पूर्वधारणा को तोड़कर

तिजुआना, मेक्सिको से सोंग यू मी

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एक दिन, मैं एक बहन के साथ आने वाले सब्त के दिन की तैयारी करने के लिए सिय्योन जा रही थी। इस बीच, हमने एक मध्यम आयु वर्ग की महिला को देखा जो प्राथमिक स्कूल के सामने अपने बच्चे का इंतजार कर रही थी। हम उसे बाइबल के वचन सुनाने के लिए उसके पास गईं। लेकिन मेरे मन में यह विचार आया कि, ‘वह शायद कहेगी कि उसके पास सुनने के लिए समय नहीं है क्योंकि उसका बच्चा जल्द ही स्कूल से बाहर आ जाएगा।’

मेरी अपेक्षा के विपरीत, वह स्वेच्छा से परमेश्वर के वचन सुनने के लिए समय निकाला। उसने अपनी आंखें बाइबल पर टिका दीं। जब उसकी बटी अपने स्कूल से बाहर आई, तो उसने अपनी बेटी से कहा कि वह थोड़ी देर अपने दोस्तों के साथ स्कूल में उसका इंतजार करे और वचन पर ध्यान देती रही। माता परमेश्वर के अस्तित्व के बारे में सुनकर उसने कहा कि वह बाइबल का अधिक अध्ययन करना चाहती है, और वह हमें अपना फोन नंबर देकर अपनी बेटी के साथ घर चली गई।

हमने उसे वचन सुनने के लिए धन्यवाद संदेश भेजा, लेकिन हम अभी भी संदेह में थीं।

‘शायद उसे वास्तव में बाइबल में दिलचस्पी नहीं होगी, वह बस हमारे प्रति दयालु रही थी।’

थोड़ी देर बाद, उसने हमें एक आवाज संदेश के द्वारा उत्तर दिया।

“बाइबल के वचन जो आपने मुझे दिखाया वह दिलचस्प था। मैं कई लोगों को जीवन के विषय पर व्याख्यान देती हूं। लेकिन मैं बाइबल के बारे में कुछ नहीं जानती, इसलिए मैं इस मौके पर बाइबल का अध्ययन करना चाहती हूं।”

वह महिला ऐसी व्यक्ति थी जो मौके मिलने पर बाइबल सीखना चाहती थी। मुझे खुद पर शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे मन में पूर्वधारणा थी। जब उसने ईमानदारी से बाइबल का अध्ययन करना शुरू किया, तो उसने परमेश्वर की आशीष के मूल्य को महसूस किया और नया जीवन प्राप्त किया। उसके पति और बेटी ने भी परमेश्वर की संतान बनने की आशीष प्राप्त की।

भले ही उसे अपना विश्वास का जीवन शुरू किए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ, लेकिन वह हमेशा बाइबल की शिक्षाओं के अनुसार जीने का प्रयास करती है। चूंकि परमेश्वर से प्रार्थना करना उसके दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है, उसके आसपास के लोग कभी-कभी उसे अकेला छोड़ देते हैं ताकि वह अपनी प्रार्थना पर ध्यान केंद्रित कर सके। वह परमेश्‍वर के सबसे छोटे वचन का भी पालन करने की पूरी कोशिश करती है, तो वह अन्य सदस्यों के लिए विश्वास का एक अच्छा नमूना बनती है। मैं ही वह हूं, जिसने उससे सबसे ज्यादा सीखा है। मैं ईमानदारी से और निडरता से सत्य का प्रचार करूंगी और अपने खोए हुए स्वर्गीय परिवार के सदस्यों को खोजूंगी।