कभी भी देर नहीं होती

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एक दिन, एक बुजुर्ग आदमी जो रूसी सीखना चाहता था, रूसी भाषा स्कूल में दाखिला लेने गया।

एक कर्मचारी ने उससे विनम्रता से पूछा,

“क्या आप अपने बेटे का दाखिला कराने आए हैं?”

“नहीं, मैं अपना दाखिला कराने आया हूं।”

कर्मचारी हैरान हो गया, इसलिए बुजुर्ग आदमी ने स्थिति समझाई।

“मेरी बहू रूसी है। मैं परेशान हूं क्योंकि मैं उससे बिल्कुल भी बात नहीं कर पाता। मैं उसके साथ साधारण बातचीत करना चाहता हूं।”

“तो फिर, आपकी उम्र कितनी है?”

“मैं 77 साल का हूं।”

“रूसी में बातचीत करना सीखने में आपको कम से कम तीन साल लगेंगे। तब तक, आपकी उम्र 80 साल हो जाएगी।”

फिर, बुजुर्ग आदमी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,

“यदि मैं अगले तीन साल तक कुछ नहीं करूं, तो मैं फिर भी उससे बात नहीं कर पाऊंगा, और शायद मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैंने 77 साल की उम्र में रूसी सीखना शुरू नहीं किया।”

आज आप जितने युवा हैं, उतने फिर कभी नहीं होंगे। जब तक आप अपने आसपास की परिस्थितियों पर काबू पाने का साहस जुटा लेते हैं, तब तक किसी भी चीज की शुरुआत करने में कभी देर नहीं होती।