वर से प्रेम रखता है वह अपने भाई से भी प्रेम रखे”(1यूह 4:20-21)। यह दिखाता है कि आत्मिक मातापिता के प्रति प्रेम और भाइयों के प्रति प्रेम एक समान है। बाइबल भाईचारे के प्रेम के बारे में एक गीत भी गाती है: “देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहे!”(भज 133:1)।
हालांकि, इन दिनों ज्यादा से ज्यादा लोग भाईचारे के प्रेम से अधिक सोने को चुनते हैं। एक अजनबी के मुकाबले अपने भाईबहन के साथ कम निकटता रखना; अपने मातापिता के लिए इससे बुरा और कुछ नहीं होगा। यदि आप अपने बच्चों को लड़ाई न करने और एक दूसरे के साथ सामंजस्य से रहना सिखाते हैं जबकि आप स्वयं ऐसा नहीं करते, तो क्या ऐसी शिक्षा यथार्थ हो सकती है? यदि मातापिता अपने बच्चों को दिखाएं कि कैसे वे अपने भाईबहनों के साथ, जो उनके बच्चों के लिए चाचा या मौसी हैं, अच्छे संबंध रखते हैं, तो बच्चे सीखेंगे कि उन्हें भी वैसा ही करने की आवश्यकता है।
कनाडा में मैकमास्टर विश्वविद्यालय के एक अनुसंधान दल के द्वारा किए गए एक अनुसंधान के अनुसार, जब अलगअलग किस्म के पौधों को एक ही गमले में एक साथ रखा गया, तो उन्होंने अधिक मात्रा में पानी और पोषण प्राप्त करने के लिए अपनी जड़ों को गहराई तक फैलाया था, लेकिन जब एक ही किस्म के पौधों को लगाया गया, तो वे अपनी जड़ों की गहराई को नियंत्रित करते हुए, एक दूसरे के प्रति विचारशील रहे थे। देखने में पौधे कमजोर और निर्बल लगते हैं जो बारिश आने पर भीग जाते हैं और हवा चलने पर हवा की दिशा में झुक जाते हैं। परन्तु, आश्चर्यजनक रूप से, वे अपने ही परिवार के पौधों को पहचानते हैं।
आदम की पहली सन्तान कैन ने जलन के कारण अपने छोटे भाई हाबिल की हत्या की थी। बाइबल में दर्ज मानव इतिहास में पहली हत्या भाई की हत्या थी। यह दिखाता है कि मानवजाति की शांति के लिए भाईचारे के प्रेम को पुन:स्थापित करना चाहिए। भाईचारे का प्रेम मातृपितृ भक्ति में जारी होता है, और जो कोई अपने मातापिता से अच्छा व्यवहार रखता है वह बुरा नहीं हो सकता। इसलिए, जब भाईचारे का प्रेम पुन:स्थापित हो जाएगा, वह परिवार में और पूरे संसार में शांति लाएगा।