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जगह जहां परमेश्वर चाहते हैं कि हम रहें

साओ पाउलो, ब्राजील से डोरीस एस्पिनोजा हुआचाका

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मेरे लिए एक बहुत खास दिन था भले ही यह दूसरों के लिए सामान्य दिन रहा होगा। यह तब की बात है जब पेरू में चर्च ऑफ गॉड के कुछ सदस्यों ने जिनके चेहरे पर मुस्कान रखी हुई थी, मुझे माता परमेश्वर के अस्तित्व के बारे में बताया था। उस दिन, परमेश्वर ने मेरे मन को खोला और मुझे नया जीवन प्राप्त करने की अनुमति दी। मेरे पति जो काम से घर आए थे, उन्होंने भी वचन सुनकर सत्य को ग्रहण किया, और मेरा छोटा भाई भी स्वर्गीय परिवार का एक सदस्य बन गया।

मैं बचपन से ही एक प्रोटेस्टैंट चर्च में जाया करती थी, और भले ही मुझे वाकई पता नहीं था कि प्रचार क्या है, मैं लोगों को वचन का प्रचार करने की कोशिश करती थी। मैंने अपने पति से भी बहुत बार मेरे साथ चर्च में आने और बाइबल का अध्ययन करने के लिए कहा था। लेकिन मेरे पति जिन्होंने अपनी मां के बिना अपना कठिन बचपन बिता था अक्सर मुझसे पूछते थे, “यदि परमेश्वर मौजूद है, तो क्यों हमें इस पृथ्वी पर दुख सहन करना पड़ता है?” प्रोटेस्टैंट चर्च के लोग उसे एक ठोस जवाब नहीं दे सके।

जब हम पहली बार चर्च ऑफ गॉड में गए, भाइयों और बहनों ने “वी लव यू” कहकर हमारा स्वागत किया। मेरे पति और मैं ने चर्च ऑफ गॉड में सच्चाई का अध्ययन किया, और “हमारी आत्माएं कहां से आईं और कहां जा रही हैं?” “हम इस पृथ्वी पर दर्दनाक जीवन क्यों जी रहे हैं?” हमें उन सवालों का जवाब मिला। फिर, हम अक्सर सिय्योन जाने लगे। मेरे पति ने मुझे परमेश्वर की इच्छा को समझने और उसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी तरह, हमारे विश्वास का जीवन शुरू हुआ।

कुछ साल बाद, मेरे पति और मेरे बीच, जो सुसमाचार के मार्ग पर एक साथ चल रहे थे, कुछ परिवार की समस्याओं के कारण कई बार झगड़े हुए थे। उस समय, मेरा मानना था कि मेरे पास अच्छा विश्वास है, लेकिन मैंने कई बार अपने पति की भावनाओं को चोट पहुंचाई थी।

मेरा अहंकार मेरे पति के विश्वास के जीवन को कठिन बना रहा था, उस समय के आसपास मेरे पति की छोटी बहन येनी, जिससे मैं अक्सर फोन पर बात किया करती थी क्योंकि वह ब्राजील में रहती थी, हमसे मिलने के लिए पेरू में आई। मेरे पति ने यह सोचते हुए कि शायद वह कुछ समय के लिए उससे फिर से नहीं मिल सकेगा, तुरंत उसे सच्चाई का प्रचार किया, और येनी अपने व्यस्त दिनचर्या के बावजूद अपना समय निकाला और उसने सिर हिलाते हुए वचन सुना। जब वह ब्राजील लौट गई, हमने उसे कुछ एलोहिस्ट पत्रिकाएं दीं ताकि वह माता परमेश्वर के बारे में न भूल जाए। इसके बाद, जब भी मेरे पति ने फोन पर उससे बात की, तो वह उसे ब्राजील में चर्च ऑफ गॉड में जाने के लिए कहता था। जब येनी ने कहा कि यदि वह उससे मिलने ब्राजील में आएगा तो वह चर्च में जाएगी, तब मेरे पति के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई।

दो साल बीत गए। एक दिन, येनी ने मेरे पति को ब्राजील में आने और उसके साथ काम करने के लिए कहा। मेरे पति ने, जो येनी के साथ बात करते हुए उस मामले में अधिक से अधिक दिलचस्पी लेने लगा, मुझसे कई बार पूछा, “क्या हम ब्राजील जाएंगे?” चूंकि मैं पेरू में ही रहना चाहती थी, तो मैंने उसे उत्तर दिया, “वहां क्यों जाना है? हम यहां अच्छे से रह रहे हैं।”

उस समय के आसपास, हम एक ऐसा जीवन जी रहे थे जो अन्य लोगों की आंखों में अच्छा दिखाई दे रहे थे। हम ऐसे एक युवा जोड़े की तरह दिखाई दिए होंगे जो परमेश्वर के वचन का पालन करते हुए आशा से भरा हुआ जीवन जी रहा है। लेकिन हम वास्तव में वैसे नहीं थे।

हमने सत्य के वचनों को सिर्फ शाब्दिक रूप से समझा था, मगर हमें बचाने के लिए किए गए स्वर्गीय पिता और माता के महान बलिदान और प्रेम को हृदय से महसूस नहीं किया था। उसके अलावा, चूंकि हम आत्मिक आशीषों से शारीरिक चीजों की अधिक परवाह करते थे, एक के बाद एक समस्याएं उत्पन्न होती रही थीं, और उन समस्याओं ने एक फंदे की तरह हमें जकड़ लिया और आगे बढ़ने से हमें रोका। गहरे अंधेरे में हमारा गिरना बंद नहीं हुआ। सब कुछ मेरी बनाई हुई योजनाओं और मेरे विचारों के विपरीत दिशा में जा रहा था, और एक के बाद एक बुरी घटना होती रही। उन सभी समस्याओं को उठाते हुए, मुझे लगा जैसे मेरे मन में कोई जगह नहीं है या मैं सांस नहीं ले पा रही हूं, और मेरा मन गहरे दुख, क्रोध और निराशावादी विचारों से भर गया था। तब, एलोहीम परमेश्वर ने मेरी मर रही आत्मा को हिलाकर जगा दिया।

“चलो, ब्राजील चलें।”

मेरे पति ने फोन पर कहा था, मैंने अंत में अपना मन बदल दिया और वहां साथ चलने के लिए कहा। आखिरकार, आंसुओं, अफसोस और डर के साथ हम पेरू को छोड़कर ब्राजील के साओ पाउलो में पहुंचे। हमें इस बात की चिंता थी कि हम शायद सिय्योन भी नहीं ढूंढ़ पाएंगे क्योंकि हम वहां कभी नहीं गए थे और हमें पुर्तगाली भाषा नहीं आती थी, लेकिन येनी ने हमारे साथ चलते हुए सिय्योन को ढूंढ़ने में हमारी मदद की। जब हम सिय्योन के दरवाजे पर पहुंचे, तो मेरे मन में मिश्रित भावनाएं उमड़ पड़ीं।

“क्या यह चर्च ऑफ गॉड है जो स्वर्गीय माता पर विश्वास करता है?”

साओ पाउलो सिय्योन के सदस्यों ने स्नेहपूर्ण मुस्कुराहट और प्रेम के साथ हमारा स्वागत किया। एक विदेशी भूमि में सिय्योन को ढूंढ़कर मैं बहुत खुश और आभारी थी। वह सब्त का दिन बहुत आरामदायक और सुंदर था। भले ही संसार देश, महाद्वीप, और राष्ट्रीयता के द्वारा लोगों के बीच भेद करता है, लेकिन दुनिया भर में हर एक सिय्योन में एक समान प्रेम होता था।

येनी धाराप्रवाह पुर्तगाली बोल सकती थी क्योंकि वह लगभग दस वर्षों से ब्राजील में रह रही थी, इसलिए उसने हमारे लिए अनुवाद किया। हमारे साथ में सब्त का दिन मनाते हुए वह एलोहीम परमेश्वर के सच्चे प्रेम के द्वारा बहुत प्रेरित हुई थी, और वह इस तथ्य से आश्चर्यचकित हुई कि इस तरह का शुद्ध प्रेम अभी भी दुनिया में मौजूद है; शायद उसे इसलिए और अधिक एहसास हुआ होगा क्योंकि उसने मेरे पति के जैसे अपने माता–पिता से प्रेम प्राप्त किए बिना एक कठिन जीवन जिया था। एलोहीम परमेश्वर ने उसे सांत्वना दी जो इस दुनिया में घायल हो गई थी, और जीवन के मार्ग में उसका नेतृत्व किया। नए जीवन की आशीष प्राप्त करने के बाद, उसने खुद के लिए यहां आने के लिए हमें धन्यवाद दिया, और मुझे एहसास हुआ कि हमारा ब्राजील में आना परमेश्वर की इच्छा थी।

बहन येनी ने, जिसे सच्चाई में सच्ची खुशी महसूस हुई, अपने कार्यस्थल पर और मेट्रो में भी वचन का प्रचार किया और फोन पर लोगों को सत्य के बारे में बताया। स्वर्गीय पिता और माता की बांहों में नए सिरे से जन्म लेकर, वह अपने हृदय से जीवन भर के आंतरिक अंधेरे को निकालने लगी। उसे सभी प्रकार के प्रलोभन और कष्टों का सामना करना पड़ता था, लेकिन उसने अपने पिछले जीवन के लिए पश्चाताप किया और पिता और माता का पालन करने की कोशिश की। इस बात का एहसास करते हुए कि जब वह स्वर्गीय परिवार के साथ रहे, तब वह वास्तव में खुश हो सकती है, वह पूरी तरह से अतीत के अंधेरे जीवन से दूर हो गई।

बहन येनी पेरू लौट गई जिसे वह बहुत याद किया करती थी, और अब वह वहां अपना विश्वास बनाए रख रही है। यह देखते हुए कि कैसे सिय्योन की ओर बहन येनी की अगुवाई हुई और कैसे वह अपने विश्वास में दृढ़ खड़ी रही, मैं उस असीम प्रेम को थोड़ा सा समझ सकी जिसके साथ एलोहीम परमेश्वर एक आत्मा को बचाते हैं। यद्यपि मेरे होंठ परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए बहुत छोटे हैं और परमेश्वर की गहरी इच्छा को समझने के लिए मेरी समझ में कई मायनों में कमी है, यह अनुभव मेरे हृदय पर गहराई से उत्कीर्ण हुआ।

पहले, मुझमें विश्वास और धीरज की कमी थी, इसलिए मैं छोटी–छोटी समस्याओं से भी पीड़ित हो जाती थी, और ऐसा सोचकर बहुत चिंतित होती थी कि उनका कभी हल नहीं होगा। मैं बस उन समस्याओं से दूर जाना चाहती थी और मैं विश्वास करती थी कि यह ही एकमात्र रास्ता है जो मेरे जीवन को बेहतर बना सकता है, लेकिन चीजें मेरी इच्छा के अनुसार नहीं हुईं। भले ही हमने एक अलग तरीके से कोशिश की और एक अलग स्थान पर स्थानांतरित हुए, किसी भी चीज का हल नहीं हुआ और समस्याएं वापस आती रहीं। लेकिन दुख के समय में भी स्वर्गीय माता के स्नेहपूर्ण हाथ मुझे प्रोत्साहन दे रहे थे और मेरा मार्गदर्शन कर रहे थे। मैं यह महसूस कर सकी कि मैं सचमुच माता की बेटी हूं जो उनसे प्रेम प्राप्त कर रही है।

अब मेरे पति और मैं ब्राजील में 7 अरब लोगों को बचाने के मिशन के लिए प्रयास कर रहे हैं। चाहे हम जहां कहीं भी हों, वह एक ऐसी जगह है जहां परमेश्वर चाहते हैं कि हम रहें, इसलिए हम मेहनत से सुसमाचार के मिशन को पूरा करेंगे।

“आइए हम स्वर्गीय पिता और माता को प्रसन्न करें!”

मैं प्रार्थना करती हूं कि इस आशा के साथ एकता में हम सुसमाचार के मिशन को पूरा करें। भले ही हम बहुत कमजोर हैं, फिर भी परमेश्वर के उद्धार के कार्य में भाग लेने की आशीष हमें देने के लिए मैं पिता और माता को अनंत धन्यवाद देती हूं।