यीशु कौन हैं?

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चौथी शताब्दी से लेकर आज तक, यीशु के स्वरूप को लेकर लगातार विवाद चल रहा है।

कुछ चर्च त्रिएक से इनकार करते हुए यीशु को हमारी तरह सृष्ट किया गया एक जीव समझते हैं। कुछ चर्च कहते हैं कि यीशु एक स्वर्गदूत हैं। कुछ चर्च दावा करते हैं कि परमेश्वर और यीशु दोनों का उद्देश्य और इच्छा एक ही हैं, इसी कारण भले ही उन दोनों को एक जैसा माना जा सकता है, लेकिन वे दोनों एक नहीं हैं। क्यों सभी चर्चों में एक ही बाइबल को लेकर अलग–अलग व्याख्या है? यह इसलिए है क्योंकि वे पवित्र शास्त्र को जो पवित्र आत्मा की प्रेरणा से लिखा गया है, पाप से ढकी हुई शारीरिक आंखों से देखकर उसकी व्याख्या करते हैं। मसीह जो मानवजाति को बचाने के लिए शरीर में आए, मूल रूप से परमेश्वर हैं। आइए हम पुराने और नए नियम की भविष्यवाणियों और उनकी पूर्णता के द्वारा इसकी पुष्टि करें।

इम्मानुएल

इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखेगी। यश 7:14

यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उनके इकट्ठा होने से पहले ही वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई… “देखो, एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा,” जिसका अर्थ है – परमेश्वर हमारे साथ। मत 1:18–23

यशायाह की पुस्तक में यह भविष्यवाणी थी कि मसीह संसार में प्रकट होंगे और उन्हें इम्मानुएल कहा जाएगा जिसका मतलब है, “परमेश्वर हमारे साथ हैं।” परमेश्वर को हमारे साथ होने के लिए, हमारी तरह शरीर पहनकर आना चाहिए। चूंकि बाइबल यीशु को इम्मानुएल कहती है, यीशु परमेश्वर हैं जो शरीर में आए।

परमेश्वर का एक बालक के रूप में जन्म होना

क्योंकि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता… इसलिए वह उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से लेकर सर्वदा के लिए न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए और सम्भाले रहेगा। यश 9:6–7

स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम, भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना… और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। लूक 1:30–32

एक स्वर्गदूत मरियम के सामने प्रकट हुआ और उससे उत्पन्न होने वाले पुत्र को यीशु का नाम दिया, और फिर उसने उससे कहा कि वह बालक दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा। यशायाह नबी ने यीशु के जन्म से 700 वर्ष पहले लिखा था कि बालक जो दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा वह पराक्रमी परमेश्वर और अनन्तकाल का पिता है। इसका मतलब है कि यीशु ही पराक्रमी परमेश्वर हैं।

परमेश्वर जिसकी एक पुकारनेवाले के द्वारा गवाही दी गई

किसी की पुकार सुनाई देती है, “जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो… “अपने परमेश्वर को देखो!” देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ आ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखा, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है। वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा… यश 40:3–11

उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर… यह वही है जिसकी चर्चा यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा की गई: “जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी करो।”… “मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आने वाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उसकी जूती उठाने के योग्य नहीं।”… उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। मत 3:1–17

यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की कि यहोवा परमेश्वर सामर्थ्य के साथ आएंगे और एक चरवाहे की तरह अपने झुण्ड को चराएंगे। और उसने यह भी कहा कि यहोवा के आने से पहले उनका मार्ग सुधारने के लिए एक नबी की पुकार सुनाई देगी। लेकिन मत्ती ने कहा कि वह पुकारने वाला ही यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला है। और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने गवाही दी कि जो उसके बाद आनेवाले हैं वह यीशु हैं। इसलिए यीशु यहोवा परमेश्वर हैं जिनके बारे में यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की कि वह सामर्थ्य के साथ आएंगे।

सृष्टिकर्ता परमेश्वर

यहोवा, तेरा उद्धारकर्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, “मैं यहोवा ही सब का बनानेवाला हूं, जिसने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है।” यश 44:24

सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। यूह 1:9–12

वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप… क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएं, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं… वही देह, अर्थात् कलीसिया का सिर है; वही आदि है, और मरे हुओं में से जी उठनेवालों में पहिलौठा… कुल 1:15–18

यशायाह नबी ने लिखा कि जिन्होंने सब वस्तुओं की सृष्टि की, वह केवल यहोवा हैं। लेकिन प्रेरित यूहन्ना और पौलुस ने कहा कि यीशु सृष्टिकर्ता परमेश्वर हैं जिन्होंने सब वस्तुओं की सृष्टि की। तब क्या इसका मतलब यह नहीं है कि यीशु स्वयं यहोवा हैं? यदि यहोवा परमेश्वर और यीशु अलग होते, तो दो अलग–अलग दुनियाओं का अस्तित्व होता, एक दुनिया जो यहोवा के द्वारा सृजी गई और दूसरी दुनिया जो यीशु के द्वारा सृजी गई। लेकिन वास्तव में दुनिया एक है। इसलिए यीशु ही सृष्टिकर्ता यहोवा परमेश्वर हैं।

ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान

“तू सेनाओं के यहोवा को ही पवित्र मानना। वही तेरे भय का कारण हो और तू उसी का भय मानना। तब वह तेरा पवित्रस्थान बन जाएगा। परन्तु इस्राएल के दोनों घरानों के लिए वह ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान तथा यरूशलेम के निवासियों के लिए जाल और फ़न्दा होगा।” यश 8:13–14

उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ और बहुमूल्य जीवता पत्थर है… अत: तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उनके लिये “जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया,” और “ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है,”… 1पत 2:4–8

यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की कि सर्वशक्तिमान यहोवा परमेश्वर ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान होंगे। इसलिए सैकड़ों वर्ष बाद बहुत से लोग शरीर में आए परमेश्वर, यानी यीशु पर विश्वास न करके ठोकर खाकर गिरे। प्रेरित पतरस ने यशायाह 8:14 का हवाला देकर बताया कि “ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान” यह वचन यीशु के द्वारा पूरा हुआ। इसलिए यीशु यहोवा परमेश्वर हैं।

राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु

जिसे वह ठीक समय पर दिखाएगा, जो परमधन्य और एकमात्र अधिपति और राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है, और अमरता केवल उसी की है… 1तीम 6:15–16

वे मेम्ने से लड़ेंगे, और मेम्ना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो बुलाए हुए और चुने हुए और विश्वासी हैं वे उसके साथ हैं; वे भी जय पाएंगे। प्रक 17:14

सिर्फ परमेश्वर को ही “राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु” की उपाधि प्रदान की जा सकती है। इसलिए प्रेरित पौलुस ने लिखा कि परमेश्वर परमधन्य और एकमात्र अधिपति और राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु हैं। लेकिन प्रेरित यूहन्ना ने यीशु को जो मेम्ना हैं, राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु कहा। चूंकि वह उपाधि जो सिर्फ परमेश्वर को दी जा सकती है, यीशु को दी गई, इसलिए इसका मतलब है कि यीशु यहोवा परमेश्वर हैं, है न?

अल्फा और ओमेगा

प्रभु परमेश्वर, जो है और जो था और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्तिमान है यह कहता है, “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूं।” प्रक 1:8

मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अंतिम, आदि और अन्त हूं… “मुझ यीशु ने…” प्रक 22:13–16

अल्फा ग्रीक वर्णमाला का पहला अक्षर है और ओमेगा अंतिम अक्षर है। इसलिए प्रकाशितवाक्य 1:8 का मतलब है कि यहोवा परमेश्वर पहला और अंतिम, आदि और अन्त हैं। लेकिन 22वें अध्याय में यीशु ने स्वयं कहा कि वह अल्फा और आमेगा हैं। इसलिए यहोवा परमेश्वर और यीशु एक ही हैं।

वचन देहधारी हुआ

… वचन परमेश्वर था… वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं… और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। यूह 1:1–14

प्रेरित यूहन्ना ने कहा कि परमेश्वर देहधारी होकर आए, लेकिन लोगों ने जो उनके द्वारा सृजे गए थे, उन्हें न तो पहिचाना और न ही स्वीकार किया। क्या यीशु ही वह परमेश्वर नहीं हैं जो देहधारी होकर आए? फिर भी लोगों ने यीशु को नहीं स्वीकारा और उनसे इनकार किया। लेकिन उन लोगों के लिए जिन्होंने उन्हें ग्रहण किया, वह महिमा की ज्योति थे और सबसे बहुमूल्य थे। इसलिए परमेश्वर ने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया।

मैं और पिता एक हैं

“मैं और पिता एक हैं।” यहूदियों ने उस पर पथराव करने को फिर पत्थर उठाए… यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, “भले काम के लिये हम तुझ पर पथराव नहीं करते परन्तु परमेश्वर की निन्दा करने के कारण; और इसलिये कि तू मनुष्य होकर अपने आप को परमेश्वर बनाता है।” यूह 10:30–33

“मैं और पिता एक हैं,” कहकर यीशु ने इस बात पर जोर दिया कि वह स्वयं परमेश्वर हैं। उसके बावजूद, यहूदियों ने परमेश्वर को अपनी आंखों से देखते हुए भी ग्रहण नहीं किया। पुराने नियम की इस व्यवस्था के अनुसार, “यहोवा के नाम की निन्दा करनेवाला निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग निश्चय उस पर पथराव करें(लैव 24:16),” यहूदियों ने यीशु पर पथराव करने की कोशिश की जिन्होंने खुद को परमेश्वर कहा था। यद्यपि उन्होंने उन्हें नहीं पहिचाना, लेकिन यीशु पिता परमेश्वर थे।

जिसने यीशु को देखा है उसने परमेश्वर को देखा है

आइए हम उस दृश्य पर जाएं जहां यीशु ने फसह के पर्व की रात को अपने चेलों को आखिरी उपदेश दिया।

यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूं… यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।” यूह 14:6–7

उस समय जब यीशु ने खुद के बारे में कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूं,” व्यवस्थापक जिन्होंने बाइबल का अध्ययन किया था, जरूर यह जानते थे कि यीशु ने खुद के बारे में क्या कहा। क्योंकि बाइबल के पुराने नियम में सिर्फ यहोवा परमेश्वर को ही “मार्ग और सत्य और जीवन” कहा जा सकता था। जब यहोवा परमेश्वर इस पृथ्वी पर शरीर में आए, उनका नाम यीशु था, इसलिए यीशु ने कहा, “यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उन्हें देखा भी है।”

फिलिप्पुस जो यीशु के बारह चेलों में से एक था, यीशु के इस वचन को नहीं समझ सका। शायद दूसरे प्रेरित भी उसकी तरह थे। फिलिप्पुस ने कहा, “हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे, यही हमारे लिए बहुत है(यूह 14:8)।” यीशु को उसकी बात से खेद हुआ, और उन्होंने उसे ऐसा जवाब दिया;

यीशु ने उससे कहा, “हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा?… मेरा विश्वास करो कि मैं पिता में हूं और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्वास करो।” यूह 14:9–11

जब चेलों ने यीशु को नहीं पहिचाना जो मूल रूप से यहोवा परमेश्वर थे, तब यीशु ने चेलों पर अपने आपको प्रकट किया और खुद के बारे में यह गवाही दी कि वही मसीह हैं। जब यीशु शरीर में थे, उन्होंने पहले अपने चेलों को चिताया था कि किसी से न कहना कि वह मसीह हैं(मत 16:20) और उन्होंने अपने चेलों को सिखाया था कि वे सिर्फ परमेश्वर को ही महिमा दें, लेकिन जब यीशु उनके साथ अंतिम भोज कर रहे थे, उन्होंने कहा, “यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा(यूह 14:14)।” यद्यपि वह मूल रूप से यहोवा परमेश्वर थे, लेकिन जब वह शरीर में थे, तब उन्होंने परमेश्वर के पुत्र के रूप में काम किया। मगर संसार को छोड़ने से ठीक पहले, उन्होंने वादा किया कि वह उस हर चीज का जवाब देंगे जो वे यीशु के नाम से मांगेंगे, और इससे उन्होंने पुत्र के युग में उद्धारकर्ता के नाम की घोषणा की।

परमेश्वर का स्वरूप

जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो; जिसने परमेश्वर के स्वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन् अपने आपको ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आपको दीन किया, यहां तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। फिलि 2:5–8

प्रेरित पौलुस ने प्रथम चर्च के संतों से आग्रह किया कि जैसा यीशु मसीह का स्वभाव था वैसा ही स्वभाव रखना चाहिए। यीशु मूल रूप से परमेश्वर थे, परन्तु वह अपनी सेवा करवाने की चाह रखे बिना दूसरों की सेवा करते थे। हमें सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सन्तान के रूप में फिर से सृजने के लिए, वह स्वयं परमेश्वर होने के बावजूद परमेश्वर के पुत्र के रूप में इस पृथ्वी पर आए और अपने आपको दीन किया और वह इतने आज्ञाकारी बन गए कि उन्होंने अपने प्राण तक निछावर कर दिए।

यहोवा का आत्मा मसीह का आत्मा है

इसी उद्धार के विषय में उन भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत खोजबीन और जांच–पड़ताल की, जिन्होंने उस अनुग्रह के विषय में जो तुम पर होने को था, भविष्यद्वाणी की थी। उन्होंने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उनमें था, और पहले ही से मसीह के दुखों की और उसके बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था। 1पत 1:10–11

प्रेरित पतरस ने नई वाचा के सुसमाचार के द्वारा दिए जाने वाले अनुग्रह के विषय में इस प्रकार कहा कि पुराने नियम के नबियों ने मसीह के आत्मा से प्रेरित होकर उस अनुग्रह की भविष्यवाणी की थी। लेकिन पुराने नियम के नबियों ने जब उस अनुग्रह की भविष्यवाणी की थी, उन्होंने कहा था कि वे यहोवा के आत्मा से पे्ररित हुए थे।

प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं। यश 61:1

दाऊद के अन्तिम वचन ये हैं… “यहोवा का आत्मा मुझ में होकर बोला, और उसी का वचन मेरे मुंह में आया।” 2शम 23:1–2

वह मसीह थे जिन्होंने यशायाह नबी को प्रेरित करके उसके द्वारा आनेवाली बातों की भविष्यवाणी की थी, और वह यहोवा का आत्मा यीशु मसीह का आत्मा था जिसने दाऊद के द्वारा बातें की थीं। इसलिए यहोवा परमेश्वर और यीशु एक हैं।

जब तक परमेश्वर मिल सकते हैं तब तक उनकी खोज में रहो

हमने यीशु के बारे में अनेक भविष्यवाणियों का सिर्फ कुछ भाग देखा है। अनन्त जीवन परमेश्वर और यीशु मसीह को जानना है। बिना यह समझे कि यीशु मसीह कौन हैं, हम कैसे कह सकते हैं कि हम परमेश्वर को जानते हैं? यीशु के द्वारा कहे गए वचन और प्रेरितों के द्वारा लिखे गए पत्र स्पष्ट रूप से हमें बताते हैं कि यीशु निश्चय ही शरीर में आए परमेश्वर हैं। प्रथम चर्च के प्रेरितों और संतों के पास ऐसा विचार था कि यीशु यहोवा परमेश्वर हैं। वे अविश्वासियों के द्वारा निंदित और अपमानित किए जाने के बावजूद निडरता से प्रचार करते थे कि यीशु मसीह परमेश्वर हैं।

यशायाह नबी ने हमें सलाह दी कि जब तक परमेश्वर मिल सकते हैं तब तक उनकी खोज में रहो, जब तक वह निकट हैं तब तक उसे पुकारो। वह समय कब है जब परमेश्वर हमारे निकट हैं? यह वह समय है जब परमेश्वर शरीर में रहते हैं।

… मैं तुम्हारे साथ सदा की वाचा बांधूंगा, अर्थात् दाऊद पर की अटल करुणा की वाचा… “जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो… वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।” यश 55:3–7

परमेश्वर के शरीर में रहने का समय ही वह समय होता है जब हम परमेश्वर से मिल सकते हैं और उद्धार पा सकते हैं। अब ही वह समय है।

यदि आप इसके विषय में और अधिक जानना चाहें, तो कृपया मसीह आन सांग होंग के द्वारा लिखी गई पुस्तक, “त्रिएक पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर की व्याख्या” पढ़िए, तो आप इसे ठीक–ठीक समझेंगे।