घरेलू कामकाज को बांटने में अद्भुत सामर्थ्य होती है।

घरेलू कामकाज करना परिवार और घर के लिए एक लगाव है, और वह हर किसी का काम है।

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खाना पकाना, बर्तन साफ करना, कपड़े धोना, साफ सफाई करना, कचरा फेंकना, जरूरी चीजों को खरीदना… घरेलू कामकाज हर रोज होता है। चाहे आप इसे करें, यह जाहिर नहीं होता, लेकिन यदि आप इसे न करें, तो यह साफ जाहिर हो जाता है। भले ही घरेलू कामकाज आसान और तुच्छ लगता है, लेकिन बहुत से परिवारों में उसकी वजह से लड़ाई होती है। ‘वह घरेलू कामकाज में मेरा हाथ क्यों नहीं बटाता?’ ‘मैं पूरा दिन काम करके आया हूं, तो वह कैसे मुझे काम करने को कह सकती है?’ ‘अरे, उसकी चिन्ता मत करो, मां वह कर लेगी।’… समस्या घरेलू कामकाज से नहीं, लेकिन परिवार के सदस्यों के विचारों में भिन्नता होने से होती है।

कभी-कभी आपको घरेलू कामकाज करने की इच्छा नहीं होती, और वे मामूली और तुच्छ लगते हैं। लेकिन यदि रसोई का सिंक दुर्गंध फैलाने वाली गंदी थालियों से भरा हो, फ्रिज खाली हो, सब चीजें कचरों के साथ पड़ी हों, और कपड़े न धुले जाने के कारण आपको गंदे कपड़े फिर से पहनने पड़ते हो, तो क्या होगा? क्या आप ऐसी परिस्थिति में प्रसन्न रह सकते हैं? ऐसे घर में आप शारीरिक और मानसिक रूप से टूट जाएंगे।

भोजन जिसे समय, समर्पण और प्रयास के साथ बनाया गया है, उसमें केवल पोषण नहीं होता, लेकिन उसमें परिवार के लिए लगाव भी होता है। एक परिवार के सदस्य जो ऐसे भोजन को साथ मिलकर खाते हैं, वे संतुष्ट और प्रभावित होते हैं और एक-दूसरे के और करीब आते हैं, और वे अच्छी तरह एक दूसरे से बातचीत भी कर सकते हैं। कपड़े धोने या सफाई करने के लिए भी प्रेम और बलिदान की भावना चाहिए। प्रेम जो घरेलू कामकाज के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से दिया जाता है, परिवारवालों को मन से शांति और आराम प्रदान कर सकता है।

घरेलू कामकाज परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए है।

जब कोई एक ही व्यक्ति अकेले घरेलू कामकाज करता है, तो परिवार के बाकी सदस्य खुद को आरामदेह महसूस करते हैं, लेकिन उसके दुष्प्रभाव बाद में दिखाई देते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि पत्नी सभी घरेलू कामकाज करती है, और पति और बच्चे घर में कोई काम नहीं करते। लेकिन यदि पत्नी को किसी अनिवार्य काम से बाहर जाना पड़ा, तो क्या होगा? परिवार के बाकी सदस्यों को तो खाना बाहर से मंगवाना पड़ेगा या फिर भूखा रहना पड़ेगा। और यदि पत्नी बीमार है तो क्या? पूरा घर गंदा और खराब हो जाएगा।

घरेलू कामकाज में शामिल होना श्रम को बांटना नहीं है। वह ऐसा काम है जो परिवार के सभी लोगों को अवश्य करना है, और वह एक रास्ता है जिससे यह साबित होता है कि वे एक ही परिवार के सदस्य हैं। बहुत से शोधों के अनुसार, परिवार के सदस्य जितना ज्यादा कार्यों को बांटते हैं, उतने ही वे जीवन से संतुष्ट होते हैं। चाहे परिवार के सदस्य एक ही घर में रहते हैं, वे आसानी से अलग रहकर कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं या टीवी देख सकते हैं, लेकिन यदि वे घरेलू कामकाज को आपस में बांट लें, तो स्वाभाविक रूप से उन्हें आपस में बातचीत करने के मौके मिलते हैं, और वे यह महसूस कर सकते हैं कि वे एक दूसरे के लिए अति आवश्यक हैं।

उससे बढ़कर, घरेलू कामकाज करने का अर्थ होता है कि आप अपने परिवार और घर के प्रति प्रेम की भावना रखते हैं। जब कभी आप घरेलू कामकाज करते हैं, तब ‘वह मुझे करना ही पड़ेगा,’ यह सोचकर जबरन काम करने के बजाय, यह सोचिए कि वह जीवन का एक भाग है जिसके द्वारा आप और आपका परिवार एक सुखद वातावरण में रह सकते हैं। यदि आप इस प्रकार के भाव से घर की देखभाल करते हैं, तो घरेलू कामकाज आपको श्रम नहीं लगेगा, बल्कि वह एक खुशी बन जाएगा।

घरेलू कामकाज का बच्चों पर होनेवाला असर

“मैं अपने बच्चों को घर की सफाई करने को कहती हूं, तो वे ऊपर से मेरा काम बढ़ा देते हैं,” “उनके पास पढ़ाई करने का भी समय नहीं होता, तो कैसे मैं उन्हें घर की सफाई करने में मदद करने को कह सकता हूं?” बहुत से माता-पिता सोचते हैं कि अपने बच्चों से घरेलू कामकाज में मदद मांगने से स्वयं ही वह काम करना अच्छा है। उनके पास ऐसा सोचने के बहुत से कारण भी हैं, लेकिन घरेलू कामकाज वे स्कूल में या पुस्तकों के द्वारा कभी नहीं सीख सकते। इसलिए यह अच्छा है कि बचपन से ही उनसे घरेलू कामकाज करवाया जाए। घरेलू कामकाज में मदद करना केवल माता-पिता की मदद करना नहीं है, लेकिन वह उन्हें सिखाने के लिए भी है।

जब बालक को किसी चीज का प्रभारी बनाया जाता है, तो वह जिम्मेदारी सीखता है। वह उन चीजों को करते हुए जिनका उसे प्रभारी बनाया गया है, आत्मविश्वास पाता है कि वह स्वयं उन्हें कर सकता है। यह बच्चों के आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए बहुत प्रभावी है। केवल इतना ही नहीं, वे अपने कमरों को साफ करते और कार्य के अनुक्रम को समझते हुए चीजों को सुव्यवस्थित रखना भी सीख सकते हैं। वे अधिक उत्सुकता, बेहतर क्रियाशीलता, एकाग्रता और सकारात्मकता भी धारण कर सकते हैं। और साथ मिलकर घरेलू कामकाज करने से वे परिवार के सदस्यों की सेवा करना भी सीख सकते हैं।

जब आप अपने बच्चे को घरेलू कामकाज में मदद करने को कहें, तो आपको उन्हें ऐसे काम देने चाहिए जो वे अपनी उम्र के अनुसार कर सकते हैं। दो या तीन साल के बच्चे अपने खिलौने पेटी में रख सकते हैं या पुस्तकें अलमारी में रख सकते हैं। प्राथमिक स्कूल की निम्न कक्षा के बच्चे जो आत्मनिर्भर होना सीख रहे हैं, अपनी मां को रसोई के काम में या फिर रंग के हिसाब से कपड़े अलग-अलग करके वाशिंग मशीन में डालने में सहायता कर सकते हैं। प्राथमिक स्कूल के बच्चे अपने स्कूल के जूते स्वयं धोकर साफ कर सकते हैं।

माता-पिता को केवल बच्चों के लिए बलिदान करना और उन्हें बिना शर्त के प्रेम देना ही केवल महत्वपूर्ण नहीं है। उन्हें अपने बच्चों को घरेलू कामकाज में सहायता करने के द्वारा मिलती परिवार की खुशी और तालमेल को महसूस करने का समय देना चाहिए और यह भी सिखाना चाहिए कि एक दूसरे की सहायता कैसे करनी चाहिए। लेकिन आपको उन्हें ऐसे किसी काम के लिए प्रभारी नहीं बनाना चाहिए जिसे किसी वयस्क को करना चाहिए, या परिस्थिति और हालात को समझे बिना उन्हें घरेलू कामकाज करने के लिए नहीं कहना चाहिए।

घरेलू कामकाज को बांटने का अनुभव

1. उन्हें ऐसे काम का प्रभारी बनाना जिसे वे अच्छे से कर सकते हैं

परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार कार्य को समान रूप से बांटने या उनकी लिंग या पारंपरिक कर्तव्यों के अनुसार कार्य को बांटने के बदले, परिवार का प्रत्येक सदस्य कौन सा काम करना चाहता है, उसके अनुसार कार्य को बांटने की कोशिश कीजिए। ऐसे विभिन्न प्रकार के कार्य हैं जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति अच्छे से कर सकता है और पसंद करता है। उदाहरण के लिए, मां खाना पकाने का काम करेगी क्योंकि वह उस काम में निपुण है, और पिता घर की सफाई का काम करेंगे क्योंकि उन्हें घर साफ रखना पसंद है, और पुत्र कपड़ों को तह लगाकर रखेगा क्योंकि उसे सुव्यवस्थित रहना पसंद है। एक दूसरे के बारे में सोचें कि दूसरे कौन सा काम अच्छे ढंग से करते हैं, और पहले वह उन्हें करने दें, और बाकी कामों को साथ में बांट लीजिए।

2. नियत किए गए काम की मात्रा जरूरी नहीं है

सिर्फ कामों को आपस में बराबर बांटने से ही खुशी नहीं मिलती। एक खुश परिवार बिल्कुल इसकी परवाह नहीं करता कि किसने ज्यादा काम किया और किसने कम काम किया। कुछ जोड़े ऐसे होते हैं जो काम को एक समान बांटने के बावजूद संतुष्ट नहीं होते, और कुछ ऐसे परिवार भी होते हैं जो शिकायत नहीं करते भले ही कोई व्यक्ति ज्यादा घरेलू कामकाज करता है। जरूरी बात यह नहीं है कि कौन क्या काम करता है, लेकिन घरेलू कामकाज के बारे में उनकी मानसिकता और साथ मिलकर काम करने के उनके प्रयास जरूरी हैं।

3. परिस्थिति के अनुसार लचीला होना चाहिए

चूंकि आपने घरेलू कामकाज को आपस में बांट दिया है, इसका यह अर्थ नहीं होता कि आप परिवार के दूसरे सदस्यों को सौंपे गए काम को अनदेखा करें। मान लीजिए कि आपके पति को लिविगं-रूम के फर्श को साफ करने का काम सौंपा गया है, लेकिन एक दिन वह काम से देरी से लौटता है। तो क्या यह निर्दय नहीं होगा कि हर एक व्यक्ति का काम निर्धारित होने की वजह से आप उसे लिविगं-रूम के फर्श की सफाई करने को कहें? उस स्थिति में अच्छा होगा कि कोई दूसरा व्यक्ति उसके बदले फर्श की सफाई कर दे या अगले दिन उन्हें करने दे। चाहे आपकी भूमिका कुछ भी हो, और चाहे नियम कुछ भी हो, लेकिन सबसे पहले प्रेम के साथ एक दूसरे के प्रति विचारवान बनें।

4. चाहे कोई खराब काम करता है, फिर भी उसकी आलोचना न कीजिए

पति और बच्चों को घरेलू कामकाज करना पसंद न होने के कारणों में से एक यह है कि बहुत मेहनत से काम करने पर भी उनकी गलतियां निकाली जाती हैं। निस्संदेह, घरेलू कामकाज करते समय कुछ प्रशंसा सुनने की जरूरत नहीं है, लेकिन खराब काम करने पर यदि आप उन्हें डांटती हैं, तो फिर वे उसे फिर कभी नहीं करना चाहेंगे। कोई भी ऐसे काम में कुशल नहीं हो सकता जिसे उसने कभी न किया हो। चाहे उनका काम संपूर्ण न हो, आप उनकी गलती मत निकालिए और उस काम को फिर से स्वयं न कीजिए, बल्कि उसके लिए उनकी सराहना कीजिए। सराहना और प्रोत्साहन से बढ़कर कोई इनाम नहीं होता।

5. काम की मात्रा को कम कीजिए

अच्छा होता यदि आपको कुछ भी काम न करना पड़े, लेकिन घर में हमेशा कुछ न कुछ सफाई करने का काम रहता है। लेकिन आप एक तरीके से काम को कम कर सकते हैं। जब आप किसी वस्तु का प्रयोग करें और फिर उसे कहीं भी छोड़ या रख दें, तो वह एक “काम” बन जाता है, लेकिन यदि आप उसे सही जगह पर वापस रख दें, तो वह कोई काम नहीं बनेगा। यदि आप अपने मोजे उतारकर उन्हें कहीं भी छोड़ दें, तो वह उन्हें एक जगह पर रखने वाले के लिए एक “काम” बन जाता है, लेकिन यदि आप उन्हें कपड़े की टोकरी में सही तरह से डाल दें, तो वह कोई काम नहीं बनता। और कूड़े को तुरन्त ही कूड़ेदान में डालने की भी आदत बना लीजिए।

6. काम में उत्तम होना जरूरी नहीं है

यदि आपका घर लोगों को नमूने के रूप में दिखाने के लिए न रखा गया हो, तो आपका घर जहां आप हर रोज समय बिताते हैं, संपूर्ण नहीं बन सकता। हमारा उद्देश्य हमेशा झाड़ू-पोंछा लगाना नहीं है ताकि हमारे घर में धूल न रहे। सबसे जरूरी बात यह है कि परिवार के सदस्यों की खुशी है जो साथ में रहते हैं। जब आपके परिवार के सदस्य थके-मांदे हों, तो घरेलू कामकाज के मानकों को नीचा कर देना चाहिए। यह उत्तम होगा कि आप परिवार के सदस्यों की सेहत और खुशी के लिए घरेलू कामकाज को आसान और अनुकूल बनाएं।

एक खुश परिवार में एक ऐसी चीज है जिसे घरेलू कामकाज करने के बाद वे कभी नहीं भूलते। वह एक दूसरे की सराहना करना है। यदि आप उन्हें हतोत्साहित करना चाहते हैं, तो आप कह सकते हैं, “तुमने केवल अपना काम किया है, तो तुम अपनी प्रशंसा क्यों करवाना चाहते हो?” यदि आप ऐसा कुछ नहीं चाहते, तो फिर कहिए, “तुमने आज मेरा बहुत हाथ बटाया है,” “आपका धन्यवाद, अब हमारा परिवार आराम से रह सकेगा,” “आज आपने बहुत काम कर दिए। मैं आपकी मालिश कर देती हूं।” चाहे ऐसा कहना साधारण लगता है, लेकिन आपकी प्रशंसा के द्वारा उनकी थकान तुरन्त दूर हो जाएगी।